पर्ड्यू यूनिवर्सिटी का मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर विशेष जोर
पर्ड्यू यूनिवर्सिटी ने 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण को प्राथमिकता देने की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता जताई है। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का यह वर्ष कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को रेखांकित करता है। पिछले छह वर्षों से, पर्ड्यू अपने हेल्दी बॉयलर प्रोग्राम के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा दे रहा है, विशेष रूप से इसके व्यवहारिक स्वास्थ्य के खंभे के माध्यम से।
हेल्दी बॉयलर प्रोग्राम की विशेषताएं
हेल्दी बॉयलर प्रोग्राम का उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य चिंताओं के प्रति जागरूकता बढ़ाना और संकाय और कर्मचारियों की सहायता के लिए संसाधन प्रदान करना है। इस प्रोग्राम के तहत विभिन्न गुप्त परामर्श सेवाएं प्रदान की जाती हैं, जो कर्मचारियों के लिए नि:शुल्क हैं। इनमें सपोर्टलिंक, न्यू एवेन्यूज़ और बाउएन सेंटर जैसे प्रदाता शामिल हैं, जो अलग-अलग कैंपस स्थानों पर उपलब्ध हैं। कर्मचारी इन्हें फ़ोन कॉल के ज़रिए शुरू कर सकते हैं और व्यक्तिगत या वर्चुअल परामर्श प्राप्त कर सकते हैं।
दीर्घकालिक समर्थन और मानसिक स्वास्थ्य संसाधन
दीर्घकालिक सहायता के लिए, कर्मचारियों को सेंटर फॉर हेल्दी लिविंग (सीएचएल) के व्यवहारिक स्वास्थ्य सलाहकारों के पास भेजा जा सकता है। हालांकि, पर्ड्यू ग्लोबल कर्मचारियों को हेल्थएडवोकेट के माध्यम से ईएपी सेवाओं तक पहुँच प्राप्त है, लेकिन उन्हें सीएचएल या हेल्दी बॉयलर प्रोग्राम में देखभाल के लिए योग्य नहीं माना जाता।

छात्रों के लिए उपलब्ध संसाधन
पर्ड्यू के छात्रों के लिए भी व्यापक मानसिक स्वास्थ्य संसाधन उपलब्ध है। यूनाइटेड हेल्थकेयर स्टूडेंट रिसोर्सेस (यूएचसीएसआर) के माध्यम से 292 नेटवर्क मानसिक स्वास्थ्य प्रदाताओं की उपलब्धता है। इस के अलावा, हेल्थिएस्ट यू के माध्यम से वर्चुअल मानसिक स्वास्थ्य देखभाल भी छात्रों के लिए सुलभ है।
काउंसलिंग एवं साइकोलॉजिकल सेवा
काउंसलिंग और साइकोलॉजिकल सर्विसेज (सीएपीएस) के माध्यम से छात्रों के पास थेरेपी सेवाओं, स्व-सहायता संसाधनों, समूह थेरेपी, और एनएएमआइ ऑन कैंपस जैसे समर्थन समूहों तक पहुंच है। ये सेवाएँ छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने में सहायता करती हैं और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करने के लिए संसाधन प्रदान करती हैं।
अन्य मानसिक स्वास्थ्य समर्थन सेवाएं
पर्ड्यू में अन्य मानसिक स्वास्थ्य संसाधनों में संकट पाठ लाइन, राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम लाइफलाइफ, और थेरैपी असिस्टेंस ऑनलाइन (टीएओ) और थ्राइविंग कैंपस जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म शामिल हैं। इन सेवाओं का उद्देश्य छात्रों और कर्मचारियों को मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे को बिना किसी कलंक के स्वीकारने और सहायता प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के उद्देश्य के अनुरूप, पर्ड्यू विश्वविद्यालय वैश्विक प्रयासों के साथ मेल रखता है, ताकि मानसिक स्वास्थ्य देखभाल के लिए जागरूकता और समर्थन बढ़ सके। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के माध्यम से किया गया यह प्रयास निश्चय ही समाज को मानसिक स्वास्थ्य के महत्व की दिशा में सकारात्मक दिशा में प्रेरित करेगा। मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को स्वीकारने और जब आवश्यक हो तब मदद प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करना सुनिश्चित करने का यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
टिप्पणि
ये पहल वाकई में काबिले तारीफ़ है।
भईय्या, पर्ड्यू का यह हेल्दी बॉयलर प्रोग्राम तो जैसे लाइटनिंग फास्ट है, सबको फ्री में काउंसलिंग मिलती है, यूँ समझ लेओ कि मन की बीमा मिल गई। पर हाँ, कुछ लोग तो सिरीयसली फुल्टर्स को भी नहीं समझते। आखिरकार, ये सब बिन बताये मिल जाता है, है ना?
