जब जेरेमी पॉवेल, फ़ेडरल रिज़र्व चेयर ने संभावित दर कटौती पर संकेत दिए, तो वैश्विक बाजारों ने अपने आप को जल्दी-से-सुरक्षित-शरण में ढूंढा, और 7 अक्टूबर 2025 को सोना ने $3,984 प्रति औंस के ऐतिहासिक स्तर को छू लिया। यह उछाल सिर्फ एक संख्यात्मक माइलस्टोन नहीं, बल्कि एक आर्थिक‑राजनीतिक तूफ़ान के बीच निवेशकों की मनोवैज्ञानिक प्रतिक्रिया का संकेत था।
इस रिकॉर्ड को तब स्थापित किया गया जब संयुक्त राज्य सरकार का बिंदु‑बंद (shutdown) संयुक्त राज्य अभी भी जारी था, जिससे आर्थिक डेटा की रिलीज़ में देरी और बाजार में अनिश्चितता बढ़ी।
पृष्ठभूमि: सरकार बंद और विश्व经济 की अस्थिरता
अक्टूबर में अमेरिकी सरकार के बिंदु‑बंद का प्रभाव कई क्षेत्रों में महसूस हो रहा था। ब्याज दरों के संभावित कटौती की अटकलें, निर्यात‑आयात में देरी, और प्रमुख आर्थिक सूचकांकों (जैसे Conference Board का उपभोक्ता विश्वास सूचकांक) में गिरावट ने जोखिम‑भूखा निवेशक को हटाकर सुरक्षित मालमत्ता की ओर धकेल दिया।
एक ओर जहाँ यूरोपीय बाजार में मुद्रास्फीति की लहर चल रही थी, वहीं एशिया के स्टॉक्स भी डॉलर की ताकत और भू‑राजनीतिक तनाव से भँवर रहे थे। इस मिश्रित माहौल ने सोने को एक “सुरक्षित‑हैवन” के रूप में पुनः स्थापित किया।
सटीक आंकड़े: सोना, चाँदी और ट्रेडिंग वॉल्यूम
वास्तव में, World Gold Council के एक विस्तृत शोध में बताया गया कि केवल सितंबर‑अक्टूबर 2025 में सोने के दैनिक ट्रेडिंग वॉल्यूम $388 बिलियन तक पहुँच गए, जो पिछले महीने से 34 % अधिक था। इसी अवधि में सोने के ETF वॉल्यूम में 84 % की उछाल देखी गई, मुख्यतः उत्तरी अमेरिका के निवेशकों द्वारा।
- सोना: $3,984/औंस – 7 अक्टूबर 2025 का उच्चतम स्तर
- पिछले दिन से बढ़ोतरी: $12 (0.30 %)
- वर्ष‑दर‑वर्ष वृद्धि: 51.78 %
- छह महीने में औसत दैनिक ट्रेडिंग: $388 बिलियन
- ETF वॉल्यूम उछाल: 84 %
वहीं, चाँदी की कीमत $48.30 प्रति औंस पर गिरावट के साथ दिखी, जो डॉलर‑हैजिंग और दीर्घ‑कालिक जोखिम‑ऑफ़ प्रवृत्ति के कारण थी।

बाजार की प्रतिक्रिया: निवेशकों की सुरक्षा‑खरीदारी
वास्तव में, Trading Economics के डेटा में दिख रहा है कि इस सप्ताह के शुरुआती सत्र में सोने की कीमत में 0.43 % की मामूली बढ़ोतरी के बाद भी, फंड मैनेजर्स ने नेट‑लॉन्ग पोजिशन में भारी वृद्धि की, जो यह दर्शाता है कि संस्थागत पूंजी जोखिम‑ऑफ़ माहौल में भी अपनी पोजिशन को मजबूत कर रही है।
एजेंट‑ब्रोकर्स के एक प्रमुख विश्लेषक, मार्था लिंडन, ने कहा, “सुनहरा बाजार अब सिर्फ एक बचत उपकरण नहीं रहा, यह अब दैनिक ट्रेडिंग और हेजिंग दोनों के लिए एक प्रमुख परिसंपत्ति बन गया है।” उनका मानना है कि हाई‑फ्रीक्वेंसी ट्रेडर्स भी इस अस्थिरता से लाभ उठाने के लिए अल्गोरिदमिक रणनीतियों को अपनाएंगे।
विशेषज्ञ विश्लेषण: क्या सोना जारी रहेगा?
