कज़ान में 16वां BRICS शिखर सम्मेलन: प्रधानमंत्री मोदी की रूस यात्रा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के कज़ान में आयोजित 16वें BRICS शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 22 अक्टूबर 2024 को रवाना हुए। इस महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन का विषय 'न्यायसंगत वैश्विक विकास और सुरक्षा के लिए बहुपक्षवाद को सशक्त करना' है। यह शिखर सम्मेलन BRICS समूह के विस्तार के बाद पहला है और इसमें प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
इस बार के शिखर सम्मेलन में गाज़ा संघर्ष और ईरान-इस्राइल के बीच चल रहे तनाव जैसे विषयों पर गहन विचार-विमर्श होने की संभावना है। ईरान के राष्ट्रपति मसोद पेजेश्कियान और फिलिस्तीन के नेता महमूद अब्बास भी इस वार्ता में शामिल होंगे। ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर BRICS जैसी महत्वपूर्ण संस्था के फोरम पर चर्चा करना महत्वपूर्ण है, जो वैश्विक समुदाय को शांति और स्थिरता की दिशा में प्रयासरत रखता है।
प्रधानमंत्री मोदी का द्विपक्षीय वार्ताओं का कार्यक्रम
प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा के दौरान उनकी कई द्विपक्षीय बैठकों का भी कार्यक्रम है। इनमें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ वार्तालाप प्रमुख हैं। इन प्रकार की द्विपक्षीय वार्ताएँ न केवल संबंधित देशों के आपसी संबंधों को मजबूत करती हैं, बल्कि बहुपक्षीय मंच पर मुद्दों के सामूहिक समाधान की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान देती हैं।
BRICS शिखर सम्मेलन में ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के नेताओं के साथ ही पांच नए सदस्य - मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब, और यूएई भी शामिल होंगे। नए सदस्य देशों के जुड़ने से BRICS का दायरा और भी व्यापक हो गया है, जिससे बहुपक्षीयता को एक नई दिशा मिल रही है।
अमेरिकी प्रतिक्रिया और चीन का रुख
वहीं, अमेरिका ने इस शिखर सम्मेलन के प्रति अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। व्हाइट हाउस ने स्पष्ट किया कि वह BRICS को एक संभावित भू-राजनीतिक विरोधी के रूप में नहीं देखता, बल्कि भारत, दक्षिण अफ्रीका, और ब्राज़ील जैसे भागीदार देशों के साथ सहयोग को जारी रखने में विश्वास रखता है।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने BRICS के प्रति चीन के विश्वास को दोहराया और इसे बहुपक्षीयता को बढ़ावा देने में एक रचनात्मक और विश्वसनीय शक्ति बताया। यह स्पष्ट है कि BRICS के विस्तार और उसकी भूमिका को लेकर चीन का रुख सकारात्मक और आशावादी है।
भारत की प्रमुख भूमिका
BRICS में भारत की भूमिका भी बेहद महत्वपूर्ण है। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने इस संगठन में भारत के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत ने आर्थिक विकास और वैश्विक शासन संरचनाओं में सुधार के लिए BRICS के वृहत प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अब जब नए सदस्य भी इसमें शामिल हो गए हैं, भारत की इन प्रयासों में भूमिका और भी बढ़ गई है।
कज़ान में भारतीय प्रवासी समुदाय द्वारा प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत के लिए लगाए गए होर्डिंग्स इस यात्रा के प्रति भारतीय समुदाय के उत्साह को दर्शाते हैं। यह सम्मेलन 22 से 24 अक्टूबर 2024 तक चलेगा और विश्व भर से लोग इस पर अपनी नज़रें जमाए हुए हैं। कज़ान में यह शिखर सम्मेलन निस्संदेह वैश्विक विकास और सुरक्षा के लिए विभिन्न देशों के बीच सहयोग को एक नई दिशा प्रदान करेगा।
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