सूर्यकुमार यादव का 2025 का बुरा सपना: सात बार सिंगल डिजिट, कप्तानी में औसत आधा

सूर्यकुमार यादव का 2025 का साल ऐसा लग रहा है जैसे कोई बुरा सपना बार-बार दोहराया जा रहा हो। भारतीय टी20 टीम के कप्तान ने इस साल अब तक 14 मैचों की 13 पारियों में मात्र 140 रन बनाए — औसत 14.00। और ये आंकड़ा नहीं, एक चेतावनी है। सात बार उन्होंने एक अंकीय स्कोर पर आउट होना सहा। एक बार नहीं, सात बार। जब आप टीम के कप्तान हैं, तो ऐसा दर्द बस व्यक्तिगत नहीं, टीम के लिए एक खाली घड़ा हो जाता है।

एशिया कप 2025: एक अनुभव जो भूलना मुश्किल है

एशिया कप 2025 में सूर्यकुमार यादव का प्रदर्शन एक टूटी हुई घड़ी की तरह था — समय तो बीत रहा था, लेकिन सुई नहीं चल रही थी। सात मैचों में 72 रन। यूएई के खिलाफ 7, पाकिस्तान के खिलाफ 47 (जो उनका सबसे अच्छा स्कोर रहा), फिर सुपर-4 में शून्य, बांग्लादेश के खिलाफ 5, श्रीलंका के खिलाफ 12। और फाइनल में — जब देश की उम्मीदें उनके बल्ले पर टिकी थीं — पाकिस्तान के तेज़ गेंदबाज शाहीन अफरीदी ने उन्हें पांच गेंदों में केवल 1 रन बनाकर कैच आउट कर दिया। सलमान आगा के हाथों। वह दिन न सिर्फ एक मैच का नुकसान था, बल्कि एक निशान भी।

कप्तानी का भार: जब बल्ला नहीं चलता, तो दिमाग भारी हो जाता है

ये सिर्फ बल्लेबाजी की बात नहीं। ये दबाव की कहानी है। जब सूर्यकुमार यादव कप्तान नहीं थे, तो उनका औसत 43.40 था। 61 मैचों में 2040 रन। लेकिन जब जिम्मेदारी आई, तो उनका औसत घटकर 25.20 हो गया। 29 मैचों में 630 रन। विशेष रूप से जुलाई 2025 के बाद — जब उन्हें पूर्ण कप्तानी दी गई — उन्होंने 18 मैचों में मात्र 330 रन बनाए। औसत 18.33। इसका मतलब? जब उन्हें बल्ला लेना होता है, तो दिमाग में एक अलग शोर शुरू हो जाता है। एक शोर जो कहता है: "अब तुम टीम के लिए जिम्मेदार हो।"

रिकॉर्ड्स के बीच एक अजीब जगह

एक कैलेंडर ईयर में सिंगल डिजिट स्कोर पर आउट होने का रिकॉर्ड रोहित शर्मा के नाम है — 2022 में 8 बार। सूर्यकुमार अभी सात बार। लेकिन अगर बात करें कि कप्तान के तौर पर एक साल में सबसे कम औसत से रन बनाने की, तो वो तीसरे नंबर पर हैं। टॉप पर अफगानिस्तान के मोहम्मद नबी — 2022 में 11.64 का औसत। और दूसरे नंबर पर एक और भारतीय कप्तान, जिनका नाम अब ज्यादा याद नहीं आता। सूर्यकुमार अब एक ऐसी सूची में हैं जिसमें जाना नहीं चाहिए।

फाइनल में अनकही कहानी

किसी भी टी20 टूर्नामेंट के फाइनल में सूर्यकुमार यादव ने अभी तक अपने नाम के अनुरूप खेला ही नहीं। न टी20 विश्व कप, न एशिया कप, न ही आईपीएल फाइनल। उनके 6 शतक और 59 अर्धशतक बहुत हैं, लेकिन जब दुनिया देख रही होती है, तो वो शांत हो जाते हैं। एक बार नहीं, बार-बार। जैसे कोई डर उनके बल्ले पर छाया हो।

विश्लेषण: क्या ये बस एक दौर है?

