ब्राइटन की शानदार वापसी, चेल्सी को करारी शिकस्त
8 फरवरी, 2025 को खेले गए FA कप के रोमांचक मुकाबले में ब्राइटन एंड होव अल्बियन ने चेल्सी को 2-1 से हराकर पांचवें राउंड में प्रवेश किया। यह मैच अमेक्स स्टेडियम में हुआ, जहां शुरूआत में चेल्सी ने कोल पामर के गोल से 1-0 की बढ़त बना ली थी। लेकिन बाद में ब्राइटन ने शानदार वापसी की और रटर व कारु मितोमा के गोलों की मदद से जीत हासिल की।
मितोमा का प्रदर्शन विशेष रूप से उल्लेखनीय था क्योंकि उन्होंने अपने ड्रिबलिंग कौशल और फिनिशिंग की बदौलत 75वें मिनट में निर्णायक गोल दागा। इस गोल में उन्होंने चेल्सी के डिफेंडरों को पीछे छोड़ दिया और कोने में शानदार शॉट लगाया। ब्राइटन का यह प्रदर्शन उस प्रतिकूल परिस्थिति के बाद आया जब उन्हें पिछले सप्ताह नॉटिंघम फॉरेस्ट के खिलाफ 7-0 से हार झेलनी पड़ी थी।

चेल्सी की चुस्त रचना पर असर
चेल्सी को इस मुकाबले में खास चुनौतियों का सामना करना पड़ा। उनके मुख्य स्ट्राइकर्स, निकोलस जैक्सन और मार्क ग्यूईउ के चोटिल होने से स्थिति और जटिल हो गई। इससे क्रिस्टोफर नकुंकु को अनचाहे स्थिति में एकल स्ट्राइकर के रूप में खेलना पड़ा। साथ ही, मिखायलो मुद्रिक पर प्रतिबंध और वेस्ली फोफाना की अनुपस्थिति ने टीम की मुश्किलों को और बढ़ा दिया।
मैच के बाद चेल्सी के मैनेजर एंजो मारेस्का ने अपनी टीम की आक्रमण क्षमता की कमी पर चिंता जताई। दूसरी तरफ, ब्राइटन के प्रबंधक फेबियन हर्जलर ने अपने टीम की मुश्किल हालातों के बावजूद बेहतर प्रदर्शन के लिए सराहना की। यह मैच ITV4 पर सीधा प्रसारित किया गया, जिसमें ब्राइटन की टीम के प्रमुख स्थान पर मितोमा और गोलकीपर वेरब्रगन प्रमुख भूमिका में थे।
टिप्पणि
वाह! ब्राइटन ने जबरदस्त comeback किया 👏🔥
FA कप के इस रोमांचक मुकाबले ने भारतीय फुटबॉल प्रेमियों को कई भावनाओं से भर दिया है।
ब्राइटन की वापसी का दृश्य सिर्फ एक जीत नहीं, बल्कि निराशा के बाद आशा की लौ जलाने जैसा था।
जब चेल्सी ने शुरुआती मिनट में लाभ हासिल किया, तब सबका चेहरा ठंडा था, परन्तु खेल की खूबसूरती में यही अनिश्चितता होती है।
ब्राइटन ने अपने युवा खिलाड़ी रटर और मितोमा को मौका देकर टीम की गहराई को साबित किया।
मितोमा का 75वें मिनट का निर्णायक गोल सिर्फ कौशल नहीं, बल्कि मानसिक शक्ति का भी प्रतीक था।
उस क्षण में स्टेडियम की हवा में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ जिसे शब्दों में बयां करना कठिन है।
इतने बड़े मंच पर युवा खिलाड़ी अपने टालमटोल को पीछे छोड़ कर आगे की ओर धकेलते हैं।
ये सफलता उन अनगिनत घंटों की कड़ी मेहनत का परिणाम है जो प्रशिक्षण मैदानों में अनदेखी रहती हैं।
वहीं, चेल्सी की चोटों की लकीर ने टीम को एक कठिन मोड़ पर पहुंचा दिया।
कई प्रमुख खिलाड़ी अनुपलब्ध थे, जिससे टीम की रचना असंतुलित होने लगी।
फिर भी, एंजो मारेस्का ने इस परिस्थिति को स्वीकार किया और टीम को समन्वित करने की कोशिश की।
इसी बीच, ब्राइटन के प्रशंसक अपने क्लब के लिए गर्व महसूस कर रहे थे और उनका उत्साह स्टेडियम में गूँज रहा था।
इतिहास में भी देखा गया है कि छोटे और मध्यम क्लब बड़े दिग्गजों को चकमा दे कर नई पहचान बनाते हैं।
ब्राइटन का यह जीत इस बात का प्रमाण है कि फुटबॉल सिर्फ बजट खेल नहीं, बल्कि दिल और जुनून से खेला जाता है।
अंत में, यह मैच हमें याद दिलाता है कि खेल में हर पल नई कहानी लिखी जा सकती है, बस हमें उसे सुनने की इच्छा होनी चाहिए।
ब्राइटन की इस जीत से चेल्सी का मौजूदा तालमेल और भी स्पष्ट हो गया है-एक टीम जो चोटों की वजह से जखमी है, वह कभी भी धीरज नहीं रख सकती। यह मैच दिखाता है कि बड़े क्लब का ही नहीं, बल्कि सही रणनीति और मैदान पर मेहनत की भी ज़रूरत है। चेल्सी की असफलता अब सुनहरी टिप्पणी बन गई है, लेकिन यह सबक भविष्य में सुधार की राह दिखा सकता है।
ब्राइटन का इतिहास देखिए तो पता चलता है कि 2011‑12 में उन्होंने प्रीमियर लीग में दमदार प्रदर्शन किया था, और अब वे फिर से अपना लोहा मनवा रहे हैं। उनका प्रोग्रेसिव फुटबॉल स्टाइल, युवा खिलाड़ीयों को विश्वास दिलाता है कि कठिनाइयाँ अस्थायी होती हैं। क्लब की युवा नीतियों ने कई बार रिफ़ॉर्म को जन्म दिया है, जैसे कि मौजूदा सत्र में मितोमा जैसी प्रतिभा को अवसर देना। इस जीत से यह स्पष्ट होता है कि ब्राइटन का विकासात्मक मॉडल कार्य कर रहा है, और उन्हें इस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।
ब्राइटन की इस जीत देख कर दिल खुश हो गया चलो आगे भी ऐसे ही समर्थन देते रहें
इस मैच में रेफरी की कई गलत फैसले साफ़ तौर पर ब्राइटन को फेवर की तरह दिख रहे थे, वैसे भी बड़े क्लबों के साथ कभी सच्ची निष्पक्षता नहीं होती। यह सब एक बड़े षड्यंत्र का हिस्सा है, जहाँ कुछ हाई‑पावर लोग फुटबॉल को अपने लैब से चलाते हैं।