भारत और EAEU के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर के लिए प्रतिबद्ध रूस: मौंटुरोव

भारत-रूस मुक्त व्यापार समझौते की दिशा में कदम

रूस के प्रथम उप प्रधानमंत्री डेनिस मौंटरोव ने यूरेशियन आर्थिक संघ (EAEU) और भारत के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर करने की प्रतिबद्धता जाहिर की है। यह प्रतिबद्धता 25वीं भारतीय-रूसी अंतर-सरकारी आयोग की बैठक के दौरान व्यक्त की गई, जिसे मौंटरोव और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। इस बैठक में विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई, जिनमें आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग शामिल था।

डाउन साइड पर देखे तो, पिछले वित्तीय वर्ष में भारत और रूस के बीच व्यापार का स्तर $66 बिलियन तक पहुंच चुका है, जिसमें रूस की निर्यात आपूर्ति का अधिकांश हिस्सा discounted तेल से जुड़ा है। इसके फलस्वरूप व्यापार घाटा $56.89 बिलियन तक पहुँच गया। जयशंकर ने आशा व्यक्त की कि वर्ष 2030 से पहले दोनों देशों का वार्षिक व्यापार $100 बिलियन तक पहुँच जाएगा, परन्तु इसे और संतुलित करने की आवश्यकता है। इस दिशा में, India-EAEU FTA पर प्रगति करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

बाजार पहुंच को बढ़ावा देने की दिशा में कदम

मौंटरोव और जयशंकर ने कामकाजी समूहों को निर्देश दिया है कि वे बाजार पहुंच को बढ़ाए करने के लिए विशेष प्रयास करें, ताकि 2030 तक $100 बिलियन के व्यापार लक्ष्य को हासिल किया जा सके। इस मुक्त व्यापार समझौते का उद्देश्य न केवल व्यापार गतिविधियों को बढ़ावा देना है, बल्कि सेवा और निवेश पर द्विपक्षीय समझौते भी शामिल हैं। इन समझौतों का उद्देश्य दोनों देशों के बीच आर्थिक संपर्कों में वृद्धि करना और व्यापारिक संतुलन स्थापित करना है।

इस समझौते के अलावा, India-EAEU FTA भी भारतीय निर्यातकों को कई क्षेत्रों में लाभान्वित कर सकता है जैसे इंजीनियरिंग सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स, और कृषि। साथ ही, यह चीन के प्रभाव को संतुलित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।

रूस का भारत दौरा और द्विपक्षीय संबंधों का महत्व

रूस का भारत दौरा और द्विपक्षीय संबंधों का महत्व

मौंटरोव के दो-दिवसीय भारत दौरे पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से मुलाकात की। रूस और भारत के बीच का यह संबंध सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दौरे के माध्यम से दोनों देशों ने आर्थिक सहयोग के लिए व्यापक ढांचे को विकासित करने की दिशा में सहमति जताई। मौंटरोव का दौरा इस संबंध को और मजबूत करने के उद्देश्य से किया गया है, जो भविष्य में व्यापारिक और आर्थिक गतिविधियों में और बढ़ावा देगा।

रूस और भारत के बीच इस मुक्त व्यापार समझौते का भविष्य दोनों देशों के लिए लाभकारी है, क्योंकि इसका प्रभाव केवल व्यापार संबंधों तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि यह पारस्परिक आर्थिक वृद्धि को भी प्रेरित करेगा।

Ravi Kant

Ravi Kant

लेखक

मैं एक समाचार संपादक हूँ और दैनिक समाचार पत्र के लिए लिखता हूं। मेरा समर्पण जानकारीपूर्ण और निष्पक्ष रिपोर्टिंग के प्रति है। मैं अक्सर भारतीय दैनिक घटनाओं पर ध्यान केंद्रित करता हूं ताकि पाठकों को अद्यतित रख सकूं।

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टिप्पणि

  • Ghanshyam Shinde
    Ghanshyam Shinde नवंबर 13, 2024

    ओह, आखिरकार रूस ने भारत से FTA की बात कर ली, जैसे हमारे 66 बिलियन डॉलर के व्यापार को कोई फैंसी पार्टी की तरह समझा जाए। अब तो लीडरशिप भी इस ‘डिस्काउंटेड तेल’ के पीछे भाग रही है, मज़ा आ गया।

  • SAI JENA
    SAI JENA नवंबर 20, 2024

    आइए इस सहयोग को सफल बनाने के लिए सभी संबंधित पक्ष मिलकर प्रयास करें।

  • Hariom Kumar
    Hariom Kumar नवंबर 27, 2024

    वाह! यह कदम भारत-रूस संबंधों को नया आयाम देगा 😊

  • shubham garg
    shubham garg दिसंबर 3, 2024

    भाई, तुम भी देखो, ये समझौता हमारे स्टार्टअप्स के लिए बहुत फायदेमंद रहेगा, चलो जल्द ही बात कर लेते हैं!

