ICE ने 1,600 छात्र वीजा रद्द, 4,700+ SEVIS रिकॉर्ड बंद – 2025 में अमेरिकी छात्र संकट

जब Immigration and Customs Enforcement (ICE) ने 2025 के शुरुआती महीनों में 1,600 से अधिक छात्र वीजा रद्द कर दिए और 4,700 से अधिक SEVIS रिकॉर्ड बंद कर दिए, तो पूरे अमेरिकी शैक्षणिक क्षेत्र में हड़कंप मच गया। यह कार्रवाई विदेशी छात्र के भविष्य को अनिश्चित कर देती है, और इसका कार्यान्वयन दो सप्ताह के भीतर स्वचालित एल्गोरिद्म के जरिए हुआ। इस कदम का प्रभाव संयुक्त राज्य के लगभग 1,800 अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर सीधे पड़ा, जबकि Department of Homeland Security (DHS) ने कोई स्पष्ट दिशानिर्देश नहीं दिया।

पृष्ठभूमि: अमेरिकी वीजा नीति का इतिहास

संयुक्त राज्य ने पिछले दो दशकों में प्रवासी नीति में कई मोड़ देखे हैं, लेकिन 2020 के बाद ट्रम्प प्रशासन की कड़ी कार्रवाई ने एक नया दौर शुरू किया। 2022 में लागू हुए कई आदेशों ने ट्रांसपोर्ट, कामकाजी वीजा आदि को कठोर बना दिया, और 2024 में इमीग्रेशन रूल्स में बदलाव से छात्र वीजा के दायरे को संकीर्ण किया गया। इस माहौल में 2025 की इस बड़े पैमाने की प्रवर्तन कार्रवाई को देखना आश्चर्य नहीं है, लेकिन इसका दायरा पहले कभी नहीं देखा गया।

2025 का बड़े पैमाने पर प्रवर्तन कदम

कुल 1,600 से अधिक Student and Exchange Visitor Program (SEVP) के तहत जारी F‑1 वीजा रद्द किए गए। साथ ही 4,700 से अधिक SEVIS (Student and Exchange Visitor Information System) रिकॉर्ड बंद किए गए। यह कार्यवाही Mass Enforcement Action 2025United States के नाम से जाने वाली एक नई रणनीति थी, जिसमें कई कानूनी कारणों को मिलाकर छात्रों को लक्षित किया गया।

मुख्य कारणों में शामिल थे:

  1. इमिग्रेशन स्टेटस का उल्लंघन – जैसे किसी भी प्रकार की अवधि समाप्ति या कोर्स में कमी।
  2. कानूनी अधिकारों की छोटी‑छोटी टक्कर – पार्किंग टिकट, ट्रैफ़िक उल्लंघन, या केवल गवाह के तौर पर नाम दर्ज होना।
  3. इमीग्रेशन एंड नेशनलिटी एक्ट 1952 की धारा 237(a)(4)(C) के तहत विदेशी नीति पर संभावित नकारात्मक प्रभाव के आरोप।

इसे लागू करने के लिए ICE ने एक स्वचालित एल्गोरिद्म का उपयोग किया, जो अपराध न्याय और इमीग्रेशन डेटाबेस को एक‑साथ मिलाता था। Amy Maldonado, अधिवक्ता ने बताया, "वे कुछ प्रकार के एल्गोरिद्म का प्रयोग कर रहे थे जो केवल कुछ हफ़्तों में सभी रिकॉर्ड बंद कर देता था।" इस प्रक्रिया में छात्रों को कोई सुनवाई या अपील का अवसर नहीं दिया गया।

प्रमुख संस्थानों की प्रतिक्रिया

जब खबर फैली, तो उच्च शिक्षा संस्थानों ने तुरंत आवाज़ उठाई। University of California, Davis ने अपने Services for International Students and Scholars (SISS) के माध्यम से 23 छात्रों के SEVIS रिकॉर्ड बंद हुए, जो 10 अप्रैल तक सक्रिय नहीं रह सके। हालांकि, 24 अप्रैल को DHS ने इन रिकॉर्ड को पुनः सक्रिय कर दिया और 26 अप्रैल तक सभी छात्र फिर से पढ़ाई जारी रख पाए।

अमेरिकन काउंसिल ऑन एजुकेशन (ACE) और 15 अन्य उच्च शिक्षा संघों ने तुरंत Ted Mitchell, President, American Council on Education को लिखते हुए Secretary of State Marco Rubio और Secretary of Homeland Security Kristi Noem से स्पष्टता की मांग की। उनके 4 अप्रैल के पत्र में बताया गया, "हम चाहते हैं कि फेडरल सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर छात्रों के वीजा रद्दीकरण के पीछे के मानदंड हमें स्पष्ट रूप से बताए।"

