दिल्ली शराब घोटाले में केजरीवाल की गिरफ्तारी
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बुधवार सुबह केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने दिल्ली शराब घोटाले के संबंध में गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी दिल्ली की राजनीति में भारी हलचल मचाने वाली है। CBI ने केजरीवाल की 5 दिन की हिरासत की मांग की है और इस पर अदालत ने लगभग चार घंटे की लंबी बहस सुनी। अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है और यह फैसला शाम 4:30 बजे घोषित किया जाएगा।
CBI का तर्क और केजरीवाल की प्रतिक्रिया
सुनवाई के दौरान, केजरीवाल ने स्पष्ट किया कि उन्होंने अपने डिप्टी मनीष सिसोदिया के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया और उन्होंने कहा कि कोई भी दोषी नहीं है। CBI के वकील ने इस दावे का खंडन करते हुए कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स तथ्यों पर आधारित हैं।
स्वास्थ्य संबंधी चिंता
सुनवाई के दौरान, केजरीवाल की तबीयत बिगड़ गई जब उनकी शुगर स्तर गिर गई और उन्हें कुछ समय के लिए दूसरे कमरे में ले जाया गया। यह घटना अदालत में एक और विवाद का कारण बनी, जिससे सुनवाई में और देरी हो गई।
पहली गिरफ्तारी और मौजूदा स्थिति
यह पहली बार नहीं है जब केजरीवाल को इस मामले में गिरफ्तार किया गया हो। मार्च 21 को उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। तब से वह तिहाड़ जेल में बंद हैं। हालांकि, उन्हें 10 मई से 2 जून तक 21 दिन की पैरोल दी गई थी।
CBI ने 25 जून को रात 9 बजे तिहाड़ जेल में केजरीवाल से पूछताछ की थी, जो इस मामले में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
घोटाले का पूरा मामला
दिल्ली शराब घोटाले का मामला तब उजागर हुआ जब दिल्ली सरकार के शराब नीति में कथित अनियमितताओं के आरोप लगे। इस घोटाले में कई राजनीतिक और प्रशासनिक अधिकारियों पर आरोप हैं और यह मामला दिल्ली की राजनीति में बहुत बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है।
आरोपों के मुताबिक, इस घोटाले में भारी मात्रा में रकम का हस्तांतरण हुआ है और इसमें कई अहम लोग शामिल हैं। CBI और ED ने इस मामले की जांच में तेजी लाई है और कई अधिकारियों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
अदालत का फैसला और आगे की दिशा
अब सबकी नजरें अदालत के फैसले पर टिकी हैं, जो शाम 4:30 बजे आएगा। यदि अदालत CBI की मांग को स्वीकार करती है, तो केजरीवाल को 5 दिन की हिरासत में लेना पड़ेगा। यह परिस्थितियों में एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है।
इस पूरे घटनाक्रम ने दिल्ली की राजनीति में एक नया मोड़ दिया है। केजरीवाल समर्थकों के बीच नाराजगी बढ़ रही है और विपक्षी दल इस मौके का पूरा फायदा उठा रहे हैं।
अब देखना यह होगा कि अदालत का फैसला क्या होता है और इस मामले में आगे क्या नया मोड़ आता है। यह घोटाला और इसकी जांच दिल्ली की राजनीति के लिए आने वाले दिनों में कई नई चुनौतियाँ और अवसर लेकर आ सकता है।
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