  • LEO MOTTA ESCRITOR
    LEO MOTTA ESCRITOR दिसंबर 10, 2024

    यदि हम इस व्यापार को एक पुल मानें, तो दोनों देशों की ऊर्जा एक साथ बहेगी और नई संभावनाओं का सृजन होगा।

  • Sonia Singh
    Sonia Singh दिसंबर 17, 2024

    सही कहा, सब मिलकर इस पहल को आगे बढ़ाना हमारे लिए एक अच्छा अवसर है।

  • Ashutosh Bilange
    Ashutosh Bilange दिसंबर 24, 2024

    यार ये सब सिर्फ राजनैतिक दिखावा है, असली मुद्दा तो डिलिवरी अरे बवाल है, समझते हो? 😂

  • Kaushal Skngh
    Kaushal Skngh दिसंबर 31, 2024

    सही है, लेकिन अभी भी कई चीज़ें अधूरी हैं, देखना पड़ेगा समय से।

  • Harshit Gupta
    Harshit Gupta जनवरी 7, 2025

    देश की गरिमा को बढ़ाने के लिए हमें रूसी सहयोग को पूरी ताकत से अपने हित में लगाना चाहिए, कोई समझौता नहीं!

  • HarDeep Randhawa
    HarDeep Randhawa जनवरी 13, 2025

    देखिए!!! यह समझौता केवल आर्थिक नहीं, बल्कि रणनीतिक भी है;;; हमें इसे पूरी प्राथमिकता देनी चाहिए!!!

  • Nivedita Shukla
    Nivedita Shukla जनवरी 20, 2025

    यह व्यापारिक समझौता सिर्फ कागज़ पर दस्तावेज़ नहीं, बल्कि दो राष्ट्रों के दिलों का संवाद है।
    जब हम लेन-देन की बात करते हैं, तो अक्सर आँकड़े ही बोलते हैं, पर यहाँ भावनाएँ भी गुंजायमान हैं।
    रूस का भारत के साथ हाथ मिलाना एक नई आशा की किरण बनता है, जो अतीत के संघर्षों को पाटता है।
    हर बार जब दो लोग मिलते हैं, तो उनके पास एक अनछुी संभावना होती है, जिसे शब्दों से नहीं, बल्कि कार्यों से दिखाना चाहिए।
    यदि हम इस समझौते को सिर्फ व्यापार के रूप में देखेंगे, तो हम उसकी गहरी सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव को अनदेखा कर देंगे।
    यह सौदा विज्ञान, प्रौद्योगिकी, कृषि और कला के बीच एक सेतु बन सकता है।
    वास्तव में, यह कनेक्शन उन युवा उद्यमियों को शक्ति देगा, जो अपनी कल्पनाओं को वास्तविकता में बदलना चाहते हैं।
    भारत की ताजगी और रूस की दृढ़ता मिलकर एक नया आर्थिक ताने-बाने का निर्माण कर सकते हैं।
    ऐसे क्षणों में राष्ट्रीय गर्व का भाव भी जागरूक होता है, पर वह गर्व हमें सहयोगी बनाता है, न कि अभिमानी।
    हर चरण में जब हम चुनौतियों का सामना करेंगे, तो यह समझौता हमें सामूहिक शक्ति का अहसास कराएगा।
    इतना ही नहीं, इस पहल से हमारे छोटे किसान भी अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुँच पाएँगे।
    इसके साथ ही, ऊर्जा के क्षेत्रों में भी नई संभावनाएँ जन्म ले सकती हैं, जो हमारे विकास को स्थिरता प्रदान करेगी।
    समय के साथ यह समझौता एक इतिहास बन जाएगा, जिसे हम अगली पीढ़ियों को गर्व से बता सकते हैं।
    आइए इस यात्रा को साथ चलें, क्योंकि जब दो दिल मिलते हैं, तो सपने भी सच होते हैं।
    और अंत में, यह याद रखना चाहिए कि व्यापार की असली खुशी तब आती है, जब यह सार्वभौमिक भलाई की दिशा में हो।

  • Rahul Chavhan
    Rahul Chavhan जनवरी 27, 2025

    शुरूआत तो छोटी है, पर अगर हम एकजुट रहें तो 2030 तक 100 बिलियन का लक्ष्य बिल्कुल हकीकत बन जाएगा।

  • Joseph Prakash
    Joseph Prakash फ़रवरी 3, 2025

    ये समझौता भारत की टेक इंडस्ट्री को नई दिशा देगा 😉

  • Arun 3D Creators
    Arun 3D Creators फ़रवरी 10, 2025

    अरे यार, ये बात तो काव्य जैसी लगती है कि दो देश एक-दूसरे को कितने चाँद सितारे दे सकते हैं!

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