जय शाह बने आईसीसी के नए अध्यक्ष
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव जय शाह को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) का नया अध्यक्ष चुना गया है। उनका कार्यकाल 1 दिसम्बर 2024 से शुरू होगा, जब वर्तमान अध्यक्ष ग्रेग बार्कले का कार्यकाल 30 नवम्बर 2024 को समाप्त होगा। इस निर्णय ने इस बारे में चल रही अटकलों पर विराम लगा दिया है कि अगले आईसीसी अध्यक्ष कौन होंगे।
ग्रेग बार्कले का निर्णय
ग्रेग बार्कले ने अपने पद से पुनः चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय किया है, और इसी वजह से जय शाह निर्विरोध इस पद पर चुने गए। जय शाह आईसीसी के इतिहास में सबसे युवा अध्यक्ष बन गए हैं, केवल 35 साल की उम्र में। बार्कले ने अपने दो कार्यकाल पूरे कर लिए हैं और उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया था कि वह तीसरे कार्यकाल के लिए चुनाव नहीं लड़ेंगे। इस निर्णय से जय शाह का रास्ता साफ हुआ।
भारत का प्रभाव
जय शाह का आईसीसी का अध्यक्ष बनना भारत के क्रिकेट में प्रभाव को और मजबूत करता है। जय शाह इस पद पर पहुंचने वाले पांचवें भारतीय हैं। उनसे पहले जगमोहन डालमिया, शरद पवार, एन. श्रीनिवासन और शशांक मनोहर इस पद पर रह चुके हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारतीय क्रिकेट की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महत्वता कितनी बढ़ गई है।
समर्थन और सहयोग
जय शाह के चुनाव के लिए उन्हें कई क्रिकेट बोर्ड्स का समर्थन प्राप्त हुआ, जिसमें इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे प्रमुख बोर्ड्स भी शामिल थे। इन बोर्ड्स के समर्थन ने जय शाह को आवश्यक बहुमत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जय शाह की योग्यता और उनकी गतिविधियों के कारण उन्हें यह समर्थन मिला, जिससे उन्हें सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया।
जय शाह के विचार और उनकी योजनाएं
जय शाह ने आईसीसी अध्यक्ष के रूप में चुने जाने पर कहा कि वह इस सम्मान और जिम्मेदारी के लिए बहुत उत्साहित हैं। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी प्राथमिकता क्रिकेट को और अधिक समावेशी और वैश्विक बनाने की होगी। शाह ने यह भी कहा कि वह खेल के सभी पहलुओं में पारदर्शिता, समर्पण और विकास को महत्व देंगे।
इस नई भूमिका के तहत जय शाह को कई महत्वपूर्ण मुद्दों से निपटना होगा, जैसे की नए खेल प्रारूपों का निर्माण, महिला क्रिकेट को बढ़ावा देना, और विभिन्न देशों में क्रिकेट संरचना को मजबूती देना। इसके अलावा, उनका सपना है कि क्रिकेट को ओलंपिक्स का हिस्सा बनाया जाए।
निष्कर्ष
जय शाह का आईसीसी अध्यक्ष बनना न केवल भारतीय क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण पल है, बल्कि पूरे क्रिकेटिंग जगत के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव है। उनकी ताजपोशी से भारतीय क्रिकेट का प्रभाव और बढ़ेगा। आने वाले समय में यह देखना रोचक होगा कि जय शाह अपनी चुनौतियों का कैसे सामना करेंगे और क्रिकेट की दुनिया को कौनसी नई दिशा में ले जाएंगे।
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