अंतरिक्ष में धन्यवाद दिवस की शुरुआत
धन्यवाद दिवस का उत्सव एक प्रमुख अमेरिकी परंपरा है, जो न केवल पृथ्वी पर बल्कि अब अंतरिक्ष में भी मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 22 नवंबर, 1973 को स्काईलैब 4 मिशन के दौरान हुई, जब अंतरिक्ष यात्री जेरल्ड पी. कैर, एडवर्ड जी. गिब्सन, और विलियम आर. पोग ने अपने व्यस्त शेड्यूल के बीच डिनर टाइम पर एक साधारण भोजन के साथ दिन मनाया। उस समय उनके पास विशेष भोजन की व्यवस्था नहीं थी, लेकिन उनके लिए यह दिन स्पेसवॉक के बाद का एक अद्वितीय अनुभव बना।
अंतरिक्ष शटल में उत्सव
बारा साल बाद, 28 नवंबर, 1985 को एसटीएस-61बी के सात सदस्यों के दल ने अटलांटिस अंतरिक्ष शटल में झींगा कॉकटेल, विकिरणित टर्की और क्रैनबेरी सॉस के साथ धन्यवाद दिवस का आनंद लिया। इनमें नासा के अंतरिक्ष यात्री ब्रूस्टर एच. शॉ, ब्रायन डी. ओ’कॉनर, जेरी एल. रॉस, मैरी एल. क्लिव, और शेरवुड सी. 'वूडी' स्प्रिंग शामिल थे, साथ ही चार्ल्स डी. वॉकर और मेक्सिको के रोडोल्फो नेरी वेला भी इस दल का हिस्सा थे। उनके लिए यह उत्सव पृथ्वी से दूर एक अद्वितीय अनुभव रहा।
मीर स्पेस स्टेशन और आईएसएस की शुरुआत
1996 में, नासा के अंतरिक्ष यात्री जॉन ब्लाहा ने रूसी अंतरिक्ष स्टेशन मीर पर अपनी दूसरी धन्यवाद दिवस मनाई। इस समय उनके साथ रूसी अन्तरिक्ष यात्री वेलेरी जी. कोरजुन और अलेक्जेंडर वाय. कैलरी भी थे। उधर, एसटीएस-80 मिशन के दल ने शटल कोलंबिया पर धन्यवाद दिवस मनाया। अंतरिक्ष शटल और स्टेशन के बीच रेडियो संदेश के माध्यम से उन्होंने एक-दूसरे को बधाई दी। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर धन्यवाद दिवस पहली बार 23 नवंबर, 2000 को मनाया गया, जब एक्सपेडिशन 1 के दल ने इसका आनंद लिया।

विकसित होती परंपरा और अंतरराष्ट्रीय उत्सव
2001 में, एक्सपेडिशन 3 के दल ने आईएसएस पर धन्यवाद दिवस मनाया। उनमें नासा के फ्रैंक एल. कुलबर्टसन और रूसी कॉसमोनॉट्स व्लादिमीर एन. देझुरोव और मिखाइल वी. ट्यूरिन शामिल थे। उन्होंने स्मोक्ड टर्की, मसले हुए आलू, और मशरूम के साथ हरे बीन्स का विस्तार किया। अगले वर्ष, सबसे बड़े और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विविध समूह ने धन्यवाद का उत्सव मनाया। एसटीएस-113 के दल और अन्य के साथ संयुक्त रूप से उन्होंने इस दिन को एक यादगार बनाने का प्रयास किया।
