Pi Coin की कीमतों में भारी गिरावट
20 फरवरी 2025 को Pi Coin के मुख्यनेट लॉन्च के तुरंत बाद इसकी कीमतों में भारी गिरावट देखी गई। प्रमुख बिंदु यह है कि इस क्रिप्टोकरेंसी की कीमत अपने शुरुआती शिखर से लगभग 96% गिरकर $2 से $0.70 तक पहुंच गई। इस गिरावट ने उन लाखों उपयोगकर्ताओं को संभावित वित्तीय नुकसान की दहलीज पर ला खड़ा किया है जिन्होंने 2019 से इस टोकन को माइन किया था।
इस गिरावट का एक बड़ा कारण था कीमर्ड संभव्यता, जिसमें प्रमुख क्रिप्टो विश्लेषकों ने Pi नेटवर्क को एक 'स्कैम' के रूप में खड़ी चुनौती बताया और इसके बाद निवेशकों में डर और बेचैनी की लहर दौड़ गई।
कीमर्ड पलायन और बाजार की भावनाएँ
इन्वेस्टर्स ने रणनीतिक चाल चलते हुए अपने टोकन तेजी से बेच दिए, जो कि अक्सर 'टैप-टु-अर्न' प्रोजेक्ट्स जैसे Wormhole और EigenLayer में देखा गया है। इससे पहले बिटकॉइन और अन्य ऑल्टकॉइन में गिरावट की प्रवृत्ति ने इस प्रक्रिया को और भी बढ़ावा दिया। इसके अलावा, तकनीकी समस्याएँ भी इसमें संघर्ष का कारण बनीं, जब टोकनों का स्थानांतरण धीमा हो गया और सामान्य बाजार प्रवाह प्रभावित हुआ।
भले ही मौजूदा हालात चिंताजनक हैं, कुछ एनालिस्ट्स ने संभावित पुनर्प्राप्ति के संकेत भी दिए हैं। उन्होंने बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों जैसे Binance और Coinbase पर लिस्टिंग की उम्मीद जताई है, जो तरलता को बढ़ावा दे सकती है। इस बात का भी अनुमान है कि संभावित रूप से ईटीएफ लॉन्च द्वारा संस्थागत निवेश में रुचि बढ़ सकती है।
हालांकि, तकनीकी संकेतक काफी नकारात्मक हैं, जिनमें 'हेड एंड शोल्डर्स' पैटर्न और मुख्य समर्थन स्तरों का टूटना शामिल है। लगभग $1.35 के आसपास बनी कीमत इस नेटवर्क के लिए दीर्घकालिक स्थिरता और टोकनॉमिक्स की वैधता पर एक सवाल खड़ा करती है। निवेशक ध्यानपूर्वक देख रहे हैं कि इस परियोजना का भविष्य क्या मोड़ लेगा।
टिप्पणि
Pi Coin की मुख्यनेट लॉन्च के बाद इतनी भारी गिरावट देखकर कई लोग स्तब्ध हैं।
दरअसल, 96% की गिरावट वित्तीय नुकसान की कगार पर ले आई है।
इस स्थिति में निवेशकों को संवेदनशीलता और धैर्य की जरूरत है।
भारत में क्रिप्टो कम्युनिटी ने हमेशा वैकल्पिक निवेशों को समझदारी से अपनाया है।
हमें इस घटना को सांस्कृतिक दृष्टिकोण से देखना चाहिए, क्योंकि कई युवा शुरुआती समय से इस टोकन को माइन कर रहे हैं।
ऐसी गिरावट कभी-कभी बाजार के चक्रव्यूह का हिस्सा हो सकती है।
लेकिन, तकनीकी समस्याओं और गति में देरी को अनदेखा नहीं किया जा सकता।
विश्लेषकों की चेतावनी के बाद निवेशकों में डर बढ़ा, यह प्राकृतिक प्रतिक्रिया है।
फिर भी, हम देख सकते हैं कि कुछ बड़े एक्सचेंजों की लिस्टिंग संभावित सुधार ला सकती है।
यदि Binance या Coinbase जैसे प्लेटफ़ॉर्म पर लिस्टिंग हो जाती है, तो तरलता बढ़ सकती है।
इसके साथ ही, संस्थागत निवेशकों का रुचि भी पुनः जागृत हो सकता है।
लेकिन, मौजूदा तकनीकी संकेतक जैसे हेड एंड शोल्डर्स पैटर्न अभी भी नकारात्मक संकेत दे रहे हैं।
इसलिए, निवेशकों को अल्पावधि में सतर्क रहना चाहिए।
दीर्घकालिक दृष्टि से, परियोजना की टीम को पारदर्शी रोडमैप प्रस्तुत करना आवश्यक है।
अंत में, हमें इस अनुभव से सीख लेकर अगले कदम की योजना बनानी चाहिए।
Pi की गिरावट देख के दिल बोला ‘अरे यार’! क्या वाकई इतनी तेज़ गिरावट संभव है?
निवेशकों को वर्तमान स्थितियों का विश्लेषण करते समय सतर्क रहना चाहिए। संभावित पुनरुत्थान के संकेतों को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसलिए, बाजार की चालों पर नज़र रखनी चाहिए।
ऐसे बड़े गिरावट को देखते हुए, क्या हम अब 'सुरक्षित' निवेश की बात कर सकते हैं? निश्चित रूप से, इस तरह की अस्थिरता ने सभी को बहुत 'संतुष्ट' कर दिया है। शायद अगले सप्ताह में नई प्रॉमिसेज़ के साथ पुनः लॉन्च होगा। परन्तु, वास्तविकता में यह सिर्फ़ एक और हाइप हो सकता है।
ये तो दिल तोड़ने वाला सीन है! फिर भी मैं कहूँगा कि Pi ने हमें झटका दिया है, पर कुछ लोग अभी भी आशा नहीं छोड़ते।
भाई लोग, ये गिरावट देखी क्या? अब आगे क्या होगा, पता नहीं पर हमारी उम्मीदें अभी भी टिकी हैं।
मैं समझ रीहिं हूँ कि सबको दिक्कत तोह है। पर इस गिरावट से सिखा जा सकत है कि इफिशिएंट रिसर्च कितना जरूरी है। आशा करता हूँ अगली बार बेहतर सिचुएशन मिलेगी।
भविष्य में यदि नेटवर्क की स्थिरता सुनिश्चित हो पाती है तो निवेशकों को पुनः विश्वास मिल सकता है। साथ ही, नियामक दिशानिर्देशों का पालन भी आवश्यक है।
विषमता के इस चरण में, केवल आवाज़ उठाने वाले ही नहीं, बल्कि सतर्क विश्लेषक भी महत्त्वपूर्ण हैं।