ये एक दौर है, या एक बदलाव की शुरुआत? क्रिकेट इतिहास में बहुत से बल्लेबाज ऐसे आए जिनकी फॉर्म गिरी और फिर वापस आई। लेकिन जब कप्तानी जुड़ जाए, तो बात अलग हो जाती है। जब आपके बल्ले पर टीम का भार हो, तो एक बार की गलती भी एक आदत बन जाती है। सूर्यकुमार यादव के पास तकनीक तो है — उनका स्ट्राइक रेट अभी भी 152.54 है — लेकिन जब आपका औसत 11.11 हो जाए, तो ये आंकड़ा नहीं, एक चिंता का संकेत है।

क्या अगला कदम?

भारतीय टीम अभी भी जीत रही है — 29 में से 25 जीत। लेकिन जब आपका कप्तान बल्ले से नहीं, बल्कि दिमाग से खेल रहा हो, तो ये जीत अस्थायी हो सकती है। क्या उन्हें अस्थायी रूप से कप्तानी से हटा दिया जाए? क्या उन्हें एक छोटा सा ब्रेक दिया जाए? या फिर, क्या वो खुद इस दबाव को जीत लेंगे? उन्होंने कहा — "रनों की कमी के कारण टीम का माहौल नहीं बदलेंगे।" ये बयान बहुत बड़ा है। लेकिन क्या ये दृढ़ता है, या डर का ढाल?

पिछले दौर की यादें

सूर्यकुमार यादव ने अब तक 332 टी20 मैच खेले हैं — 8,692 रन, 6 शतक, 59 अर्धशतक। टी20 इंटरनेशनल में 2,670 रन। लेकिन अब वो खुद अपने आंकड़ों का एक अजीब अध्याय बन गए हैं। एक ऐसा अध्याय जिसे आप बार-बार पढ़ते हैं, लेकिन अभी तक समझ नहीं पाए।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या सूर्यकुमार यादव को कप्तानी से हटा दिया जाएगा?

अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन बातचीत शुरू हो चुकी है। बोर्ड के अंदर कुछ लोग मानते हैं कि एक छोटा ब्रेक उनके लिए फायदेमंद हो सकता है। जबकि अन्य कहते हैं कि विश्वास बरकरार रखना जरूरी है। लेकिन अगर अगले तीन मैचों में भी फॉर्म नहीं आई, तो बदलाव की संभावना 70% हो जाएगी।

क्या उनकी बल्लेबाजी की तकनीक में कोई खामी है?

तकनीक में कोई बड़ी खामी नहीं है, लेकिन दबाव के कारण उनका शॉट सेलेक्शन बदल गया है। अब वो जल्दी एक्शन लेने की कोशिश करते हैं — बजाय गेंद को देखने के। विशेषज्ञों का कहना है कि उनका लेग स्लिप और कवर ड्राइव अब अधिक जोखिम भरा है। जब वो जानते हैं कि टीम उन पर निर्भर है, तो वो ज्यादा रिस्क लेने लगते हैं।

एशिया कप 2025 के बाद उनका अगला मैच कब है?

भारतीय टीम का अगला टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच 15 दिसंबर 2025 को न्यूजीलैंड के खिलाफ वेलिंगटन में होगा। ये मैच सूर्यकुमार यादव के लिए एक नया शुरुआत का मौका होगा। अगर वो इस मैच में 40+ रन बनाने में सफल हो जाते हैं, तो बातचीत बदल जाएगी। नहीं तो ये दौर बहुत लंबा हो सकता है।

क्या उनके लिए कोई रिप्लेसमेंट तैयार है?

हां। शिवम दुबे और रिषभ पंत दोनों को अगले कप्तान के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। शिवम दुबे का अंतरराष्ट्रीय औसत 39.50 है और उन्होंने आखिरी तीन मैचों में दो अर्धशतक बनाए हैं। पंत के लिए तो बस फॉर्म की जरूरत है। लेकिन दोनों के लिए बड़ा चुनौती होगी — टीम का दबाव उठाना।

क्या सूर्यकुमार यादव के लिए ये अंतिम दौर है?

नहीं। उनकी उम्र 34 है, और उनके बल्ले की ताकत अभी भी बाकी है। लेकिन अगर वो अगले छह महीनों में अपनी फॉर्म वापस नहीं लाते, तो टीम का भविष्य उनके बल्ले पर नहीं, बल्कि नए बल्लेबाजों पर टिक जाएगा। उनका करियर अभी खत्म नहीं हुआ, लेकिन अगला फैसला उनके बल्ले से होगा।

क्या ये सिर्फ सूर्यकुमार की गलती है?

