फुट फ्रैक्चर – क्या है, कैसे पहचानें और ठीक करें
जब आप फुट फ्रैक्चर, पैर की हड्डी का टूटना, अक्सर गिरने या तेज़ चोट से होता है. इसे पैर में हड्डी रोग भी कहा जाता है, और यह दर्द, सूजन और चलने में दिक्कत पैदा करता है।
फुट फ्रैक्चर को समझना आसान है अगर आप जानते हैं कि ये हड्डी टूटना (Bone Fracture) किसे प्रभावित करता है और किस स्थिति में हो सकता है। उदाहरण के लिए, तेज़ खेल, वाहन दुर्घटना या गिरते समय पैर पर अचानक दबाव डालने से फ्रैक्चर हो सकता है। यह स्थिति ऑर्थोपेडिक उपचार, विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा प्रदान किया जाने वाला इलाज, जिसमें ब्रेसिंग, कास्टिंग या सर्जरी शामिल हो सकती है की जरूरत बनाती है। अक्सर शुरुआती चरण में दर्द को दवाओं से कम किया जाता है, लेकिन स्थायी सुधार के लिए फिजियोथेरेपी, पुनर्वास तकनीक जो मांसपेशियों को मजबूत करती है और गति सीमा बहाल करती है भी आवश्यक होती है।
फुट फ्रैक्चर के प्रमुख पहलू
पहला कदम है सही पहचान। यदि पैर में अचानक तेज़ दर्द, सूजन, रंग बदलना या चलने में असहजता महसूस हो, तो तुरंत एक्स‑रे करवाएं। डॉक्टर अक्सर बताते हैं कि फुट फ्रैक्चर की गंभीरता तीन श्रेणियों में बाँटी जा सकती है: साधारण (simple), जटिल (compound) और खुला फ्रैक्चर (open fracture)। साधारण फ्रैक्चर में हड्डी के टुकड़े एक दूसरे से जुड़े रहते हैं, जबकि जटिल या खुला फ्रैक्चर में हड्डी की टुकड़ियां बाहर निकली हो सकती हैं, जिससे संक्रमण का ख़तरा बढ़ जाता है।
दूसरा पहलू है उपचार का चयन। छोटा फ्रैक्चर अक्सर कास्ट या ब्रेसेस से ठीक हो जाता है, जबकि बड़े या विस्थापित फ्रैक्चर में सर्जिकल इम्प्लांट, पिन या प्लेट लगाना पड़ता है। सर्जरी के बाद रोगी को पुनर्वास के लिए फिजियोथेरेपी की जरूरत होती है; यह मांसपेशियों को पुनः सक्रिय करता है, रक्त संचार बढ़ाता है और पुनः चोट लगने का जोखिम घटाता है।
तीसरा पहलू है रोगी की जीवनशैली में बदलाव। वजन कम रखना, संतुलित आहार, कैल्शियम और विटामिन D का सेवन हड्डियों को मजबूत बनाता है, जिससे भविष्य में फ्रैक्चर की संभावना घटती है। साथ ही, सुरक्षित खेल उपकरण, उचित जूतों का चयन और गिरते समय सही तरीके से गिरना भी बचाव में मदद करता है।
इन सभी बिंदुओं को ध्यान में रखकर आप फुट फ्रैक्चर की समस्या को जल्दी पहचान सकते हैं, सही उपचार चुन सकते हैं और जल्दी से जल्दी सामान्य जीवन में वापस आ सकते हैं। नीचे हमारे पास इस टैग से जुड़ी ताज़ा ख़बरें, विशेषज्ञ राय और उपयोगी टिप्स हैं—इनमें से प्रत्येक आपके सवालों का उत्तर देगा और आपको कदम‑दर‑कदम मार्गदर्शन देगा।
रिशभ पंत ने 14 सितंबर को बेंगलुरु के बीसीसीआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में पुनः ट्रेनिंग शुरू की, जिससे उनकी फुट फ्रैक्चर से ठीक होने की प्रक्रिया में बड़ा कदम तय हुआ। अभी भी वे स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग चरण में हैं और विकेटकीपिंग या बैटिंग का कोई काम नहीं कर रहे। इस कारण वे अक्टूबर में शुरू होने वाली वेस्ट इंडीज़ के टेस्ट श्रृंखला से बाहर रहेंगे। भारतीय टीम में ध्रुव जुरेल और नारायण जगदेवान को अस्थायी विकल्प माना जा रहा है। पंत की अगली बड़ी चुनौती नेबर साउथ अफ्रीका के टेस्ट मैच हो सकते हैं।
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