साधारण देखो तो सब ठीक लगता है, पर वास्तविक में फॉलो‑अप की कमी झलकती है।
इधर की बात सुनकर मेरे दिमाग में एक ही चीज़ आती है – भारत में ऐसी सुविधाएँ कब आएँगी? यहाँ तो सरकारी आदेश भी कभी‑कभी लटकाए रहते हैं, पर असली मदद नहीं।
वास्तव में, पर्ड्यू ने जो कदम उठाए हैं, उनका महत्व अत्यंत उच्च है, क्योंकि यह न केवल छात्रों को, बल्कि संकाय को भी, मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक नया आयाम प्रदान करता है, जो निश्चित ही सराहनीय है।
सच में, इस तरह के बड़े कैंपस में मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल को प्राथमिकता देना एक आदर्श है। लेकिन कभी‑कभी लगती है कि ये संसाधन दाल में नमक की तरह बिखरे हुए हैं, हर जगह नहीं पहुँचते। फिर भी, यह कदम हमें आशा देता है कि भविष्य में और बेहतर प्रणाली बनायी जा सकती है। अंत में, अगर हम सब मिलकर इसे अपनाएँ तो बदलाव संभव है।
बिल्कुल सही कहा, ऐसे कदम हमारे युवा वर्ग के मनोबल को उठाते हैं। चलो, हम भी इस पहल को प्रमोट करें।
बहुत बढ़िया पहल 😊
देखो, यहाँ तक कि अगर हम इस पर थोड़ा‑बहुत सवाल उठाएँ तो भी उसका मूल्य नहीं घटता। असली बात है कि हम सबको एक साथ चलना चाहिए, नहीं तो इस पहल का असर कहीं खो जाएगा।
डेटा दर्शाता है कि मानसिक स्वास्थ्य संसाधनों की उपलब्धता सीधे छात्रों की शैक्षणिक प्रदर्शन से जुड़ी है। इसलिए इन कार्यक्रमों को मजबूत करना आवश्यक है।
पर्ड्यू की यह पहल अन्य विश्वविद्यालयों के लिए एक मानक बन सकती है, अगर इसे सही तरह से लागू किया जाए। छात्रों के लिए ऑनलाइन थैरेपी सत्र, समूह चर्चा और आत्म‑सहायता गाइड्स का समुचित मिश्रण बहुत उपयोगी रहेगा। इसके अलावा, फॉलो‑अप मीटिंग्स और रेफरल सिस्टम को भी पूरक करना चाहिए। यदि प्रशासन इस पर निरंतर ध्यान देता रहा, तो कैंपस का माहौल स्वस्थ रहेगा।
इसी तरह जारी रखें! 👍
अच्छा प्रयास.
वास्तव में, पर्ड्यू विश्वविद्यालय ने जिस तरह से मानसिक स्वास्थ्य के समर्थन में निवेश किया है, वह न केवल प्रशंसनीय है, बल्कि भारत के शैक्षणिक संस्थानों के लिए एक दिशा-निर्देश भी बन सकता है। इस पहल के तहत हेल्दी बॉयलर प्रोग्राम, सपोर्टलिंक, न्यू एवेन्यूज़ और बाउएन सेंटर जैसी गुप्त परामर्श सेवाओं की उपलब्धता, सभी को मुफ्त में प्रदान की जा रही है, जिससे तनाव और अवसाद जैसी समस्याओं का समाधान संभव हो रहा है। यही नहीं, छात्रों के लिए यूएचसीएसआर के माध्यम से 292 नेटवर्क प्रोवाइडर्स की सुविधा भी एक बड़ा कदम है। इसके साथ ही, थ्राइविंग कैंपस और थेरैपी असिस्टेंस ऑनलाइन जैसी ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म्स ने दूरस्थ सहायता को और अधिक सुलभ बना दिया है।
यह देखना दिलचस्प है कि कैसे हर विभाग ने मिलकर एक व्यापक प्रणाली बनाई है, जिसमें काउंसलिंग, समूह थेरेपी, और नॉश्टॉप सपोर्ट ग्रुप्स शामिल हैं। इसके अलावा, संकट पंथि लाइन और राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम लाइफलाइफ जैसे संसाधन भी छात्रों को तत्काल मदद प्रदान करने में सक्षम हैं।
इन सभी सेवाओं का एक मुख्य लक्ष्य यह है कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर कलंक को तोड़ा जाए और जरूरतमंद लोगों को बिना झिझक मदद मिल सके। इस दिशा में पर्ड्यू ने जो कदम उठाए हैं, वे न केवल छात्रों और कर्मचारियों की भलाई को बढ़ाते हैं, बल्कि एक स्वस्थ, उत्पादक और सहयोगी शैक्षणिक माहौल को भी प्रोत्साहित करते हैं।
आगे चलकर, यदि इस तरह की पहल को अन्य विश्वविद्यालयों में भी अपनाया जाए, तो राष्ट्रीय स्तर पर मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार देखे जा सकते हैं। इस प्रकार के कार्यक्रमों की निरंतरता और विस्तार, छात्रों की अकादमिक सफलता के साथ-साथ उनके समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
दुर्लभ पहल, उम्मीद है कि सब जगह फेलो बनेंगे।