दिल्ली, यूपी और बिहार में भारी बारिश का अलर्ट: IMD ने अगले कुछ दिनों के लिए जारी की चेतावनी

दिल्ली-NCR में कैसा रहेगा मौसम?

अगर आप दिल्ली या उसके आसपास रहते हैं, तो अगले कुछ दिनों के लिए छाता और रेनकोट हमेशा साथ रखें। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 29 जुलाई से 1 अगस्त तक दिल्ली और एनसीआर में आमतौर पर बादल छाए रहने और IMD के मुताबिक हल्की से मध्यम बारिश के साथ कई जगहों पर भारी बारिश का खतरा बताया है। मौसम विभाग ने यह भी कहा है कि कहीं-कहीं बिजली गिरने और गरज के साथ तेज बारिश की आशंका है। दिल्ली का अधिकतम तापमान 29 से 31 डिग्री सेल्सियस के बीच बना रहेगा, यानी सामान्य से काफी कम। अगर आमतौर पर इस समय पारा 35 डिग्री तक पहुंचता है, तो इस बार मौसम रहेगा सुहावना।

बारिश का ये दौर 31 जुलाई से 3 अगस्त तक जारी रह सकता है। इस दौरान, हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है और तापमान एक-दो डिग्री और गिर सकता है। राहत की बात है कि गर्मी से लोगों को कुछ दिनों के लिए निजात मिलेगी, लेकिन जिन इलाकों में जलभराव की समस्या रहती है, वहां सतर्क रहें।

उत्तर प्रदेश और बिहार में भी पानी-पानी होने की आशंका

उत्तर प्रदेश और बिहार में भी पानी-पानी होने की आशंका

यूपी, खास तौर पर पूर्वी उत्तर प्रदेश में इस वक्त मॉनसून पूरी तरह सक्रिय है। मौसम विभाग के मुताबिक, यूपी के कुछ इलाकों में तो भारी से बेहद भारी बारिश हो सकती है। मॉनसून का एक लो प्रेशर सिस्टम जिन्दा है, जो मध्य भारत से सीधे यूपी में ठीकठाक बरसात करवा रहा है। पिछले दिनों पश्चिमी मध्य प्रदेश और गुजरात के भी कुछ जिलों में 150% से ज्यादा बारिश हो चुकी है। मध्य भारत के सेंट्रल लो प्रेशर और पूर्वी राजस्थान व गुजरात के मौसम तंत्र का पूरा असर पूर्वी यूपी पर दिख सकता है।

अगर बिहार की बात करें, तो वहां भी मानसून लगातार हलचल में है। हालांकि IMD की ताजा बुलेटिन में बिहार का नाम बहुत प्रमुखता से नहीं था, लेकिन पूरे पूर्वी भारत के मॉनसून गतिविधि को देखकर इतना तो तय है कि वहां कई जगहों पर पानी बरस सकता है। खासकर बिहार के उत्तर और पूर्वी जिलों में छिटपुट बारिश जारी रहेगी।

असल में, हर तरफ लगातार बारिश के पीछे सबसे बड़ा कारण है सक्रिय मॉनसून ट्रफ का यूपी, बिहार होते हुए बंगाल की खाड़ी की ओर खिंच जाना। ऐसे में इन राज्यों के मौसम को लेकर प्रशासन ने भी अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं, क्योंकि भारी बारिश आने पर लोकल फ्लड, बिजली गिरना और जलभराव की घटनाएं बढ़ जाती हैं। आपातकालीन सेवाओं को भी अलर्ट कर दिया गया है।

  • दिल्ली-NCR में तापमान रहेगा 29–31°C के बीच
  • पूर्वी यूपी में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी
  • बिहार में छिटपुट लेकिन लगातार बारिश की संभावना
  • मॉनसून ट्रफ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन के चलते बढ़ी बारिश

मौसम विभाग की सटीक मॉनिटरिंग और लगातार अपडेट्स से लोगों को समय पर सतर्क रहने का मौका मिल रहा है, लेकिन आप अपने इलाके की स्थानीय खबरें भी जरूर देखें। बच्चों-बुजुर्गों और वैसे लोगों को एक्स्ट्रा केयर की जरूरत है जिनके इलाके पानी से जल्दी भर जाते हैं। बेहतर है कि भारी बारिश के दौरान बिना वजह बाहर न निकलें—क्योंकि इस बार बारिश एक दो दिन नहीं, लगातार कई दिन पड़ने वाली है।

Ravi Kant

Ravi Kant

लेखक

मैं एक समाचार संपादक हूँ और दैनिक समाचार पत्र के लिए लिखता हूं। मेरा समर्पण जानकारीपूर्ण और निष्पक्ष रिपोर्टिंग के प्रति है। मैं अक्सर भारतीय दैनिक घटनाओं पर ध्यान केंद्रित करता हूं ताकि पाठकों को अद्यतित रख सकूं।

