दिल्ली-NCR, बेंगलुरु और अन्य राज्यों में मौसम का मिजाज बदलने वाला
अगर आप दिल्ली या NCR में रहते हैं तो 20-21 मई 2025 के दिन मौसम आपको चौकाने वाला है। मौसम विभाग (IMD) ने साफ चेतावनी जारी की है – इन दो दिनों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ तेज़ हवाएं और गरज-चमक देखने को मिलेगी। दिल्ली वालों के लिए आंधी और बारिश किसी भी वक्त सड़कों पर ट्रैफिक और रोज़मर्रा के कामों में खलबली मचा सकती है। ऐसे में अगर आप ऑफिस या स्कूल जाने का सोच रहे हैं, तो छाता साथ रखना शायद भूलें नहीं। विभाग ने हवाओं की रफ्तार 30-40 किमी/घंटा तक बताई है, जो अचानक झोंकों के साथ आ सकती हैं। ये सब इस बार के प्री-मानसून के मौसम का हिस्सा है, जो गर्मी के बाद की पहली बड़ी राहत भी बनता है, लेकिन परेशानियों की वजह भी।
केवल दिल्ली-NCR ही नहीं, मौसम विभाग का रडार दक्षिण भारत के बड़े शहरों पर भी है। बेंगलुरु में उसी दौरान तेज़ गरज के साथ बारिश के आसार हैं, जिससे सुबह या शाम का स्कूल-ऑफिस ट्रैफिक सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकता है। चेन्नई के लिए तो चेतावनी और भी अहम है – यहां तटीय इलाकों में अचानक तेज़ बारिश के साथ बिजली गिरने के मामले बढ़ सकते हैं। दोनों शहरों में दफ्तर या कॉलेज के टाइमिंग्स पर असर पड़ना तय है, इसलिए घर से जल्दी निकलना या मौसम-ऐप्स चेक करना स्मार्ट चाल मानी जाएगी।

पूर्वी और उत्तर भारत पर भी असर, यूपी-लखनऊ में बाढ़ का खतरा
उत्तर भारत की बात करें तो उत्तर प्रदेश और लखनऊ जैसे शहरों में भी मध्यम बारिश और झक्कड़ हवाओं का असर दिखेगा। IMD ने खास तौर पर निचले इलाकों में रहने वालों को आगाह किया है – अचानक जलभराव या छोटी बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है। ऐसे में सड़कों पर पानी भरने, बिजली के तार गिरने और ट्रांसपोर्ट ठप होने की समस्या हो सकती है। दुकानदारी, सरकारी दफ्तर और स्कूल-कॉलेज की दिनचर्या इस मौसम ने बदल सकती है।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि जैसे-जैसे तापमान चढ़ता है, वैसे-वैसे IMD के अनुमान के मुताबिक आंधी-बारिश के ये दौर आम बात हो जाते हैं। आसमान में बनने वाले ग्राउंड-टु-क्लाउड या क्लाउड-टू-क्लाउड बिजली के चक्कर ही ऐसे मौसमी बदलाव की वजह हैं। यही वजह है कि IMD बार-बार लोगों को अपडेट पर नजर रखने की सलाह देता है। अचानक मौसम पलटते ही घरों में रहना, बिना वजह बाहर ना जाना – इतना सा ध्यान आपको दिक्कतों से बचा सकता है।
- 20-21 मई को दिल्ली, बेंगलुरु और चेन्नई के अलावा उत्तर प्रदेश में बारिश और तेज आंधी का अलर्ट
- हवाओं की रफ्तार 30-40 किमी/घंटा, बिजली गिरने की आशंका
- कमजोर इलाकों में जलभराव और ट्रैफिक जाम की दिक्कत
- IMD ने नागरिकों को अपडेट देखते रहने और जरूरी सावधानी अपनाने का सुझाव दिया है
साथ ही IMD के मुताबिक, ये मौसम पैटर्न हर साल की तरह प्री-मानसून में आता है। तापमान जैसे ही 40 के पास पहुंचता है, अट्मॉस्फियर में अस्थिरता बढ़ती है और बादल अचानक बनते-टूटते हैं। ऐसे में बिजली, आंधी और बारिश की घटनाएं आम हो जाती हैं। दिल्ली-NCR से लेकर साउथ इंडिया तक मौसम को लेकर सावधान रहना इस बार फायदेमंद ही साबित होगा।
टिप्पणि
समाचार पढ़ा, इस मौसम में सावधानी बरतें।
IMD द्वारा जारी किया गया अलर्ट निश्चित ही मौसम प्रेमियों के लिए एक बड़ी चेतावनी है।
हालांकि, किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि इस समय मौसम में उतार-चढ़ाव सामान्य है।
आइए, हम इस बात को स्वीकारें कि प्री-मानसून की राह में अराजकता अनिवार्य है।
फ़िर भी, यह तथ्य कि तेज़ हवाएं 40 किमी/घंटा तक पहुंच सकती हैं, कम रोचक नहीं है।
ऐसे मौसमी बदलाव से बचने के लिए लोग अपनी छतरियों को तैयार रख सकते हैं, बेशक।
