उत्तराखंड में भारी बारिश की चेतावनी: हर मोर्चे पर अलर्ट
बारिश ने उत्तराखंड की रफ्तार थाम दी है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) की भविष्यवाणी के बाद राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA) ने 12 से 15 अगस्त 2025 तक भारी से बहुत भारी वर्षा के लिए उत्तराखंड बारिश को लेकर ऑरेंज, रेड और येलो अलर्ट जारी कर दिए हैं।
12 अगस्त को देहरादून, नैनीताल, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, पौड़ी, चंपावत और बागेश्वर में भारी बारिश के चलते ऑरेंज अलर्ट है। बाकी जिलों के लिए येलो अलर्ट मिल चुका है, जिसमें तेज़ बारिश, आंधी और बिजली गिरने का खतरा है।
13 से 14 अगस्त के बीच देहरादून, टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, नैनीताल और बागेश्वर में रेड अलर्ट रहेगा। यहां बहुत भारी और कहीं-कहीं बेहद ज्यादा बारिश हो सकती है। बाकी राज्य ऑरेंज अलर्ट में रहेगा। 15 अगस्त के लिए इन्हीं जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी रहेगा, बाकियों में येलो अलर्ट रहेगा।

बारिश के रिकॉर्ड और ज़िंदगी पर असर
देहरादून ने बीते 24 घंटे में 200mm बारिश दर्ज की है — यह पिछले 74 सालों में एक दिन में सबसे ज़्यादा है। इससे जनजीवन थम गया है। शहर और गांवों में जगह-जगह जलभराव और भूस्खलन की खबरें आई हैं। सड़कें बंद होने लगीं, कई रास्तों पर आवाजाही नहीं हो पा रही है। प्रशासन ने गंभीर स्थिति को देखते हुए केदारनाथ यात्रा तीन दिन के लिए निलंबित कर दी है। बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब की यात्राएं भी बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।
देहरादून में 12 अगस्त को बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए कक्षा 1 से 12 तक के सभी स्कूल और आंगनबाड़ी बंद रहे। किसान भाइयों को सलाह दी गई है कि अपने खेतों में पानी की निकासी का इंतज़ाम कर लें और कटाई की जा चुकी फसलों को सूखे स्थान में सुरक्षित रखें।
प्रशासन ने पुलिस, लोक निर्माण विभाग, पीएमजीएसवाई, पशुपालन, व बॉर्डर रोड्स ऑर्गेनाइजेशन जैसी तमाम एजेंसियों और गांव स्तर तक अधिकारियों को अलर्ट कर दिया है। सड़कों की निगरानी हो रही है और ट्रैफिक के लिए अपडेट साझा किए जा रहे हैं। अधिकारियों के मोबाइल हर वक्त चालू रखने के आदेश दिए गए हैं। गाँव के प्रधानों और पुलिस चौकियों को टॉर्च, प्लास्टिक शीट, हेलमेट व छाते जैसे जरूरी सामान तैयार रखने के निर्देश हैं।
नदियों, नालों, ड्रेनों, निचले इलाके और बाढ़ संभावित क्षेत्रों में बसे परिवारों को हर हाल में सतर्क रहने और ज़रूरत पड़ने पर सुरक्षित ऊँचे स्थानों पर जाने को कहा गया है। हर किसी को अपने मोबाइल पर प्रशासनिक अपडेट्स देखने और मौसम की हर खबर जानने की हिदायत दी गई है। आपदा से निपटने के इंतजाम चाक-चौबंद हैं, पर स्थानीय लोगों के सहयोग और सतर्कता ही फिलहाल सबसे बड़ी जरूरत बनी हुई है।
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