100 मीटर T35 — जल्दी समझें क्या है और क्यों देखना चाहिए
अगर आप पैराथलैटिक्स या पैरा खेलों में रुचि रखते हैं तो "100 मीटर T35" एक तेज़ और दिलचस्प इवेंट है। ये स्प्रिंट विशेष तौर पर उन एथलीट्स के लिए होता है जिनमें न्यूरोमस्कुलर असंतुलन यानी स्पास्टिसिटी होती है और वे T35 वर्ग में आते हैं। मुकाबला छोटा है लेकिन तकनीक, संतुलन और तेज़ शुरुआत का बड़ा रोल रहता है।
T35 क्या होता है?
T35 classification उन एथलीट्स के लिए है जिनमें आमतौर पर मस्तिष्क से जुड़ी चोट या cerebral palsy जैसी स्थितियाँ होती हैं। ये एथलीट दौड़ते वक्त पैरों या हाथों में कठोरता या अनियंत्रित मूवमेंट दिखा सकते हैं। T35 में प्रतिस्पर्धा करने वाले स्प्रिंटर अपनी गति और नियंत्रण के लिए खास ट्रेनिंग लेते हैं, ताकि 100 मीटर में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दे सकें।
क्लासिफिकेशन प्रोसेस में मेडिकल और फंक्शनल टेस्ट होते हैं ताकि यह तय हो कि एथलीट किस वर्ग में सही बैठता है। यह सुनिश्चित करता है कि मुकाबला समान क्षमता वाले खिलाड़ियों के बीच हो।
मुकाबले के नियम और क्या ध्यान रखें
100 मीटर T35 के नियम सामान्य 100m स्प्रिंट से मिलते-जुलते हैं: स्टार्ट ब्लॉक्स का उपयोग, लेन बनाए रखना और फेल्स्टार्ट नियम लागू होते हैं। पर ध्यान रखें — कुछ एथलीट्स को स्टार्टिंग ब्लॉक्स में समायोजन की सुविधा दी जा सकती है, अगर उनकी शारीरिक स्थिति उसे जरूरी बनाती है। आयोजक Paralympic नियम और World Para Athletics के मानकों का पालन करते हैं।
टाइमिंग आमतौर पर इलेक्ट्रॉनिक होती है और रिकॉर्ड मान्य करने के लिए तकनीकी मानक ज़रूरी होते हैं।
प्रमुख प्रतियोगिताएँ जहां आप T35 100m देख सकते हैं: पैरालिम्पिक्स, World Para Athletics Championships, Asian Para Games और राष्ट्रीय पैराथलैटिक्स चैंपियनशिप। लाइव स्ट्रीमिंग के लिए बड़े टूर्नामेंट अक्सर ओनलाइन प्लेटफॉर्म और स्पोर्ट्स चैनल्स पर मिल जाते हैं।
क्या आप ट्रेनिंग टिप्स चाहते हैं? छोटे, फोकस्ड सेशन्स से शुरुआत करें—स्पीड एंड स्टार्ट ड्रिल्स, संतुलन एक्सरसाइज, और मांसपेशियों की लचक बढ़ाने वाली स्ट्रेचिंग। फिजियोथेरेपिस्ट और स्पेशलाइज़्ड कोच का गाइड जरूरी है। रिकवरी, सही पोषण और कंसिस्टेंसी सबसे ज़्यादा फर्क डालते हैं।
जानकारी पाने के आसान तरीके: टूर्नामेंट के आधिकारिक पेज, World Para Athletics की वेबसाइट और सोशल मीडिया पर एथलीट्स के अकाउंट्स फॉलो करें। रिकॉर्ड और रैंकिंग भी वहां अपडेट रहती हैं।
अगर आप दर्शक हैं तो मैदान पर एथलीट की गति, शुरुआत और फिनिश पर ध्यान दें—T35 स्प्रिंट में तकनीक ही जीत तय करती है। और हां, तालियाँ और समर्थन से एथलीट्स को बड़ा हौसला मिलता है।
यह टैग पेज आपको T35 100 मीटर से जुड़ी ताज़ा खबरें, रिकॉर्ड और इवेंट्स का समेकित दृश्य देने के लिए है। किसी खास एथलीट या प्रतियोगिता की जानकारी चाहिए तो पेज के आर्काइव और संबंधित आर्टिकल्स पर क्लिक कर सकते हैं।
प्रीति पाल ने पेरिस 2024 पैरालंपिक में इतिहास रच दिया जब उन्होंने महिलाओं के 100 मीटर T35 वर्ग में कांस्य पदक जीता। 23 वर्षीय भारतीय पैरा-एथलीट ने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय 14.21 सेकंड दर्ज किया, जो उन्हें चीन की झोउ ज़िया और क्वियानक़ियान गुओ के बाद तीसरे स्थान पर लाया। यह पेरिस 2024 में भारत का तीसरा पैरालंपिक पदक है।
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