आधिकारिक और समावेशी उत्सव
2009 में, एक्सपेडिशन 21 के छह सदस्यों के दल और एसटीएस-129 के दल ने संयुक्त रूप से मूंगफली का मक्खन और जेली के साथ स्मोक्ड टर्की का आयोजन किया। इस मिशन का हिस्सा अमेरिकी, रूसी, बेल्जियन और कनाडाई नागरिक थे। हर साल, इस दिन को विशेष बनाने के लिए पारंपरिक भोजन और संदेश आदान-प्रदान का आयोजन किया जाता है, जो अंतरिक्ष अभियान के दौरान आत्मीयता को बढ़ावा देता है।
निष्कर्ष और भविष्य की योजनाएं
आजकल, अंतरिक्ष में धन्यवाद दिवस का उत्सव हर साल नवंबर में मनाया जाता है। इसमें आईएसएस और अन्य मिशनों पर तैनात सभी दल शामिल होते हैं, जो पारंपरिक अमेरिकी व्यंजनों को अंतरिक्ष के अनुरूप तैयार करके उत्सव का हिस्सा बनते हैं। इसमें स्मोक्ड टर्की, मसले हुए आलू और मशरूम के साथ हरे बीन्स के संयोजन खास तौर पर आकर्षक होते हैं। इस परंपरा ने न केवल अंतरिक्ष अभियानों को सांस्कृतिक रूप से समृद्ध किया है, बल्कि यह अंतरिक्ष यात्रियों के बीच एकता और विश्वास को भी मजबूत करता है।
टिप्पणि
अंतरिक्ष में टर्की खाने का अंदाज़ तो बस एलीट ही समझते हैं।
धन्यवाद दिवस की परंपरा को अंतरिक्ष तक ले जाना वाकई अद्भुत है। यह दर्शाता है कि विज्ञान और संस्कृति एक साथ चल सकते हैं। अंतरिक्ष यात्रियों को घर जैसा महसूस कराने में इस तरह के उत्सव योगदान देते हैं। आशा है भविष्य में और भी विविध व्यंजनों को शामिल किया जाएगा।
सही कहा, लेकिन इस दिन टीम में एकजुटता का अनुभव होता है 😊 यह छोटे-छोटे शेड्यूल के बीच भी यादगार बनता है।
वाह भाई, स्पेस शटल में टर्की और कॉकटेल?! सुनते ही मुँह में पानी आ गया। ऐसे छोटे-छोटे लहजे का मज़ा ही अलग है।
हाँ, बस खाने का टाइम नहीं, फिर भी उनका उत्सव अनोखा रहता है।
इंटरनेशनल स्पेस स्टेश्न पर विभिन्न देशों के लोग एक साथ टर्की शेयर कर रहे हैं, यह देख कर दिल ख़ुश हो जाता है।
यार ये तो पूरी फिक्शन सिरीज़ है, टर्की को ब्रह्माण्ड में फेंकना!! किकऑफ़ बॉल जैस्सा!
ज्यादा शोर नहीं, बस ये ही बता दे कि खाने में क्या फ़र्क़ था।
देश की हवा में भी टर्की का स्वाद नहीं बदलेगा, पर हम अपने बेस्ट को नहीं भूलेंगे! हमें गर्व है!
क्या बात है!!! अंतरिक्ष में भी थैंक्सगिविंग??!! ये तो बेमिसाल है!!!