एक आर्थिक विशेषज्ञ, डॉ. रवीना महेश्वरी, ने कहा, “यदि अमेरिकी सरकार का बिंदु‑बंद दो‑तीन महीने और चल रहा, तो हम देखेंगे कि सोने की कीमतें 5 % से 7 % तक और बढ़ सकती हैं, क्योंकि निवेशक वास्तविक रेट‑कट की प्रतीक्षा में अस्थायी रूप से सुरक्षित शरण खोजते रहेंगे।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि भू‑राजनीतिक तनाव (जैसे मध्य‑पूर्व में तेल की आपूर्ति बाधित होना) सोने की कीमत में अतिरिक्त बूस्ट दे सकता है।
दूसरी ओर, कुछ हेडहंटिंग फर्में चेतावनी देती हैं कि यदि फेड़रल रिज़र्व अनपेक्षित रूप से ब्याज दरों को बढ़ाता रहा, तो डॉलर मजबूत होगा और सोने की उपर्युक्त कीमतें धिरे‑धीरे स्थिर हो सकती हैं।

भविष्य की ओर: अगले 12 महीनों में क्या उम्मीदें?
आगे की दृष्टि से, World Gold Council के अनुमान के अनुसार, 2025 के अंत तक सोने की कीमत $4,111.97 तक पहुँचना संभव है। यह अनुमान कई प्रमुख कारकों—मुद्रा नीति, सरकारी वित्तीय अस्थिरता, और अंतर्राष्ट्रीय भू‑राजनीति—पर आधारित है।
यदि संयुक्त राज्य के बिंदु‑बंद को शीघ्र समाधान मिल जाता है, तो बाजार की वैरिएबिलिटी घट सकती है, लेकिन सोने का “डिजिटल गोल्ड” रूप में उपयोग बढ़ता रहेगा, खासकर एशिया‑पैसिफ़िक क्षेत्र में।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
7 अक्टूबर को सोने की कीमत में इतनी तीव्र उछाल क्यों आई?
संयुक्त राज्य के बिंदु‑बंद और फेडरल रिज़र्व की दर‑कट की संभावनाओं ने निवेशकों को जोखिम‑ऑफ़ मोड में ले जाया। इस माहौल में सोना पारम्परिक सुरक्षित‑हैवन बनकर अस्थिर शेयर‑बाज़ार से बाहर निकला, जिससे कीमत में $12 की त्वरित उछाल हुआ।
World Gold Council के डेटा के अनुसार ट्रेडिंग वॉल्यूम में क्या परिवर्तन देखा गया?
सितंबर‑अक्टूबर 2025 में सोने के दैनिक ट्रेडिंग वॉल्यूम $388 बिलियन तक पहुँचा, जो पिछले महीने की तुलना में 34 % अधिक था। विशेषकर ETF वॉल्यूम में 84 % की जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई, प्रमुख रूप से उत्तरी अमेरिकी निवेशकों द्वारा।
क्या इस उछाल का चाँदी की कीमतों पर भी असर पड़ा?
चाँदी ने उलटाव दिखाया—$48.30 प्रति औंस पर $0.25 की गिरावट दर्ज हुई। यह मुख्यतः डॉलर‑हैजिंग और सोने के उछाल से निवेशकों के पोर्टफोलियो पुनर्संतुलन के कारण था।
आने वाले वर्ष में सोने की कीमत कितनी बढ़ने की संभावना है?
विश्लेषकों के अनुसार, अगर मौजूदा आर्थिक और भू‑राजनीतिक दबाव कायम रहता है तो सोने की कीमत 2026 की शुरुआत तक $4,100‑$4,200 के बीच जा सकती है। यह अनुमान फेड‑कट, डॉलर‑कीमत में गिरावट, और निरंतर सरकारी अस्थिरता पर आधारित है।
टिप्पणि
जैसे कि फेडरल रिज़र्व के पॉवेल के दर‑कट संकेतों ने जोखिम‑ऑफ़ प्रवृत्ति को तीव्र किया, सोने का मूल्य संरचनात्मक रूप से एक सुरक्षित‑हैवन के रूप में पुनः स्थानित हुआ; इस प्रक्रिया में मैक्रो‑इकॉनॉमिक संकेतकों, जैसे कि उपभोक्ता विश्वास सूचकांक में गिरावट, ने निवेशकों के पोर्टफ़ोलियो पुनर्संतुलन को उत्प्रेरित किया।