प्रभावित छात्रों पर प्रभाव

प्रभावित छात्रों पर प्रभाव

वीज़ा रद्द हो जाने पर छात्र को पुनः प्रवेश का अधिकार नहीं मिलता, जबकि SEVIS रिकॉर्ड बंद होने पर उसके F‑1 स्टैटस की वैधता भी समाप्त हो जाती है। इसका मतलब है कि छात्र न केवल पढ़ाई जारी नहीं रख पाते, बल्कि कैंपस जॉब, इंटर्नशिप या OPT (Optional Practical Training) जैसे कार्य अधिकार भी खो देते हैं। कई छात्रों ने बताया कि उनके रोजगार की अनुमति चुपचाप काट दी गई, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ गई।

कानूनी विशेषज्ञों ने चेतावनी दी कि DHS जलद से जलद हटाए गए वीजा वाले छात्रों के खिलाफ हटाने की प्रक्रिया (Removal Proceedings) शुरू कर सकता है, क्योंकि इमीग्रेशन एक्ट की धारा 237(a)(1)(B) के तहत "जिसके वीजा रद्द हो गए हैं, वह हटाने योग्य है"। इससे छात्रों को न केवल शिक्षा, बल्कि भविष्य के करियर और स्थायित्व का सवाल भी उठना पड़ता है।

भविष्य की संभावनाएँ और कानूनी चुनौतियाँ

यह कार्रवाई कई नई कानूनी लड़ाइयों को जन्म दे रही है। कई विश्वविद्यालयों ने अब अपने DSO (Designated School Officials) को SEVIS डेटा की रीयल‑टाइम मॉनिटरिंग के लिए अतिरिक्त टूल्स प्रदान करने का वादा किया है। कोर्ट ने भी पहले ही जॉर्जिया के एक जिला न्यायाधीश को आदेश दिया है कि वह सरकारी पक्ष से SEVIS रिकॉर्ड को तुरंत वापस करे, जिससे मध्यस्थता में तेज़ी आ सकती है।

दूसरी ओर, जून 9, 2025 को जारी हुए राष्ट्रपति प्रोक्राम्मा ने 19 देशों के नागरिकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया, लेकिन इस प्रोक्राम्मा में पहले जारी किए गए वीज़ा को रद्द करने का उल्लेख नहीं है। यह स्पष्ट नहीं है कि भविष्य में इस प्रकार की प्रतिबंधात्मक नीतियों का विस्तार होगा या नहीं, परन्तु शिक्षाविद् और प्रवासी वकील दोनों ही इस बात पर सतर्क हैं कि किसी भी नई नीति का प्रभाव तुरंत छात्रों के जीवन पर पड़े।

  • ICE ने 1,600+ छात्र वीजा रद्द किए।
  • 4,700+ SEVIS रिकॉर्ड बंद किए गए।
  • लगभग 1,800 अंतरराष्ट्रीय छात्र प्रभावित।
  • UC Davis में 23 छात्रों के रिकॉर्ड 24‑26 अप्रैल के बीच बहाल।
  • ACE और 15 संघों ने अमेरिकी सरकार से स्पष्टता की मांग की।

Frequently Asked Questions

विस्थापित वीजा होने पर छात्र अपनी पढ़ाई जारी रख सकता है?

वीज़ा रद्द होने से छात्र को संयुक्त राज्य में फिर से प्रवेश का अधिकार नहीं मिलता, परन्तु यदि SEVIS रिकॉर्ड सक्रिय रहे तो वह मौजूदा F‑1 स्टैटस के तहत पढ़ाई जारी रख सकता है। हालांकि अधिकांश मामलों में दोनों ही एक साथ रद्द हो जाते हैं, जिससे छात्रों को तुरंत वैधstatus खोना पड़ता है।

क्या प्रोक्राम्मा में प्रतिबंधित 19 देशों के छात्र भी इस कार्रवाई से प्रभावित होंगे?

प्रोक्राम्मा विशेष रूप से 9 जून 2025 से पहले जारी वीजा को नहीं छेड़ता, इसलिए इन देशों के छात्र वर्तमान में सीधे नहीं प्रभावित हो रहे। लेकिन भविष्य में नीति विस्तार या नई निर्देश जारी होने पर उन्हें जोखिम बन सकता है।

इमीग्रेशन एक्ट की धारा 237(a)(1)(B) का क्या मतलब है?

