कर रिबेट – क्या है और कैसे बचत करें
जब हम कर रिबेट, आयकर में देनदारी कम करने या अतिरिक्त रिफंड प्राप्त करने की प्रक्रिया. Also known as Tax Rebate, it helps taxpayers lower their effective tax outgo and improve cash flow. कर रिबेट सीधे आयकर के बोझ को घटाता है, इसलिए इसे समझना हर करदाता के लिए ज़रूरी है। यह अवधारणा "आयकर" के भीतर अंतर्निहित छूट, सीमा तथा कर करनियमों से जुड़ी है – "कर रिबेट आयकर की देनदारी को कम करता है" जैसे संबंध स्पष्ट होते हैं। आप अपना टैक्स रिटर्न फाइल करते समय सही फॉर्मूले और वैध दस्तावेज़ लगाकर रिबेट का दावा कर सकते हैं।
कर रिबेट से जुड़ी मुख्य बातें
एक महत्वपूर्ण पहलू टैक्स ऑडिट, आयकर वर्ष के अंत में आय-व्यय की जाँच है। 2025‑26 के लिए CBDT ने ऑडिट रिपोर्ट की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर कर दी, जिससे कई करदाता अपने रिबेट दावे को समय पर प्रस्तुत करने के लिए जल्दी तैयार हुए। "टैक्स ऑडिट समयसीमा कर रिबेट के दावे को प्रभावित करती है" – अगर ऑडिट देर से हो तो रिफंड या छूट में देरी हो सकती है। साथ ही CBDT, सेंटरल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स, जो आयकर नियम बनाता है ने इस साल रिबेट के लिए कुछ नई सीमा निर्धारित की, जैसे वरिष्ठ नागरिकों के लिए अतिरिक्त 2% छूट और शिक्षण खर्च पर अतिरिक्त कटौती। ये बदलाव सीधे आपके टैक्स प्लैनिंग में असर डालते हैं – "CBDT नियम बदलते हैं कर रिबेट की उपलब्धता को" इस प्रकार का सम्बंध स्पष्ट है।
रिबेट का प्रभावी उपयोग करने के लिए कुछ सरल कदम अपनाएँ: पहले समझें कि कौन‑सी आय और खर्च रिबेट के योग्य हैं – जैसे हाउस लॉन, साक्षरता भत्ते, या हाउसिंग लोन पर प्री‑पेमेंट। फिर अपने फॉर्म‑16, फॉर्म‑26AS और बैंक स्टेटमेंट को व्यवस्थित करें, क्योंकि सही दस्तावेज़ प्रस्तुत करने से ऑडिट में परेशानी नहीं होती। यदि आप फ्रीलांसर या छोटे व्यवसायी हैं, तो GST रिटर्न और आयकर रिटर्न को सिंक रखें; कई बार GST के कर क्रेडिट को आयकर रिबेट में जोड़ा जा सकता है। अंत में, अपनी टैक्स रिटर्न फाइलिंग के बाद रिफंड या अतिरिक्त रिबेट मिलने की स्थिति को ट्रैक करें – सरकार के पोर्टल पर रिफंड स्टेटस देखने से पता चलता है कि आपके दावे को मंजूरी मिली या नहीं। अब आप जानते हैं कि कर रिबेट कैसे काम करता है, किन नियमों से जुड़ा है, और इसे सुरक्षित रूप से कैसे दावा किया जाए। नीचे आप इस टैग से जुड़े नवीनतम समाचार और गाइड पाएँगे, जो आपकी टैक्स प्लानिंग को और भी आसान बना देंगे।
CBDT ने फिर से कहा कि सेक्शन 87A के तहत अल्पकालिक पूँजी लाभ पर कोई कर रिबेट नहीं मिलेगा। बजट 2025 में इस बात को साफ़ किया गया था, परन्तु कई करदाताओं ने अभी‑तक रिबेट ले लिया था। आयकर विभाग अब उन रिटर्नों को सुधार कर कर मांग जारी करेगा और 31 दिसंबर 2025 तक भुगतान करने पर ब्याज माफ़ करेगा। यह नियम कई आम लोगों को सीधे प्रभावित करेगा, क्योंकि उनके रिटर्न में गलती से रिबेट जोड़ दिया गया था।
और पढ़ें