कल्लकुरीची त्रासदी: अवैध शराब बिक्री पर उठे राजनीतिक सवाल
कल्लकुरीची में अवैध शराब के कारण हुई त्रासदी ने राज्य में एक बड़ा राजनीतिक भूचाल ला दिया है। इस त्रासदी में कई लोगों की जान चली गई, जिससे विपक्षी दलों ने राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। एआईएडीएमके के महासचिव एडप्पाडी के पलानीस्वामी ने मुख्यमंत्री एम के स्टालिन से इस्तीफे की मांग करते हुए डीएमके सरकार पर गम्भीर आरोप लगाए हैं।
डीएमके सरकार पर आरोप
पलानीस्वामी ने आरोप लगाया कि डीएमके सरकार अवैध शराब की उत्पादन और बिक्री पर नियंत्रण करने में असफल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में डीएमके के कार्यकर्ताओं की संलिप्तता है। यही नहीं, एआईएडीएमके विधायक ने एक सप्ताह पहले और फिर कुछ दिन पहले पुलिस अधीक्षक को अवैध शराब की बिक्री के बारे में शिकायत की थी, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
पलानीस्वामी ने यह भी कहा कि डीएमके सरकार प्रभावित क्षेत्र में पर्याप्त समर्थन और संसाधन नहीं उपलब्ध करा सकी। उन्होंने सरकार के इस प्रतिक्रिया की निंदा करते हुए कहा कि विक्रवंडी उपचुनाव में जिस तरह की जोड़तोड़ और तैयारी की गई, वही तत्परता इस संकट के समय में क्यों नहीं दिखाई दी?
एआईएडीएमके का समर्थन
एआईएडीएमके महासचिव ने घोषणा की कि जो बच्चे इस त्रासदी में अपने माता-पिता को खो चुके हैं, उनकी शिक्षा का खर्च एआईएडीएमके उठाएगी। साथ ही प्रत्येक प्रभावित परिवार को प्रति माह 5,000 रुपये की सहायता देने की भी बात कही है।
पिछले मामलों की अनदेखी
पलानीस्वामी ने पिछले साल विलुपुरम और चेंगलपट्टु जिलों में हुई समान घटना का हवाला देते हुए कहा कि सीबी-सीआईडी द्वारा की गई जांच का कोई परिणाम सामने नहीं आया है। उन्होंने यह भी कहा कि जिला कलेक्टर ने जनता को मौत के कारणों के बारे में गलत जानकारी दी और उनके पूर्ववर्ती सरकार द्वारा बनाए गए अस्पताल को पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं कराए।
बीजेपी और अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया
बीजेपी के राज्य अध्यक्ष के अन्नामलाई ने भी इस मामले में अपने समर्थन का इजहार करते हुए प्रतिबंध और उत्पाद शुल्क मंत्री एस मुथुसामी को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की। एएमएमके प्रमुख टीटीवी दिनाकरन और अभिनेता विजय ने भी सरकार की प्रतिक्रिया की आलोचना की। विजय ने यह भी कहा कि सरकार द्वारा इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के वादे के बावजूद ऐसी त्रासदियों का पुनरावृत्ति हो रही है।
अंतिम विचार
कल्लकुरीची त्रासदी ने सरकार और विपक्ष के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि त्रासदी ने कई परिवारों को बर्बाद कर दिया है, और अब सरकार को अपनी नीति और कार्यप्रणाली पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। लोगों की सुरक्षा और जीवन को प्राथमिकता देना किसी भी सरकार की पहली जिम्मेदारी होनी चाहिए।
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