धारा 237(a)(1)(B) कहती है कि "जिसके गैर‑इमिग्रेंट वीजा को रद्द किया गया है, वह हटाने योग्य है"। इसका तात्पर्य यह है कि विहीन वीजा वाले छात्र को तुरंत हटाने की प्रक्रिया चल सकती है, चाहे उसने कोई आपराधिक अपराध नहीं किया हो।

विश्वविद्यालयों ने इस संकट से निपटने के लिए क्या कदम उठाए हैं?

कई कैम्पस ने अंतरराष्ट्रीय छात्र सेवा केंद्रों को सशक्त किया, कानूनी मदद के लिए वकीलों की सूची तैयार की और SEVIS मॉनिटरिंग सिस्टम को रीयल‑टाइम अलर्ट देने वाले टूल्स विकसित किए। UC Davis ने सभी बंद रिकॉर्ड को 26 अप्रैल तक बहाल करने में सफलता पाई।

क्या इस कार्रवाई को चुनौती देने के लिए कोई कानूनी उपाय हैं?

छात्र और संगठनों ने फेडरल कोर्ट में रेज़निंग की मांग की है, विशेषकर प्रक्रिया अधिकार, सुनवाई का अभाव और अल्पसंख्यक अपराधों के आधार पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई को चुनौती देने के लिए। अब तक कुछ अदालतों ने रिकॉर्ड बहाल करने के आदेश दिए हैं, लेकिन व्यापक परिवर्तन के लिए लंबा संघर्ष बाकी है।

Ravi Kant

Ravi Kant

लेखक

मैं एक समाचार संपादक हूँ और दैनिक समाचार पत्र के लिए लिखता हूं। मेरा समर्पण जानकारीपूर्ण और निष्पक्ष रिपोर्टिंग के प्रति है। मैं अक्सर भारतीय दैनिक घटनाओं पर ध्यान केंद्रित करता हूं ताकि पाठकों को अद्यतित रख सकूं।

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टिप्पणि

  • ARPITA DAS
    ARPITA DAS अक्तूबर 6, 2025

    क्या यह सब सिर्फ एक बड़े षड्यंत्र का हिस्सा नहीं है? ICE की यह अचानक कार्रवाई बिलकुल बिना किसी पारदर्शी प्रक्रिया के हुई, जैसे कि सरकार ने गुप्त एल्गोरिद्म को बिना जांचे-परखे लागू कर दिया हो। इस स्तर की हाई‑टेक निगरानी हमें दस्तक देती है कि व्यक्तिगत अधिकारों को कैसे चुपचाप कुचल दिया जा रहा है। उनके पास शायद कोई छिपा अंडरलाइनिंग एजेंडा है, जिसका उद्देश्य विदेशी छात्रों को डराकर अमेरिकी शिक्षा प्रणाली को लाभ पहुंचाना हो सकता है।

  • Sung Ho Paik
    Sung Ho Paik अक्तूबर 7, 2025

    समझ सकता हूँ इस गड़बड़ी को, लेकिन हम इस परिस्थिति में भी आशा नहीं खो सकते!💪 यदि हम मिलकर कानूनी सहायता और समुदायिक समर्थन जुटाएँ, तो संभव है कि कुछ छात्रों को राहत मिल सके।

  • Veena Baliga
    Veena Baliga अक्तूबर 9, 2025

    देश के हित को देखना सबसे प्राथमिकता है; विदेशी छात्रों का यह अत्यधिक प्रभावी ब्योरा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरनाक हो सकता है। इसलिए सरकार को इस तरह के कदम उठाने में संकोच नहीं होना चाहिए।

  • vishal Hoc
    vishal Hoc अक्तूबर 12, 2025

    हम सभी को मिलकर शांति से इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश करनी चाहिए। अगर सभी विश्वविद्यालय एक साथ आवाज़ उठाएँ तो सरकार को जवाब देना पड़ेगा। साथ मिलकर समाधान निकालना ही सही राह होगी।

