अजिम प्रेमजी

जब हम अजिम प्रेमजी, भारतीय उद्योगपति, Wipro के संस्थापक और प्रमुख परोपकारी. Also known as अजिम प्रिंसिपल, उनका काम भारत के IT‑सेक्टर और सामाजिक बदलाव दोनों को जोड़ता है। उनकी कहानी सिर्फ़ एक व्यवसायी की नहीं, बल्कि एक ऐसे विज़न की है जो तकनीक को लोगों की भलाई से जोड़ता है। इस पेज पर आप उनके प्रमुख कदम, दान‑धर्म की दिशा‑निर्देश और भविष्य में जैसा प्रभाव रहने की संभावना है, उसके बारे में जानेंगे।

मुख्य पहलू – व्यवसाय, दान‑धर्म और सामाजिक उत्तरदायित्व

पहला बड़ा एंटिटी Wipro, भारत की अग्रणी IT कंपनी है। अजिम ने 1970‑के दशक में एक छोटे इलेक्ट्रॉनिक व्यावसायिक के रूप में इसे शुरू किया, फिर 1990‑के दशक में इसे सॉफ्टवेयर सेवाओं में बदला। उनका कहना था, "IT सिर्फ़ तकनीक नहीं, यह लोगों की समस्याओं का हल है"। इस सोच ने Wipro को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई और भारत को IT‑हब बनाने में मदद की। दूसरी एंटिटी परिचरिया फ़ाउंडेशन, अजिम प्रेमजी द्वारा स्थापित परोपकारी संस्था है। 2015 में जब उन्होंने अपना अधिकांश शेयर बेच दिया, तो लगभग ₹9,000 crore की धनराशि इस फ़ाउंडेशन में चली गई। इस फ़ाउंडेशन का मुख्य लक्ष्य शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास में निवेश करना है। उन्होंने कहा कि "धन का सबसे बड़ा उपयोग तब होता है जब वह दूसरों के जीवन को बेहतर बनाता है"। इस फ़ाउंडेशन के तहत कई स्कूले, अस्पताल और स्वच्छता परियोजनाएँ चल रही हैं, जो सीधे आम लोगों को फायदा पहुँचाती हैं। तीसरा महत्वपूर्ण एंटिटी कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR), कंपनी द्वारा सामाजिक विकास में योगदान है। अजिम के नेतृत्व में Wipro ने CSR को सिर्फ़ नियामक औपचारिकता नहीं, बल्कि कंपनी की संस्कृति का हिस्सा बना दिया। उनके अनुसार, "हर प्रोजेक्ट को समाज की जरूरतों के साथ जोड़ना चाहिए"। इस सिद्धांत ने कई नवाचारी सामाजिक पहलें जन्म दीं, जैसे डिजिटल शिक्षा कार्यक्रम और पर्यावरण संरक्षण परियोजनाएँ। इन तीन एंटिटीज़ के अलावा, अजिम के जीवन में "उद्यमी भावना", "शिक्षा सुधार" और "पर्यावरणीय जागरूकता" जैसे उप‑विषय भी प्रमुख हैं। उनके व्यवसायिक फैसले अक्सर इन मूल्यों के आधार पर होते हैं, जिससे उनका प्रभाव सिर्फ़ आर्थिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक भी बन जाता है।

अब हम कुछ प्रमुख संबंधों को समझते हैं। पहला, अजिम प्रेमजी → Wipro : उन्होंने कंपनी को छोटे इलेक्ट्रॉनिक व्यापार से विश्व‑स्तरीय IT लीडर बनाया। दूसरा, परिचरिया फ़ाउंडेशन → सामाजिक परियोजनाएँ : शिक्षा के लिए लाखों छात्रवृत्ति, स्वास्थ्य में ग्रामीण अस्पताल और जल‑शुद्धिकरण। तीसरा, CSR → पर्यावरण : वनों की रोपण योजना और नवीनीकृत ऊर्जा उपयोग। इन त्रिकों ने मिलकर दिखाया कि कैसे एक व्यवसायी का व्यक्तिगत विज़न पूरे देश की प्रगति में रूपांतरित हो सकता है। यदि आप अजिम प्रेमजी के बारे में गहराई से जानना चाहते हैं, तो नीचे दी गई सूची आपके लिए काम की होगी। यहाँ हम उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं—व्यवसायिक रणनीतियों, दान‑धर्म के केस स्टडी, CSR‑इनोवेशन और भविष्य की संभावनाओं—को कवरेज करते हुए लेख, इंटरव्यू और विश्लेषण प्रस्तुत करेंगे। आप इन लेखों से यह सीख सकते हैं कि कैसे एक सफल उद्यमी अपने संसाधनों को सामाजिक बदलाव के लिए उपयोग कर सकता है, और कैसे आप भी इन सिद्धांतों को अपने काम या जीवन में लागू कर सकते हैं। आपके सामने अब एक व्यवस्थित संग्रह है, जिसमें अजिम प्रेमजी की कहानी, उनके प्रोजेक्ट्स, और उनके द्वारा स्थापित संस्थाओं की झलक मिलेगी। ये सामग्री न केवल जानकारी देती है, बल्कि प्रेरणा भी देती है—कि अगर कोई व्यक्ति इतना बड़ा बदलाव कर सकता है, तो आप क्यों नहीं? नीचे दी गई पोस्ट्स को पढ़ें, नोट्स बनाएं और अपने विचारों को आगे बढ़ाएं।

अजिम प्रेमजी ने कर्नाटक सीएम के बेंगलुरु ट्रैफ़िक प्रस्ताव को ठुकरा दिया

अजिम प्रेमजी ने कर्नाटक सीएम के बेंगलुरु ट्रैफ़िक प्रस्ताव को ठुकरा दिया

विप्रो के संस्थापक अजिम प्रेमजी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिड़रामैया के बेंगलुरु के आउटर रिंग रोड के ट्रैफ़िक को हल करने के लिए विप्रो कैंपस को सार्वजनिक मार्ग बनाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। उन्होंने कानूनी, प्रशासनिक और सुरक्षा कारणों को मुख्य बाधा बताया। इसके बदले एक व्यापक वैज्ञानिक अध्ययन की मांग की तथा उसके खर्च का बड़ा हिस्सा कंपनी उठाने का वादा किया। यह कदम शहर की जटिल ट्रैफ़िक समस्या के लिए एक ही समाधान नहीं, बल्कि कई उपायों की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है।

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