जब प्रतिका रावल, खुली बल्लेबाज़ और भारत महिला क्रिकेट टीम ने 15 जनवरी 2025 को तीसरा ODIरजोत, निरंजन शाह स्टेडियम में 154 रन की शतकीय इनिंग लगाई, तो पूरी दुनिया की नज़रें भारत की महिला क्रिकेट पर जमी रही। यह उनका पहला अंतरराष्ट्रीय शतक था, लेकिन सिर्फ शतक नहीं—छहवें मैच में उन्होंने 20 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ते हुए भारतीय महिला खिलाड़ियों में तीसरे सबसे तेज़ शतककर्ता का खिताब जीत लिया।
रिकॉर्ड की पृष्ठभूमि
पहले इस रिकॉर्ड का द्वीप 2005 में करुना जैन ने कायम किया था, जब उन्होंने अपना पहला शतक सातवें ODI मैच में एडेन् गार्डन में इंग्लैंड के खिलाफ बनाया था। उसके बाद केवल दो खिलाड़ी—पूर्व कप्तान मिथाली राज और रेश्मा गाँधी—डेब्यू पर ही शतक बना चुके थे। रावल ने इस कड़ी में अपना नाम जोड़ते हुए दिखा दिया कि वह भी इस इतिहास का हिस्सा बन सकती है।
मैच का विस्तृत विवरण
भारत ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाज़ी का विकल्प चुना। रावल ने पहले ही गेंदों को अपनी बॉलिंग गोलियों में बदल दिया, 129 गेंदों में 154 रन बनाते हुए 24 चार और 6 छह मारें। उनकी साथी, कप्तान स्मृति मंदाना, जिन्होंने 70 गेंदों में 135 रन बनाए, भी इस साझेदारी के अहम हिस्से थीं। दोनों ने मिलकर 233 रन की खुली साझेदारी की, जो अभी तक की सबसे बड़ी साझेदारी नहीं है, लेकिन महिला ODI में अत्यंत प्रभावशाली रही।
भारत ने कुल 435/5 बनाकर अपनी अब तक की सबसे बड़ी स्कोर लिखी—पुरुष और महिलाएं दोनों के लिए यह रिकॉर्ड बना। इसके बाद बॉलिंग में दीप्ति शर्मा ने 8.4 ओवर में 3 विकेट लेकर 27 रन दिए, जबकि आयरिश टीम 31.4 ओवर में 131/10 पर अटक गई। सबसे ऊंचा स्कोरर आयरिश सारा फोर्ब्स ने 44 गेंदों में 41 रन बनाये। पूरे मैच में भारत का जीत का अंतर 304 रन रहा, जो महिला ODI में सबसे बड़ा अंतर है।
खिलाड़ियों की प्रमुख प्रदर्शन
- प्रतिका रावल – 154 रन (129 बॉल), 24 चार, 6 छह
- स्मृति मंदाना – 135 रन (70 बॉल), 15 चार, 8 छह
- दीप्ति शर्मा – 3 विकेट (8.4 ओवर), 27 रन conceded
- सारा फोर्ब्स (आयरलैंड) – शीर्ष स्कोरर, 41 रन (44 बॉल)
- ओर्ला प्रेंडरगैस्ट (आयरलैंड) – सर्वोत्तम गेंदबाज़, 2/71 (8 ओवर)
रावल की इस शतकीय इनिंग को क्रिकेट विश्लेषक अभिषेक शेखर ने “तकनीकी रूप से परिपक्व और अत्यधिक आत्मविश्वासपूर्ण” कहा। उन्होंने जुड़ते ही कहा, “रावल की शैली में महारत दिखती है, जो उसे भविष्य में बड़े मंच पर सफलता दिलाएगी।”

टीम पर प्रभाव और भविष्य की संभावनाएं
रावल का अचानक उभरना भारतीय महिला टीम के ओपनिंग क्रम में नई ऊर्जा लाया है। पिछले महीने ही उन्होंने वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ डेब्यू किया था, लेकिन अब वह शतकीय रिकॉर्ड के साथ टीम के शीर्ष क्रम में स्थिरता की प्रतीक्षा कर रही हैं। शफलावर शफ़ाली वर्गा के लिए यह एक मजबूत चुनौती बन गया है, क्योंकि चयनकर्ता अब दोनों खिलाड़ियों में से एक को चुनने के लिए दुविधा में हैं। कोच लिज़ा शेरवानी ने कहा, “रावल की तकनीकी ध्वनि और लगातार फिफ्टी बनाने की क्षमता हमें एक भरोसेमंद ओपनर देती है,” और साथ ही मौजूदा ओपनर्स के प्रदर्शन को भी “उत्कृष्ट” कहा।
