रयान रिकेलटन का ऐतिहासिक शतक और साउथ अफ्रीका की दमदार बल्लेबाजी
कराची की भीगी दोपहर में जब अफगानिस्तानी गेंदबाजों ने शुरुआत की तो शायद खुद उन्हें भी अंदाजा नहीं था कि रयान रिकेलटन का बल्ला कैसा तूफान लेकर आने वाला है। रयान रिकेलटन ने चैम्पियंस ट्रॉफी के अपने डेब्यू मुकाबले में ऐसा शतक ठोका, जो साउथ अफ्रीका क्रिकेट इतिहास में दर्ज हो गया। उन्होंने 106 गेंद में 103 रन बटोरे और मैदान के हर कोने में शॉट्स लगाए। कप्तान टेम्बा बवुमा के साथ उनकी 129 रन की साझेदारी ने शुरुआत को मजबूत किया, जिससे अफगानिस्तान शुरुआती विकेट के बाद वापसी तक नहीं कर सका।
रिकेलटन के शतक के बाद रासी वान डर डूसेन (52) और एडेन मार्करम (50*) ने भी जिम्मेदारी संभाली। दोनों ने मध्यक्रम में तेजी से रन जुटाए। खास बात यह रही कि साउथ अफ्रीका ने पारी के आखिरी ओवरों में कोई बड़ा विकेट नहीं गंवाया, जिसका फायदा मिला और टीम 50 ओवर में 315/6 तक पहुंच गई। अफगानिस्तान की फील्डिंग इस बीच काफी निराशाजनक रही—उन्होंने रन आउट के मौके छोड़े और कई बार मैदान पर गेंद को मिसफील्ड किया।

रहमत शाह की जिद, लेकिन अफगानिस्तान की हार
जवाब में अफगानिस्तान की बल्लेबाजी की नींव ही कमजोर दिखी। सिराज अहमद जल्दी पवेलियन लौट गए और अफगानिस्तान लगातार विकेट गिरने से बैकफुट पर आ गया। रहमत शाह एक छोर पर टिके रहे और 90 रनों की जुझारू पारी खेली, लेकिन उन्हें दूसरे छोर से ज्यादा साथ नहीं मिला। जब तक रहमत क्रीज पर थे, कुछ उम्मीद बाकी थी, लेकिन जैसे ही वे आउट हुए, जीत की कहानी खत्म हो गई।
तेज गेंदबाज कागिसो रबाडा ने एक बार फिर क्लास दिखाई—उन्होंने 3 विकेट झटके, वहीं लुंगी एनगिडी और वियान मुल्डर ने 2-2 विकेट निकाले। इन तीनों ने मिलकर अफगानिस्तान के निचले क्रम को समेट दिया, और पूरी टीम 43.3 ओवर में 208 रन बनाकर आउट हो गई। आखिरी ओवरों में राशिद खान ने 13 गेंद में 18 रन बनाकर दर्शकों का थोड़ा मनोरंजन किया, लेकिन यह काफी नहीं था।
इस जीत के साथ ही साउथ अफ्रीका ने वनडे में 6 लगातार हार के सिलसिले को तोड़ा है। ग्रुप बी में यह मजबूत शुरुआत है—अब बाकी मुकाबलों में आत्मविश्वास काफी अधिक दिखेगा। अफगानिस्तान को अपनी बल्लेबाजी के साथ-साथ फील्डिंग में भी जल्दी सुधार करना होगा, वरना टूर्नामेंट आगे उनके लिए मुश्किल हो सकता है।
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