नहीं। टीम के बल्लेबाजी क्रम में भी एक खाई है। रोहित शर्मा अब बाहर हैं, विराट कोहली धीमे हैं, और नए बल्लेबाज अभी अपने आप को साबित नहीं कर पाए। जब टीम के सारे बल्लेबाज एक साथ फिसल रहे हों, तो कप्तान को बहुत ज्यादा दबाव महसूस होता है। ये एक टीम की समस्या है — न कि सिर्फ एक आदमी की।

Ravi Kant

Ravi Kant

लेखक

मैं एक समाचार संपादक हूँ और दैनिक समाचार पत्र के लिए लिखता हूं। मेरा समर्पण जानकारीपूर्ण और निष्पक्ष रिपोर्टिंग के प्रति है। मैं अक्सर भारतीय दैनिक घटनाओं पर ध्यान केंद्रित करता हूं ताकि पाठकों को अद्यतित रख सकूं।

संबंधित पोस्ट

टिप्पणि

  • lakshmi shyam
    lakshmi shyam नवंबर 29, 2025

    ये बस फॉर्म की बात नहीं है, ये तो मानसिक टूटन है। कप्तानी का बोझ उन्हें निगल गया है। अब जो भी बल्ला उठाते हैं, उनके चेहरे पर डर दिखता है। ये नहीं चलेगा।

  • Omkar Salunkhe
    Omkar Salunkhe नवंबर 30, 2025

    अरे भाई ये सब ट्रेंड है जब कोई बड़ा खिलाड़ी ढीला पड़ता है तो सब उसकी नकल करने लगते हैं। अब तो हर कोई सूर्यकुमार को फ्लॉप कह रहा है लेकिन उसका स्ट्राइक रेट अभी भी 152 है। ये तो बहुत अच्छा है।

  • raja kumar
    raja kumar नवंबर 30, 2025

    हमें इस बात को समझना चाहिए कि कप्तानी का दबाव कितना भारी होता है। सूर्यकुमार ने अब तक जो कुछ किया है, वो किसी और के लिए असंभव होता। उन्हें थोड़ा समय दें।

  • Sumit Prakash Gupta
    Sumit Prakash Gupta दिसंबर 2, 2025

    लुकिंग अट द डेटा, इसका एंट्री पॉइंट है बल्लेबाजी के अंदर इंटेंशन डिस्टोर्शन। जब अप्रोच में ऑप्टिमाइजेशन फेल होता है, तो आउटपुट डिग्रेड हो जाता है। इसलिए उनका स्ट्राइक रेट बरकरार है, लेकिन एवरेज नहीं।

  • Shikhar Narwal
    Shikhar Narwal दिसंबर 3, 2025

    दोस्तों बस थोड़ा सा धैर्य रखो 😊 ये बस एक फेज है। जब भी बड़े खिलाड़ी गिरते हैं, तो लोग उन्हें नीचे देखने लग जाते हैं। लेकिन सूर्यकुमार के अंदर अभी भी वो जादू है जिसने हमें बहुत बार जीत दिलाई है। विश्वास रखो 🙏

  • Vidushi Wahal
    Vidushi Wahal दिसंबर 3, 2025

    मुझे लगता है उनके लिए एक छोटा सा ब्रेक जरूरी है। बस एक महीना के लिए बाहर रख दें, शांति मिल जाएगी।

  • Narinder K
    Narinder K दिसंबर 5, 2025

    अरे यार, ये तो बस एक बुरा दौर है... जैसे जब तुम रोज बारिश में बैलेंस खो देते हो।

  • Narayana Murthy Dasara
    Narayana Murthy Dasara दिसंबर 6, 2025

    मैं तो ये कहूंगा कि जब टीम जीत रही है तो कप्तान का औसत जितना भी हो, उसे छोड़ दो। जब टीम खोएगी तब बात बदलेगी।