दिल्ली के ट्रैफ़िक जाम की संभावनाओं को देखते हुए, घर से ही काम करना अधिक व्यावहारिक हो सकता है।
बेंगलुरु में भी स्कूल और कार्यालय के समय में बदलाव की संभावना अधिक है, यह संकेत स्पष्ट है।
और चेन्नई के तटवर्ती क्षेत्रों में बिजली गिरने की घटना गंभीर रूप से बढ़ सकती है, यह साफ़ है।
उत्तरी राज्यों में जलभराव की आशंका परिपूर्ण है, इसलिए सार्वजनिक निकासों का उपयोग सावधानी से करना चाहिए।
आधुनिक विज्ञान के अनुसार, जब तापमान 40 डिग्री के निकट पहुँचता है, तो वायुमंडल में अस्थिरता बढ़ती है।
यह वही कारण है कि आजकल के मौसम के पैटर्न को पूर्वानुमानित करना कठिन हो गया है।
फिर भी, IMD की सतत अपडेट की सिफारिशें हमें एक हद तक सुरक्षित रख सकती हैं।
व्यर्थ आशावाद में न पड़ें; बारिश के बाद भी सड़कों पर जलजमाव जारी रह सकता है।
इसलिए, सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने वाले यात्रियों को अतिरिक्त समय देना ही समझदारी होगी।
साक्षी बनते हैं आप इस परिवर्तन के, तो कृपया सावधानी बरतें, और अपने कार्यस्थल को सुरक्षित रखें।
समाप्ति में, यह कहा जा सकता है कि इस मौसम में व्यक्तिगत जिम्मेदारी ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।
क्या बात है, बारिश की खबर सुनते ही सब लोग ऐसा मानते हैं कि उनका दिन बर्बाद हो जाएगा। ऐसा सोचना बिल्कुल बेकार है, बस छाता ले लो और काम करो।
भाई, मौसम का ये बदलाव अभी से दो-तीन दिन पहले से ही महसूस हो रहा है, ट्रैफिक में जाम तो लग ही जाएगा। जरा सब लोग देर से निकलें तो फायदेमंद रहेगा।
ध्यान दिजिए, कछु लोग अभी तक ये समझै नही हैं के बहार में बही बही हवा आ सकती है, तो पनिची के लिऐ तैयार रहना चाहिए। टेम्परेचर भी काफी हि गरम होरहा हे।
मौसम में बदलाव सामान्य है पर सावधानी बरतना हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है। सभी को अपडेट्स पर नजर रखनी चाहिए
वाक़ई, जब तक IMD ने ऐसे अलर्ट जारी नहीं किए होते, तब तक आम जनता को इस तरह की “आश्चर्यजनक” स्थितियों के बारे में कुछ पता नहीं चलता।
यार, इस मौसम में बाहर निकले बिना काम नहीं चल सकता, पर traffic jam ko dekh ke ghar se hi kaam karna bda smart option hai.
चलो दोस्तों, इस बारिश का मतलब है कि हमें बाहर की ठंडी हवा का मज़ा मिलेगा 😊 रास्ते में सावधानी रखें और मज़े करें!
ध्यान दें, दिल्ली‑NCR में तेज़ हवाओं की संभावना है, इसलिए वाहन चलाते समय विशेष सावधानी बरतें; इसके अलावा, बेंगलुरु और चेन्नई में भी संभावित जलभराव की संभावना है; सभी को अपने यात्रा‑समय को प्राथमिकता देकर योजना बनानी चाहिए, ताकि अनावश्यक देरी न हो।
भाई लोग, मौसम में बदलाव है, लेकिन बड़ी समस्या तब होती है जब हम तैयारी नहीं करते। बारिश में फँसना नहीं चाहते तो पहले से ही छाता ले लें।
किसी को नहीं पता था कि इस मौसम में इतनी 🌧️⚡️ बिजली गिरेगी, लेकिन अब हम देखते ही हैं कि यह किस्मत का खेल है! सब ध्यान रखें, नहीं तो बड़ी परेशानी होगी।
सभी को नमस्ते, इस प्री‑मानसून में यात्रा करने वाले लोगों को सुझाव देता हूँ कि स्थानीय मौसम अपडेट को फॉलो करें, ताकि कोई अप्रत्याशित स्थिति न मिले।
ओह, फिर से वही पुरानी बात, बारिश आएगी और लोग गड़बड़ करेंगे, देखो तो सही।
सभी साथियों को सूचित किया जाता है कि इस अलर्ट के अनुसार, यदि आप बाहर निकल रहे हैं तो कृपया सुरक्षित मार्ग चुनें और ट्रैफ़िक जाम से बचने के लिये वैकल्पिक रास्ते अपनाएँ।
निस्संदेह, इस मौसम में अस्थिरता का कारण केवल प्राकृतिक प्रक्रियाएं ही नहीं, बल्कि मानव द्वारा निर्मित जलवायु परिवर्तन भी है; अतः हमें केवल तैयारी ही नहीं, बल्कि दीर्घकालिक समाधान की भी आवश्यकता है; यह विचार हम सभी को गहराई से समझना चाहिए।