तिरुपति भगदड़: दुर्घटना की पृष्ठभूमि
तिरुपति में विश्व प्रसिद्ध भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ जुटी थी। भगवान के दर्शन के लिए चलने वाले दस दिवसीय वैशाखा द्वार दर्शनम उत्सव के टिकट हेतु हजारों भक्त बुधवार रात मंदिर परिसर में इकट्ठा हुए। दुर्भाग्यवश इस विशाल भीड़ के कारण स्थिति अनियंत्रित हो गई और भगदड़ मच गई। इस दुखद घटना में छह लोगों की मौत हो गई और 48 लोग घायल हो गए। घटना की जांच की जिम्मेदारी अधिकारियों पर आरोपित की गई जिनका कहना था कि पुलिस उप-निरीक्षक के जोश के कारण यह अनियंत्रित स्थिति बनी।
मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की प्रतिक्रिया और मामलों की जांच
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने अमरावती से तिरुपति का दौरा किया और भगदड़ वाले स्थानों का निरीक्षण किया। उन्होंने स्थानीय अधिकारियों सहित तिरुमला तिरुपति देवस्थानम्स (टीटीडी) के कार्यकारी अधिकारी और कलेक्टर को फटकार लगाई और प्रश्न किया कि भीड़ को संभालने के लिए उचित प्रबंध क्यों नहीं किए गए थे। वे टीटीडी के संयुक्त कार्यकारी अधिकारी गौतमी से भी नाराज़ हुए, यह जानने के लिए कि भगदड़ के बाद क्या राहत उपाय किए गए थे।
भविष्य के लिए सावधानियाँ और न्यायिक जांच
मुख्यमंत्री नायडू ने भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए अधिकारियों को सावधानी बरतने का निर्देश दिया। दो पुलिस मामलों को तिरुपति ईस्ट पुलिस स्टेशन में इस घटना के संबंध में दर्ज किया गया है। इसके अतिरिक्त, इस मामले में एक न्यायिक जांच और दो अधिकारियों, जिनमें एक डीएसपी शामिल है, को निलंबित कर दिया गया है। सुरक्षात्मक कदम उठाते हुए टीटीडी एसपी, एईओ गौतमी और एक अन्य अधिकारी का स्थानांतरण किया गया है।
मुआवजा और नेताओं की प्रतिक्रिया
आंध्र प्रदेश सरकार ने मारे गए लोगों के परिवारों के लिए 25 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। यह घोषणा राज्य के राजस्व मंत्री अंगनी सत्यप्रसाद ने की, जो दुर्घटना के पीड़ितों और उनके परिवारों से मिलने के लिए तिरुपति गए थे। मृतकों की पहचान बोड्डेति नायडुबाबू (51) नरसीपट्नम, राजिनी (47), लावण्या (40), शांति (34) विशाखापत्तनम, निर्मला (50) बेल्लारी और मल्लिगा (49) सलेम निवासी के रूप में की गई है।
घटना के बाद विपक्षी दलों की ओर से तीखी आलोचना शुरू हो गई। पूर्व टीटीडी अध्यक्ष भूम पर आरोप लगाया गया कि यह प्रशासनिक नाकामी का उदाहरण है।
आगामी त्योहार और प्रशासन की तैयारी
वैशाखा द्वार दर्शनम उत्सव 10 जनवरी से शुरू होगा जिसमें हजारों भक्तों के भाग लेने की संभावना है। टीटीडी और जिला प्रशासन ने सभी आवश्यक कदम उठाने और भविष्य में किसी भी अनहोनी को रोकने की पुष्टि की है। भक्तों को नियंत्रित करने के लिए विशेष व्यवस्थाएं और सुरक्षा उपाय करने की बातें कही जा रही हैं। सरकार और प्रशासन ने यह भी आश्वासन दिया है कि ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए प्रभावी योजनाएं बनाई जाएंगी।
समय रहते सुधार हेतु प्रशासन को चेतना और तत्परता दिखाई देनी अनिवार्य है ताकि भावी आपदाओं को टाला जा सके। इस मामले ने इस बात को उजागर किया है कि भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए एक विस्तृत रणनीति अपनाई जाने की आवश्यकता है।
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