रबी फसल खरीद: आसान गाइड और तत्काल सुझाव
रबी फसल बेच रहे हैं और समझ नहीं आ रहा क्या करना चाहिए? पहले जान लें कि कब और कहाँ बेचना फायदे में रहेगा। आम तौर पर राज्य सरकारें और केंद्र कुछ फसलों के लिए MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर खरीद करती हैं — खासकर गेहूं, चना आदि। लेकिन हर राज्य के नियम अलग होते हैं और खरीद केंद्र की घोषणाएं समय-समय पर बदलती रहती हैं।
सबसे पहला काम: अपने जिले के कृषि विभाग या स्थानीय मंडी बोर्ड की नोटिफिकेशन देखिए। कई जगहों पर खरीद की तारीखें, गुणवत्ता मानक और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया ऑनलाइन आ जाती हैं। अगर आपने अभी तक eNAM या राज्य की फार्मर रजिस्ट्रेशन नहीं की है तो प्रियास अभी कर लें — इससे सीधे मंडी में पंजीकरण और पेमेंट का ट्रैक आसान रहता है।
रबी फसल खरीद की प्रक्रिया
रजिस्ट्रेशन: अपने Aadhar, बैंक खाते की पक्की जानकारी और जमीन/किसानी पहचान लेकर नजदीकी खरीद केंद्र में पंजीकरण कराइए। कई राज्यों में मोबाइल नंबर से OTP के जरिए भी रजिस्ट्रेशन होता है।
गुणवत्ता जांच: खरीद केंद्र पर फसल की नम और साफ-सफाई जाँची जाती है। गेहूं में नमी सामान्यतः 12-14% तक स्वीकार्य मानी जाती है; अधिक नमी होने पर कटौती लग सकती है। बीज, पत्थर या दूसरे फसल मिक्स न हों — साफ पुआइंट ज्यादा दाम दिला सकता है।
वजन और रसीद: वजन सरकारी तराजू पर ही कराइए और खरीद के तुरंत बाद इलेक्ट्रॉनिक या लिखित रसीद लें। रसीद में फसल का प्रकार, वजन, दर और भुगतान विवरण स्पष्ट होना चाहिए। अगर ऑनलाइन पंजीकृत हैं तो e-receipt का स्क्रीनशॉट भी सहेज लें।
पेमेंट टाइमलाइन: कई खरीद केंद्र तुरंत भुगतान करते हैं, कुछ में बैंक ट्रांसफर में 24-72 घंटे लग सकते हैं। पेमेंट देर हो रही हो तो खरीद केंद्र का कॉन्टैक्ट नंबर या पंचायत/ब्लॉक ऑफिस से संपर्क करें।
किसानों के लिए व्यवहारिक सुझाव और स्टोरेज
फसल बेचने से पहले सूखाइए: नम फसल पर कटौती लगती है और सड़न का खतरा बढ़ता है। संभालकर सूखाने से बेहतर दाम मिलते हैं।
स्टोरेज टिप्स: साफ, सूखी जगह में ऊँची परतों में भण्डारण करें; सिलेप्टिक या पॉलीथीन नहीं मिलाएं। कीट से बचाने के लिए पैकेट/बोरों को समय-समय पर चेक करें और जरूरी हो तो फुमिगेशन कराएं।
किस तरह बेचना बेहतर: अगर मंडी में भाव कम है, तो FPO, किसान मंडी या सीधे एफएमसीजी / प्रशोधन इकाइयों से संपर्क करके बेहतर रेट मिल सकता है। eNAM पर भाव की तुलना कर के भी सही निर्णय लिया जा सकता है।
सामान्य गलतियाँ जिन्हें बचें: रसीद न लेना, अनपंजीकृत खरीद केंद्र पर बिकवाना, उच्च नमी वाली फसल बेचना और पेमेंट की डॉक्यूमेंट्स सहेजना न भूलें।
अगर कोई विवाद हो तो मंडी बोर्ड का हेल्पलाइन नंबर, जिला कृषि अधिकारी या राज्य के कृषि विभाग से संपर्क कीजिए। छोटी-छोटी तैयारी और सही जानकारी से आप अपनी रबी फसल की सही कीमत पा सकते हैं। जरूरत हो तो अपने ब्लॉक/किसान सहकारी केंद्र पर जाकर स्थानीय नियम और खरीद तिथियाँ जरूर पूछ लें।
हरियाणा के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी डॉ. अशोक खेमका ने नूंह जिले में रबी फसल खरीद प्रक्रिया और शिक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने मंडियों में किसानों की दिक्कतें सुनीं और स्कूलों में संसाधनों की कमी दूर करने के निर्देश दिए। शिक्षा और कृषि दोनों क्षेत्रों में व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने पर जोर दिया।
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