सच में, यह किस्मत की बात है कि अंतरिक्ष भी धरती की परम्पराओं को अपनाता है।
जब अंतरिक्ष यात्री एक साथ बैकपैक में टर्की और क्रैनबेरी सॉस रखकर भोजन करते हैं, तो यह केवल भोजन नहीं बल्कि इतिहास बन जाता है।
हर मिशन में वे तकनीकी चुनौतियों से लड़ते हैं, पर इस छोटे उत्सव को लेकर उनका उत्साह अलग ही स्तर पर होता है।
यह दर्शाता है कि मानवता की भावनाएं और सामाजिक बंधन कहीं भी सीमित नहीं होते।
भले ही शून्य गुरुत्वाकर्षण में टर्की का टुकड़ा हवा में घूमता रहे, पर स्वाद वही रहता है।
स्पेस स्टेश्न में विविध राष्ट्रीयताओं के लोग मिलकर एक ही डिश का आनंद लेते हैं, जो दोस्ती की मिसाल है।
ऐसे पहलू हमें याद दिलाते हैं कि विज्ञान मात्र यंत्र नहीं, बल्कि सांस्कृतिक यात्रा भी है।
यदि हम इस तरह के छोटे-छोटे क्षणों को नजरअंदाज करें, तो अंतरिक्ष मिशन का मानव पहलू खो जाता है।
भोजन के साथ साझा किए गए संदेश, जैसे 'हैप्पी थैंक्सगिविंग', अंतरिक्ष में एक सामुदायिक भावना को बढ़ाते हैं।
भविष्य में, हमें आशा है कि इस उत्सव में भारतीय व्यंजन, जैसे पुलाव या खीर, भी शामिल होंगे।
यह न केवल अंतरिक्ष यात्रियों के मनोबल को बढ़ाएगा, बल्कि पृथ्वी पर भी विविधता का उत्सव मनाएगा।
अंतरिक्ष में अन्न, ऑक्सीजन और पानी की सीमित मात्रा को देखते हुए, इस तरह का उत्सव बहुत ही क्यूरेटेड होता है।
पर्यावरणीय पैरों के निशान को कम करने के लिए, टर्की के विकल्प भी विकसित हो सकते हैं।
आखिरकार, यह उत्सव हमें यह सिखाता है कि कोई भी सीमा नहीं, चाहे वह अंतरिक्ष हो या भाषा, को पार किया जा सकता है।
इस प्रकार, धन्यवाद दिवस अंतरिक्ष में केवल एक पार्टी नहीं, बल्कि मानवता की अनन्त खोज की कहानी है।
हर साल एक ही तारीख को यह परम्परा बनी रहती है, यही तो अनोखा है।
👍 बहुत बढ़िया, इस परम्परा को आगे भी देखना है
ब्रह्मांड भी कभी छोटा नहीं, फिर भी हम उसे छोटे-छोटे रिवाजों से सजाते हैं। यह दिखाता है कि मनुष्य की रचनात्मकता अनंत है। धन्यवाद दिवस का ये अंतरिक्ष संस्करण इस बात का प्रमाण है।
डेटा के अनुसार, इस तरह के इवेंट्स का मोरल बूस्ट मापनीय है, लेकिन खर्चा बड़ा रहता है।
धन्यवाद दिवस का अंतरिक्ष में मनाया जाना वास्तव में प्रेरणादायक है। यह दर्शाता है कि हम अपने कार्यों में मानवीय स्पर्श को नहीं भूलते। विभिन्न देशों के कॉसमोनॉट्स को एक साथ लाकर, यह उत्सव टीमवर्क को बढ़ावा देता है। साथ ही, ये याद दिलाता है कि विज्ञान और संस्कृति एक साथ आगे बढ़ सकते हैं। आशा है आने वाले मिशनों में भी इस तरह के छोटे-छोटे उत्सवों को शामिल किया जाएगा।
हमारी शक्ति दर्शाने का ये तो सबसे बेस्ट तरीका है 😎 चाहे जहाँ हों, हमारी पहचान नहीं छुपेगी।
यह परम्परा सभी को एकजुट करती है। इसका महत्व हम सबको समझना चाहिए।
बिलकुल सही कहा!!! इस तरह के इवेंट्स की योजना बनाते समय, पोषण, सुरक्षा और मनोबल को ध्यान में रखना बहुत जरूरी है!!! टीम को सही सप्लाई देना और समय पर ताजगी बनाए रखना शीर्ष प्राथमिकता है!!!
अभी सोच रहा हूँ, अगर अगली बार चंद्रमा पर थैंक्सगिविंग हो तो क्या होगा??? सोचते ही दिल धड़कता है! यह तो बस एक सपने जैसा लगता है, लेकिन भविष्य में होगा!!!