BCCI Central Contracts — आसान भाषा में पूरी जानकारी

BCCI Central Contracts वो फ़ाइलें हैं जिनसे भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) सालभर खिलाड़ियों को सैलेरी, सुविधाएँ और प्राथमिकता देता है। ये कॉन्ट्रैक्ट सिर्फ पैसों का मसला नहीं है—यह बताता है कि कौन किस फॉर्मेट में बोर्ड की प्राथमिकता है, किसे मेडिकल सपोर्ट चाहिए और किसे राष्ट्रीय टीम में बार-बार मौका मिलने की संभावना है।

कौन तय करता है और श्रेणियाँ कैसी होती हैं?

BCCI में चयन समिति, टीम मैनेजमेंट और बोर्ड की वित्तीय टीम मिलकर हर साल खिलाड़ियों की सूची तैयार करते हैं। आम तौर पर खिलाड़ियों को अलग-अलग ग्रेड या श्रेणियों में बाँटा जाता है—ऊपर के सीनियर खिलाड़ी, मध्य दर्जे के नियमित, और नए/रिज़र्व खिलाड़ियों के लिए अलग स्तर। हर श्रेणी में अलग- अलग सालाना रिटेनर, मैच फीस और बेंच फीस जैसी राशि निर्धारित होती है।

श्रेणियाँ खिलाड़ी के प्रदर्शन, फिटनेस, उपलब्धता और टीम में उसकी भूमिका पर निर्भर करती हैं। कप्तान और अनुभवी नियमित खिलाड़ी अक्सर सबसे ऊँची श्रेणी में आते हैं, जबकि नए खिलाड़ी शुरुआती ग्रेड में होते हैं।

कॉन्ट्रैक्ट के प्रमुख फायदे और असर

सबसे बड़ा फायदा आर्थिक सुरक्षा है। बार-बार मैच न खेलने पर भी रिटेनर से खिलाड़ी के पास स्थिर आय रहती है। दूसरा, मेडिकल और रिहैब सपोर्ट मिलता है—इजक्शरियों, फिजियोथैरेपी और NCA सुविधाओं का उपयोग आसान हो जाता है। तीसरा, बोर्ड की प्राथमिकता मिलने से राष्ट्रीय टीम चयन में भी फायदा हो सकता है।

लेकिन कॉन्ट्रैक्ट का अर्थ यह नहीं कि खिलाड़ी हर मैच खेलेगा। फॉर्म, फिटनेस और टीम रणनीति मायने रखते हैं। इसके अलावा, सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट खिलाड़ियों और फ्रेंचाइज़ी (जैसे IPL) के बीच काम के तालमेल पर भी असर डालता है—BCCI अक्सर खिलाड़ियों की अनिवार्य उपलब्धता और workload प्रबंधन पर नियम रखता है।

आधुनिक दौर में BCCI कॉन्ट्रैक्ट में एक और बात प्रमुख हुई है: रोटेशन और प्लेयर प्रोटेक्शन। बहुत सख्त अंतरराष्ट्रीय कैलेंडर के कारण बोर्ड युवा खिलाड़ियों को धीरे-धीरे लाता है और सीनियर खिलाड़ियों का ओवरयूज़ कम करने की कोशिश करता है।

क्या आप जानना चाहते हैं कि खासकर किस खिलाड़ी को कौन सी श्रेणी में रखा गया? BCCI हर साल अपनी आधिकारिक वेबसाइट और प्रेस रिलीज में सूची जारी करता है—इन्हें देखना सबसे भरोसेमंद तरीका है।

अंत में, अगर आप फैन हैं तो यह समझ लें कि सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट खिलाड़ियों के करियर और टीम रणनीति दोनों पर बड़ा असर डालता है। नए खिलाड़ियों के लिए यह एक भरोसेमंद कदम होता है; सीनियर खिलाड़ियों के लिए इसे बनाए रखना फॉर्म और फिटनेस पर निर्भर करता है।

अगर आप चाहें तो मैं हालिया सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट की लिस्ट या किसी खास खिलाड़ी की श्रेणी की जानकारी ढूँढकर दे सकता हूँ—बोलिए किस खिलाड़ी के बारे में जानना चाहेंगे?

BCCI Central Contracts 2025-26: श्रेयस अय्यर और ईशान किशन की वापसी, अभिषेक शर्मा और वरुण चक्रवर्ती भी शामिल

BCCI Central Contracts 2025-26: श्रेयस अय्यर और ईशान किशन की वापसी, अभिषेक शर्मा और वरुण चक्रवर्ती भी शामिल

BCCI ने 2025-26 के लिए सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट्स जारी कर दिए हैं। श्रेयस अय्यर और ईशान किशन की सालभर बाद लिस्ट में वापसी हुई है, वहीं अभिषेक शर्मा और वरुण चक्रवर्ती का पहला चयन हुआ। इस बार कई युवा चेहरे और कुछ बड़े नाम बाहर भी हुए हैं।

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