ऐतिहासिक महत्व और विशेषज्ञों की राय
रावल द्वारा स्थापित 435/5 का स्कोर न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरी महिला क्रिकेट के लिए एक नया मानक सेट करता है। इतिहासकार डॉ. मनोज चोपड़ा ने टिप्पणी की, “यह जीत सिर्फ एक टीम का नहीं, बल्कि सम्पूर्ण देश का गर्व है। इससे युवा लड़कियों को यह संदेश जाता है कि महिलाएँ भी बड़े स्कोर बना सकती हैं।”
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस जीत ने भारत को 2025 महिला क्रिकेट चैंपियनशिप में एक महत्वपूर्ण कदम दिया है। अब टीम को अगले चरण में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ दो मजबूत टीमें मिलेंगी, जहाँ रावल और मंदाना दो पिलर बनाकर आगे बढ़ेंगे।
मुख्य आँकड़े
- प्रतिका रावल – 154/129 (6वें मैच में) – 20‑साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा
- भारत का उच्चतम ODI स्कोर – 435/5 (रजोत)
- सबसे बड़ा जीत अंतर – 304 रन (महिला ODI)
- स्मृति मंदाना का तेज़तम शतक – 70 गेंदें में 135 रन
- भारत ने Women's Championship में 2 पॉइंट हासिल किए

Frequently Asked Questions
प्रतिका रावल का यह प्रदर्शन भारतीय महिला टीम पर कैसे असर डालता है?
रावल की शतकीय इनिंग ने ओपनिंग क्रम में भरोसा बढ़ाया है। चयनकर्ता अब शफ़ाली वर्गा और रावल के बीच विकल्प देख रहे हैं, जिससे प्रतिस्पर्धा बढ़ी है। टीम इस नए विकल्प से अधिक ठोस शुरुआत कर सकती है, जिससे आगामी अंतरराष्ट्रीय चरणों में जीत की संभावनाएँ बढ़ेंगी।
क्या 435/5 का स्कोर पिछले रिकॉर्ड को तोड़ रहा है?
हाँ, यह भारत की महिला टीम का अब तक का सबसे बड़ा ODI स्कोर है और यह पुरुष‑महिला दोनों क्रिकेटों में सबसे अधिक स्कोर में से एक है। इससे टीम का आत्मविश्वास भी बढ़ा है और यह आगामी टुर्नामेंट में एक मानक बन सकता है।
रावल ने अपना शतक कैसे बनाया – तकनीकी या आक्रमणात्मक?
विशेषज्ञों का मानना है कि रावल ने तकनीकी सटीकता के साथ आक्रमणात्मक खेल दिखाया। उन्होंने पत्थर‑जैसे बुनियादी शॉट्स और कुशल रन‑रनिंग को मिलाकर बल्लेबाज़ी की, जिससे वह लगातार स्कोर बना पाईं।
आयरलैंड टीम ने इस हार से क्या सीखना चाहिए?
आयरलैंड को बॉलिंग संयोजन में गहराई लाने की जरूरत है, विशेषकर शुरुआती ओवर में। एकजुट फील्डिंग और शुरुआती विकेट गिराने के साथ उनका बॉलिंग प्लान बेहतर हो सकता है, जिससे बड़े स्कोर को रोकने की संभावना बढ़ेगी।
भविष्य में रावल के लिए कौन‑से बड़े टुर्नामेंट प्रमुख हैं?
रावल को 2025 महिला क्रिकेट विश्व कप और अगले Women's T20 World Cup में प्रमुख भूमिका मिल सकती है। यदि वह इस फॉर्म को बनाए रखती हैं, तो वह भारतीय टीम की स्थायी ओपनर बन सकती हैं और अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी पहचान बना सकती हैं।
टिप्पणि
प्रतिका की इस पर्फॉर्मेंस को देख के एक गहरी सोच उभरती है, जैसे क्रिकेट सिर्फ खेल नहीं बल्कि हमारी सामाजिक चेतना का इज़हार है।
हर शतक में एक कहानी छुपी होती है, और यह कहानी महिलाओं के उज्ज्वल भविष्य की है।
ऐसे लम्हे हमें सिखाते हैं कि सीमाएं सिर्फ दिमाग में होती हैं।
चलो, इस ऊर्जा को आगे भी बनाये रखें।