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टिप्पणि

  • shubham ingale
    shubham ingale जुलाई 31, 2025

    चलो सब तैयार रहें 😊 छाता साथ रखो और सुरक्षित रहो

  • Ajay Ram
    Ajay Ram अगस्त 7, 2025

    आपने सही कहा कि मौसम में बदलाव हमारे दैनिक जीवन को गहराई से प्रभावित करता है।
    बारिश के सिलसिले का आगमन न केवल जलवायु विज्ञान का एक अभिप्रेत चरण है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक आयामों पर भी गहरा असर डालता है।
    जब दर्जनों नेत्रों में धुंधलापन और सड़कों पर जलस्तरों का निर्माण होता है, तो दैनिक यात्राओं का ढांचा पुनः परिभाषित हो जाता है।
    ऐसे समय में सामुदायिक सहयोग की भावना उत्पन होती है, जहाँ पड़ोसी एक-दूसरे की मदद के लिए तैयार रहते हैं।
    इसी प्रकार स्थानीय प्रशासन को भी त्वरित कदम उठाने चाहिए, जैसे जल निकासी प्रणाली को सक्रिय करना और आपातकालीन सेवाओं को तैनात करना।
    वैज्ञानिक डेटा के अनुसार, मानसून का यह दांवपेंच कई बार अनिश्चित रहता है, इसलिए सतर्कता बनाए रखना आवश्यक है।
    किशोर व युवा वर्ग को भी अपने शैक्षणिक कार्य से हटकर घर में सुरक्षित रहने की सलाह दी जानी चाहिए।
    फसल किसान के लिए वरदान और आपदा दोनों दोनों हो सकती है, इसलिए बवंडर प्रबंधन की रणनीति बनानी चाहिए।
    स्मार्ट तकनीकों का उपयोग करके हम रीयल‑टाइम में बारिश की तीव्रता को मॉनिटर कर सकते हैं।
    परन्तु यह भी याद रखना चाहिए कि अत्यधिक अनुकूलन से प्रकृति के साथ हमारा संतुलन बिगड़ सकता है।
    अतः हमें संतुलित दृष्टिकोण अपनाना चाहिए, जहाँ व्यक्तिगत सुरक्षा और पर्यावरणीय संरक्षण दोनों को महत्व मिले।
    भविष्य में ऐसी स्थितियों के लिए शिक्षा प्रणाली में जलवायु जागरूकता को सम्मिलित करना उचित रहेगा।
    अंत में, प्रत्येक व्यक्ति की छोटी‑छोटी सावधानियां मिलकर बड़े स्तर पर संरक्षण का कार्य करती हैं।
    समुदाय में आपसी संवाद और सहयोग इस तरह के आपदा प्रबंधन को सुगम बनाते हैं।
    इसलिए, आइए हम सब मिलकर इस बारिश के दौर को सुरक्षित और जागरूकता के साथ पार करें।

  • Dr Nimit Shah
    Dr Nimit Shah अगस्त 13, 2025

    भाईसाहब, मॉनसून का अफ़रात‑फ़रती नहीं देख रहे, तो हमें भी तैयार रहना चाहिए, वरना लोगों को और परेशानी होगी।

  • Ketan Shah
    Ketan Shah अगस्त 20, 2025

    ध्यान देने योग्य बात यह है कि स्थानीय निकासी प्रणाली का समय पर निरीक्षण न सिर्फ जलभराव को रोकता है बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य को भी सुरक्षित रखता है।

  • Aryan Pawar
    Aryan Pawar अगस्त 26, 2025

    हर कोई धीरज रखे और घर में रहे, साथ ही बुजुर्गों को विशेष देखभाल दे।

  • Shritam Mohanty
    Shritam Mohanty सितंबर 2, 2025

    एक बात तो स्पष्ट है, ये भारी बारिश सिर्फ आम मौसम नहीं, बल्कि सरकार की गुप्त नीति का हिस्सा भी हो सकती है; जलस्तर बढ़ाने के लिए बुनियादी ढाँचा इरादतन कमजोर किया गया है।

  • Anuj Panchal
    Anuj Panchal सितंबर 9, 2025

    वास्तव में, वायुमंडलीय हाइड्रोडायनमिक्स के मॉडलिंग के तहत, लोग लवरेज्ड इंटेंसिटी का विश्लेषण करने से हम संभावित फ्लड ज़ोन की प्रीडिक्शन सटीकता को 20% तक बढ़ा सकते हैं।

  • Prakashchander Bhatt
    Prakashchander Bhatt सितंबर 15, 2025

    ऐसे समय में सकारात्मक रहना जरूरी है, बारिश से हम बगीचे को हरा-भरा बना सकते हैं, बस थोड़ा धीरज चाहिए।

  • Mala Strahle
    Mala Strahle सितंबर 22, 2025

    जब जलधारा अपने अन्दाज से तेज़ी से बहती है, तो यह हमें सिखाती है कि प्रकृति के नियमों के साथ तालमेल बिठाना कितना आवश्यक है; इसलिए हमें न केवल सतर्क रहना चाहिए बल्कि अपनी आंतरिक शांति को भी संरक्षित रखना चाहिए।

  • Abhijit Pimpale
    Abhijit Pimpale सितंबर 28, 2025

    ध्यान दें: IMD की घोषणा आधिकारिक है, अतः अफवाहों पर भरोसा न करें।

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