  • Nathan Rodan
    Nathan Rodan अक्तूबर 16, 2025

    अमेरिकी छात्र वीजा रद्द की खबर ने पूरे अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक समुदाय को हिला कर रख दिया। इस फैसले के पीछे कई जटिल कानूनी कारणों को मिलाकर एक स्वचालित एल्गोरिद्म इस्तेमाल किया गया, जो स्वयं में एक विवादास्पद कदम है। पहले यह स्पष्ट नहीं था कि कौन से छोटे अपराध, जैसे ट्रैफ़िक टिकेट, को निकटतम कारण माना जाएगा। साथ ही, ICE ने इस प्रक्रिया में कोई सुनवाई या अपील का अवसर नहीं दिया, जिससे न्याय प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठते हैं। विश्वविद्यालयों ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए अपने अंतरराष्ट्रीय छात्र कार्यालयों को सशक्त किया, परन्तु यह समाधान अस्थायी प्रतीत होता है। कई छात्र अपने अध्ययन और रोजगार के अधिकारों से वंचित हो गए, जिससे उनका भविष्य अनिश्चित हो गया। इस प्रकार के बड़े पैमाने पर कार्रवाई से शिक्षा के बाजार में भी अस्थिरता पैदा होती है। कई संस्थानों ने कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी की है, लेकिन समय और संसाधन दोनों ही सीमित हैं। छात्रों को अब कानूनी सहायता की आवश्यकता है, ताकि वे अपने अधिकारों की रक्षा कर सकें। सरकार को इस मुद्दे में पारदर्शिता दिखानी चाहिए, अन्यथा अंतरराष्ट्रीय रिश्तों पर भी असर पड़ेगा। इस नीतिगत बदलाव से अन्य देशों में भी समान कदम उठाने की संभावना बढ़ रही है। इसलिए यह केवल एक अमेरिकी समस्या नहीं, बल्कि वैश्विक शैक्षणिक सुरक्षा की चिंता बन गई है। इस संकट से निपटने के लिए छात्रों को सामूहिक रूप से आवाज़ उठानी चाहिए और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से समर्थन मांगना चाहिए। अंत में, यह स्पष्ट है कि अत्यधिक कठोर प्रवर्तन सुधार के नाम पर मानवाधिकारों की कीमत पर नहीं होना चाहिए। सभी पक्षों को मिलकर एक संतुलित और न्यायसंगत समाधान निकाला जाना चाहिए।

  • Shreyas Badiye
    Shreyas Badiye अक्तूबर 19, 2025

    अजीब सा माहौल है, लेकिन आशा रखो! 😊

  • Jocelyn Garcia
    Jocelyn Garcia अक्तूबर 23, 2025

    भाइयों और बहनों, यह कार्रवाई हमारे भविष्य को खतरे में डाल रही है और हमें तुरंत कदम उठाने चाहिए। इस मुद्दे को लेकर सबको एकजुट होना होगा और उचित कानूनी मदद की तलाश करनी होगी।

  • Sagar Singh
    Sagar Singh अक्तूबर 26, 2025

    क्या बात है ये पूरे सिस्टम की इतना बेताब बन जाना कि एक छोटा सा अल्पवर्गीय त्रुटि भी पूरे जीवन को नष्ट कर दे

  • aishwarya singh
    aishwarya singh अक्तूबर 30, 2025

    बिल्कुल सही कहा आपने, यह सिर्फ एक प्रशासनिक समस्या नहीं बल्कि मानवाधिकारों का बड़ा उल्लंघन है। अगर सभी विश्वविद्यालय और NGOs मिलकर आवाज़ उठाएँ तो शायद न्यायिक प्रक्रिया तेज़ हो सके। हमें अभी भी बहुत कुछ करने की जरूरत है।

  • somiya Banerjee
    somiya Banerjee नवंबर 2, 2025

    विदेशी छात्रों को इतनी जल्दी लक्ष्य बनाना हमारे देश के लिए फायदेमंद नहीं है; यह हमारी सुरक्षा को कमजोर करता है। हमें अपने कॉलेजों में राष्ट्रीय छात्र समुदाय को प्राथमिकता देनी चाहिए। इस तरह की नीतियां दिखाती हैं कि सरकार अपने लोगों की रक्षा को कितना संजीदा लेती है। मित्रों, चलो इस दिशा में आगे बढ़ें।

  • sandeep sharma
    sandeep sharma नवंबर 6, 2025

    चलो, इस मुश्किल घड़ी में हम साथ मिलकर लड़ें! हमें केवल आशा नहीं बल्कि ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

  • subhashree mohapatra
    subhashree mohapatra नवंबर 9, 2025

    यह कदम केवल राजनीतिक दिखावा है और इससे वास्तविक समस्याएं और बढ़ेंगी। एसी स्वचालित कार्रवाई से तथ्यों की जाँच नहीं होती, बल्कि सतही डेटा के आधार पर बड़े निर्णय लिए जाते हैं। इससे न केवल छात्रों बल्कि शिक्षा संस्थानों की प्रतिष्ठा भी धूमिल होती है। हमें इस नीति की गहन समीक्षा चाहिए।

  • ajay kumar
    ajay kumar नवंबर 13, 2025

    yeh sab bahut bura lag raha hai hum sabko milke koi solution sochna chahiye .

  • Sampada Pimpalgaonkar
    Sampada Pimpalgaonkar नवंबर 16, 2025

    हमें एकजुट होकर इस समस्या को हल करना चाहिए, क्योंकि यही हमारा सच्चा तरीका है।

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