  • Sabir Malik
    Sabir Malik दिसंबर 7, 2025

    मैंने इन दिनों उनके खेल को बार-बार देखा है। वो बिल्कुल अलग तरह से बल्ला चला रहे हैं। उनके हाथों में एक अजीब सी लहर है, जैसे वो खुद को बचाने की कोशिश कर रहे हों। उनके शॉट्स में जोश नहीं, डर है। लेकिन ये डर तो उनके दिल में है, न कि बल्ले में। अगर वो खुद को विश्वास दे दें, तो ये दौर भी गुजर जाएगा। उन्होंने कभी भी अपने आप को नहीं छोड़ा है। उनके अंदर वो आग है जिसने 2021 में वेस्टइंडीज के खिलाफ वो शतक बनाया था। उस शतक को याद करो। वो आज भी वहीं हैं। बस उन्हें थोड़ा समय दो। एक बार जब वो एक बड़ा शॉट लगाएंगे, तो सब कुछ बदल जाएगा। उनकी आत्मा अभी भी जी रही है। बस उन्हें अपने आप पर भरोसा करने दो।

  • Debsmita Santra
    Debsmita Santra दिसंबर 9, 2025

    सूर्यकुमार की फॉर्म गिरना तो बहुत बड़ी बात है लेकिन उनकी टीम की टैक्टिकल डिसीजन्स भी जरूरी हैं। जब टीम इतनी जल्दी शॉट लेने को कहती है तो बल्लेबाज का दिमाग अलग दिशा में जाने लगता है। बस एक बार उन्हें खुद को छोड़ दें।

  • Vasudha Kamra
    Vasudha Kamra दिसंबर 10, 2025

    हमें उनके लिए उम्मीद बनाए रखनी चाहिए। वो एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने कई बार टीम को बचाया है। ये दौर भी गुजर जाएगा।

  • Abhinav Rawat
    Abhinav Rawat दिसंबर 11, 2025

    क्या आपने कभी सोचा है कि कप्तानी एक अलग खेल है? बल्लेबाजी तो एक व्यक्तिगत युद्ध है, लेकिन कप्तानी एक समूह के भार को उठाना है। शायद उनके अंदर वो शक्ति नहीं है जो दोनों को एक साथ चलाने के लिए चाहिए। ये निर्माण का सवाल है।

  • Shashi Singh
    Shashi Singh दिसंबर 11, 2025

    ये सब एक षड्यंत्र है! बोर्ड ने उन्हें नीचे गिराने के लिए गेंदबाजों को निर्देश दिए हैं! शाहीन अफरीदी ने उन्हें जानबूझकर फाइनल में आउट किया! ये सब जानबूझकर हुआ है! वो जानते हैं कि उनका बल्ला बहुत खतरनाक है! अब वो उन्हें नष्ट कर रहे हैं! 🚨💣

  • Surbhi Kanda
    Surbhi Kanda दिसंबर 12, 2025

    अगर ये फॉर्म अगले तीन मैचों में नहीं आई, तो उन्हें तुरंत हटा देना चाहिए। टीम का भविष्य इस पर निर्भर है। ये निर्णय लेना जरूरी है।

  • Sandhiya Ravi
    Sandhiya Ravi दिसंबर 12, 2025

    मुझे लगता है कि वो बहुत थक गए हैं। उन्होंने बहुत कुछ दिया है। अब उन्हें थोड़ा आराम चाहिए। बस इतना ही।

  • JAYESH KOTADIYA
    JAYESH KOTADIYA दिसंबर 13, 2025

    भारत का कप्तान और 14 का औसत? ये तो बहुत शर्म की बात है। अब तो पंत को बुलाओ, वो तो बहुत बेहतर है। 🤷‍♂️🔥

  • Vikash Kumar
    Vikash Kumar दिसंबर 13, 2025

    ये बस शुरुआत है। अब तो वो भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक अजीब नाम बन गए हैं।

  • Siddharth Gupta
    Siddharth Gupta दिसंबर 14, 2025

    दोस्तों इस बार बस थोड़ा धैर्य रखो। उनके बल्ले में अभी भी वो जादू है। बस उन्हें खुद को भूलने दो। जब वो खुद को भूल जाएंगे, तो वो वापस आ जाएंगे।

  • Anoop Singh
    Anoop Singh दिसंबर 16, 2025

    ये सब बकवास है। अगर वो नहीं बना रहे तो हटा दो। कोई नहीं चाहता कि वो बल्ला उठाए। अब तो शिवम दुबे को बुलाओ।

  • Ravish Sharma
    Ravish Sharma दिसंबर 17, 2025

    अरे यार, ये तो बहुत शर्म की बात है। अब तो टीम का नाम भी उनके नाम से जुड़ गया है। जब तक वो बल्ला नहीं उठाएंगे, तब तक भारत का टी20 इतिहास एक अजीब अध्याय बना रहेगा।

एक टिप्पणी लिखें