वित्त मंत्री के फैसले से बाजार में हड़कंप
भारत के प्रमुख शेयर बाजार सेंसेक्स और निफ्टी ने 23 जुलाई, 2024 को 1% से अधिक की गिरावट दर्ज की। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024 के बजट में पूंजीगत लाभ टैक्स और प्रतिभूति लेनदेन टैक्स (STT) में वृद्धि की घोषणा की, जिसने बाजार में बेचैनी फैला दी। इस घोषणा के बाद बाजार में व्यापक बिकवाली हुई, जिसका असर लगभग सभी सेक्टरों पर देखा गया।
पूंजीगत लाभ टैक्स और स्टॉक मार्केट पर इसका प्रभाव
पूंजीगत लाभ टैक्स और STT में वृद्धि का असर सबसे अधिक फ्यूचर्स और ऑप्शन्स (F&O) ट्रेडिंग सेगमेंट पर पड़ा। इस फैसले के बाद से निवेशकों के बेचने की होड़ मच गई, जिसके चलते बाजार में जोरदार गिरावट आई। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने 1% से अधिक की गिरावट दर्ज की।
सेंसेक्स और निफ्टी में इस गिरावट के चलते निवेशकों का विश्वास हिल गया, जिससे बाजार की स्थिति गंभीर हो गई। निवेशकों की बेचैनी का आलम यह रहा कि कुल 873 शेयरों ने तेजी दिखाई जबकि 2,482 शेयरों में गिरावट दर्ज की गई।
F&O सेगमेंट में व्यापार करने वाले निवेशकों के लिए यह फैसला बर्बादी का कारण बन सकता है। बढ़े हुए टैक्स के चलते उनकी लाभ कमाने की संभावना घट गई है, जिससे उनकी ट्रेडिंग की रणनीति बदलेगी।
बाजार पर पड़ने वाले दीर्घकालिक प्रभाव
बाजार में इतनी बड़ी गिरावट के बाद यह सवाल उठता है कि इसका दीर्घकालिक प्रभाव कैसा होगा। बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यही स्थिति बनी रही तो निवेशकों का बाजार से भरोसा उठ सकता है। इससे बाजार में और भी गिरावट देखने को मिल सकती है।
भारत VIX में उछाल
भारत VIX, जो कि बाजार की अस्थिरता को दर्शाता है, 15 के स्तर पर पहुंच गया है। यह इस बात का संकेत है कि बाजार में निवेशकों के बीच घबराहट फैली हुई है। VIX में बढ़ोतरी का अर्थ है कि बाजार में आने वाले दिनों में और भी अस्थिरता देखने को मिल सकती है।
इसके चलते निवेशक सुरक्षित निवेश की ओर रुख कर सकते हैं। बाजार के अधिकांश खिलाड़ी अपने निवेश को सुरक्षित रखने के लिए सोने और सरकारी बांड जैसे स्थिर निवेश विकल्पों में धन लगा सकते हैं।
शेयर बाजार का भविष्य और निवेशकों की चिंताएं
मौजूदा हालातों को देखते हुए निवेशकों के बीच यह चिंता पनपने लगी है कि भविष्य में शेयर बाजार की दिशा क्या होगी। पूंजीगत लाभ टैक्स और STT में वृद्धि के बाद निवेशकों के लिए बाजार में बने रहना चुनौतीपूर्ण हो गया है।
बाजार की स्थिति और निवेशकों की सोच को सही दिशा देने के लिए सरकार को और भी स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने होंगे। इससे निवेशकों का भरोसा वापस आ सके और बाजार फिर से स्थिर हो सके।
कुल मिलाकर, वित्त मंत्री द्वारा पूंजीगत लाभ टैक्स और STT में वृद्धि करने का फैसला बाजार पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। इससे न केवल बाजार की स्थिति पर बल्कि निवेशकों के भविष्य की रणनीतियों पर भी असर पड़ेगा। समय रहते अगर सरकार ने उचित कदम नहीं उठाए तो इसका दीर्घकालिक प्रभाव देखने को मिल सकता है।
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