नेपाल में 5.0 तीव्रता का भूकंप, उत्तर भारत तक महसूस हुए तेज झटके

नेपाल में भूकंप से कांपे उत्तर भारत के शहर

शाम का वक्त था, लोग घर लौट ही रहे थे कि अचानक नेपाल में आए भूकंप के झटकों ने पूरे उत्तर भारत को हिला दिया। 4 अप्रैल 2025, रात 7:52 बजे, नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) ने पुष्टि की कि नेपाल के उत्तर-पश्चिम इलाकों में 5.0 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप का केंद्र जमीन से 20 किलोमीटर नीचे, 28.83 N अक्षांश और 82.06 E देशांतर पर दर्ज हुआ।

ये झटके सिर्फ नेपाल तक सीमित नहीं रहे—उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, दिल्ली एनसीआर, और हरियाणा में भी लोगों ने कंपन महसूस किया। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने लिखा कि फर्नीचर और दरवाजे खुद-ब-खुद हिलने लगे। कई ऑफिसों और अपार्टमेंट्स में लोग घबराकर बाहर निकल आए। हालांकि कहीं भी बड़े नुकसान या जान-माल की हानि की पुष्टि नहीं हुई। NCS ने तुरंत अपने आधिकारिक प्लेटफॉर्म पर भूकंप की पुष्टि की और लोगों को चौकन्ना रहने की सलाह दी।

बढ़ती चिंता, लेकिन राहत भी

बढ़ती चिंता, लेकिन राहत भी

पिछले कुछ सालों में नेपाल और आसपास के हिमालयी क्षेत्रों में भूकंपों की आवृत्ति बढ़ी है। 2015 का विनाशकारी भूकंप अभी भी लोगों की ज़हन में ताजा है, जिसमें हजारों लोग मारे गए थे। लेकिन इस बार राहत की बात ये रही कि उत्तर भारत तथा नेपाल के झटकों में ज्यादा तबाही नहीं हुई। कई लोगों ने खास तौर पर NCS की 'भूकंप' (BhooKamp) ऐप की तारीफ की, जिससे तुरंत अलर्ट मिलने लगे।

इस भूकंप की टाइमिंग भी दिलचस्प रही—अभी पिछले ही हफ्ते, 28 मार्च को, म्यांमार में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें बड़ी तादाद में लोगों की जान गई और संपत्तियों का भारी नुकसान हुआ। ऐसे में नेपाल के टीले और भारत के मैदानी इलाके पहले से ही अलर्ट पर थे।

  • भूकंप की तीव्रता 5.0, केंद्र नेपाल के करीब।
  • उत्तर भारत के कई बड़े शहरों में झटके महसूस हुए।
  • कहीं से कोई बड़ी जनहानि या संपत्ति नुकसान की सूचना नहीं।
  • लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए निगरानी एजेंसियों ने मोबाइल ऐप्स और सोशल मीडिया के जरिए अलर्ट पहुंचाए।

भूकंप के बाद स्थानीय प्रशासन सतर्क हो गया। नेपाल में सरकारी एजेंसियां सक्रिय दिखीं, वहीं भारत के कई शहरों में डिजास्टर रिस्पॉन्स टीम्स अलर्ट पर रहीं। एक्सपर्ट्स ने फिर याद दिलाया कि हिमालयी राहत क्षेत्र में छोटे भूकंप बड़े खतरे की ओर इशारा करते हैं, ऐसे में आम लोगों को सतर्क रहना जरूरी है।

शहरों में जिन लोगों ने झटके महसूस किए, उनके लिए ये घटना डराने वाली रही। खासकर ऊंची इमारतों में बसे लोगों को कुछ सेकेंड तक 'गति' का आभास हुआ। बच्चों और बुजुर्गों को घरों से बाहर निकाला गया, लेकिन गनीमत रही कि सबकुछ जल्द ही सामान्य हो गया।

मोहित बरवाल

मोहित बरवाल

लेखक

मैं एक समाचार संपादक हूँ और दैनिक समाचार पत्र के लिए लिखता हूं। मेरा समर्पण जानकारीपूर्ण और निष्पक्ष रिपोर्टिंग के प्रति है। मैं अक्सर भारतीय दैनिक घटनाओं पर ध्यान केंद्रित करता हूं ताकि पाठकों को अद्यतित रख सकूं।

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