मानहानि मामला — क्या करें जब आपकी छवि को ठेस पहुँचे
कभी किसी ने आपके खिलाफ झूठी बात कही या सोशल मीडिया पर आपका अपमान किया? ऐसा होना परेशान करने वाला है, पर जानकारी होने पर आप शांत और सटीक कदम उठा सकते हैं। नीचे आसान भाषा में बताऊंगा कि मानहानि क्या है, कौन से कानून काम आते हैं और शुरुआती कदम क्या होने चाहिए।
मानहानि क्या है और किसे कहते हैं
सरल शब्दों में, मानहानि (defamation) तब होती है जब किसी ने आपकी इज़्ज़त-आबरू या प्रतिष्ठा को झूठी या भ्रामक बातें कहकर नुकसान पहुँचाया हो। कानून में दो तरह होती है — आपराधिक और सिविल। भारतीय दण्ड संहिता की धारा 499 और 500 में मानहानि के आपराधिक पक्ष का जिक्र है। सिविल में आप पैसे के हर्जाने (damages) के लिए मुकदमा कर सकते हैं।
मानहानि की दो सामान्य शैलियाँ: लिखित रूप (libel) और बोलकर की गई बात (slander)। सोशल मीडिया, ब्लॉग, मैसेज या अख़बार में प्रकाशित झूठी सामग्री को libel माना जाता है।
त्वरित कदम — अगर आप पीड़ित हैं
1) सबूत संभालें: स्क्रीनशॉट, पोस्ट का URL, तारीख-समय, वायरल कॉन्टेक्स्ट और किसी भी रिएक्शन का रिकॉर्ड रखें। यह पहला और सबसे जरूरी काम है।
2) नोटिस भेजें: अक्सर वकील के जरिये एक सख्त लेकिन सटीक नोटिस भेजना ही मामला सुलझा देता है — सार्वजनिक माफी या पोस्ट हटवाना।
3) रिपोर्ट करें: सोशल प्लेटफ़ॉर्म पर रिपोर्ट का विकल्प होता है। तुरंत पोस्ट हटवाने की कोशिश करें और प्लेटफ़ॉर्म की शिकायत नीति का इस्तेमाल करें।
4) पुलिस/कानूनी कार्रवाई: अगर बात गंभीर है तो IPC 499/500 के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी जा सकती है। साथ ही सिविल दावे के लिए कोर्ट में केस भी कर सकते हैं।
अगर आप आरोपी हैं — क्या करें? शांत रहें। गलत पोस्ट हटाएं, सार्वजनिक माफी पर विचार करें और कानूनी सलाह लें। सच्चाई की स्थिति में बचाव (defense) होना आसान होता है।
कौन से बचाव काम आते हैं? सच्चाई (truth) सबसे मजबूत रक्षा है। साथ ही निष्पक्ष टिप्पणी (fair comment), सार्वजनिक हित (public interest) और कुछ मामलों में विशेषाधिकार (privilege) का दावा भी काम आ सकता है।
ऑनलाइन मामलों के आसान टिप्स: डिफ़ॉल्ट प्राइवेसी सेटिंग्स चेक रखें, नफरत या झूठ फैलाने वालों को बिना सोचे-समझे रिप्लाई न करें, और वायरल होने पर तुरंत कानूनी सलाह लें। समय बड़ा फैक्टर है — देर करने से नुकसान बढ़ सकता है।
आखिर में, हर केस अलग होता है। छोटे मामलों में नोटिस से हल निकल सकता है, जबकि गंभीर मामलों में कोर्ट और पुलिस दोनों की जरूरत पड़ेगी। सही सबूत और तेज़ कार्रवाई से आप अपने नाम और इज़्ज़त की सुरक्षा कर सकते हैं। जरूरत हो तो अनुभवी वकील से संपर्क करें और कार्रवाई को व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ाएँ।
दिल्ली की एक अदालत ने YouTuber ध्रुव राठी और दो अन्य के खिलाफ बीजेपी नेता सुरेश नखुआ द्वारा दायर मानहानि मामले में समन जारी किया है। नखुआ का आरोप है कि राठी ने एक वीडियो में उन्हें 'हिंसक और अपमानजनक ट्रोल' के रूप में संदर्भित किया। अदालत ने यह समन 19 जुलाई, 2024 को जारी किया था। मामले की सुनवाई 6 अगस्त, 2024 को होगी।
और पढ़ें