व्यापार: ताज़ा बाजार, IPO और क्रिप्टो अपडेट
सेंसेक्स 1400 अंक गिरा और वहीं बिटकॉइन $80,000 पार कर गया — बाजारों में इसी तरह के विरोधाभास रोज़ दिखते हैं। यहां आपको उन खबरों का सरल और उपयोगी सार मिलता है जिनका असर आपकी जेब पर पड़ता है: बड़ी गिरावट, IPO की मांग, क्रिप्टो का उछाल या बैंकिंग नतीजे।
ताज़ा प्रमुख खबरें
टॉप स्टोरीज में देखें कि ट्रंप की टैरिफ घोषणा ने भारतीय शेयर बाजार को कैसे हिलाया, और सेंसेक्स-निफ्टी पर क्या असर पड़ा। Pi Coin के मुख्यनेट के बाद 96% की गिरावट ने क्रिप्टो निवेशकों को सतर्क कर दिया। वहीं यूनिमेक एयरोस्पेस का IPO GMP 77% पर पहुंचकर ये दिखा रहा है कि किस IPO पर भीड़ बन सकती है।
बैंकों और कंपनियों की तिमाही रिपोर्ट भी निगाह में रखें: इंडसइंड बैंक के कमजोर नतीजों से 20% तक की गिरावट और एंजेल वन की मजबूत तिमाही—ये दोनों उदाहरण बताते हैं कि खबरें शेयर की दिशा पलट सकती हैं। स्पाइसजेट और महिंद्रा जैसी कंपनियों के कॉरपोरेट कदम भी सीधे निवेशक रुख बदल देते हैं।
आपको क्या देखना चाहिए (प्रैक्टिकल टिप्स)
1) वॉलैटिलिटी को अपनाइए, उससे भागिए मत: बड़े समाचार (टैरिफ, चुनाव, फेड रेट) पर तेज़ हिलजुल होती है। अगर शॉर्ट-टर्म ट्रेडर हैं तो स्टॉप-लॉस ज़रूर रखें; लॉन्ग टर्म के लिए फंडामेंटल देखें।
2) IPO में दिलचस्पी है? ग्रे मार्केट प्रीमियम और सब्सक्रिप्शन रेट देखें। यूनिमेक या Kronox जैसी लिस्टिंग में GMP और सब्सक्रिप्शन रेशियो से शुरुआती लिस्टिंग का संकेत मिलता है, मगर रिस्क भी रहता है—लंबे समय के बिजनेस मॉडल पर नजर रखें।
3) क्रिप्टो में खबरों का तेज़ असर: Pi Coin जैसी घटनाएं बताती हैं कि केवाईसी, एक्सचेंज लिस्टिंग और तकनीकी स्थिरता कितनी अहम है। क्रिप्टो में पोजिशन छोटी रखें और जोखिम को सीमित करें।
4) सेक्टर-आधारित रिसर्च: IT, फार्मा, बैंकिंग या एयरलाइंस—हर सेक्टर की संवेदनशीलता अलग होती है। उदाहरण के लिए तेल की कीमतें गिरें तो एयरलाइनों के लाभ बढ़ सकते हैं; बैंक के प्रोविज़न बढ़े तो बैंकिंग शेयर दब सकते हैं।
ब्रांड समाचार पर हम रोज़ उन घटनाओं को कवर करते हैं जो बाजार की दिशा बदलती हैं—चाहे चुनाव से ट्रेडिंग हॉलिडे हों या किसी कंपनी का चौथी तिमाही रिज़ल्ट। पढ़ते समय यह ध्यान रखें कि हर खबर का व्यक्तिगत निवेश पर अलग असर होता है।
अगर आप निवेश कर रहे हैं तो खबर पढ़ने के साथ एक स्पष्ट प्लान रखें: लक्ष्य, समयावधि और रिस्क टॉलरेंस तय करें। सवाल हो तो हमारी रिपोर्ट्स के नीचे कमेंट करें या "ब्रांड समाचार" पर संबंधित आर्टिकल खोलकर विस्तृत विश्लेषण पढ़ें।
भारत के शेयर बाजार में 2 अप्रैल 2025 को भारी बिकवाली देखी गई, ट्रंप की टैरिफ घोषणा से वैश्विक व्यापार में चिंता बढ़ी। सेंसेक्स 1400 से अधिक अंक गिरा और निफ्टी50 23245 पर पहुँच गया। विशेषज्ञों ने आईटी और फार्मा जैसे क्षेत्रों में सतर्कता की सलाह दी। घरेलू शेयरों पर ध्यान देने की सिफारिश की गई। वैश्विक बाजारों में भी भारी गिरावट देखी गई।
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Pi Coin का बहुप्रतीक्षित मुख्यनेट लॉन्च 20 फरवरी 2025 को हुआ, लेकिन इसके बाद कीमतों में 96% की गिरावट आई, जिससे निवेशकों में हाहाकार मच गया। केवाईसी में देरी और तकनीकी दिक्कतों ने स्थिति को और गंभीर बना दिया। निवेशकों को संभावित सुधार के संकेत के रूप में एक्सचेंज लिस्टिंग और ईटीएफ की अफवाहें दिखाई दे रही हैं।
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यूनिमेक एयरोस्पेस के आईपीओ ने ग्रे मार्केट प्रीमियम में 77% की वृद्धि दिखाई है, जो निवेशकों के मजबूत आकर्षण की ओर इशारा करता है। यह आईपीओ ₹500 करोड़ जुटाने का प्रयास कर रहा है और सब्सक्रिप्शन के अंतिम दिन तक 90 गुना से अधिक भरा गया है। इसके शेयर ₹745 से ₹785 के प्राइस बैंड पर जारी किए गए हैं। लिस्टिंग 31 दिसंबर 2024 को बीएसई और एनएसई पर होगी।
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महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के चलते बीएसई और एनएसई सहित इंडियन स्टॉक एक्सचेंज 20 नवंबर, 2024 को बंद रहेंगे। यह वर्ष का 14वां ट्रेडिंग अवकाश है। राज्य में सभी 288 विधानसभा सीटों के लिए एक फेज में चुनाव हो रहे हैं। मतदान सुबह 7 बजे से शुरू होकर शाम 6 बजे तक चलेगा। मतदान की गिनती 23 नवंबर, 2024 को की जाएगी।
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बिटकॉइन की कीमत ने पहली बार $80,000 का आंकड़ा पार किया है, जो मार्च में स्थापित अपने पिछले उच्चतम मूल्य $73,737 से भी अधिक है। डोनाल्ड ट्रम्प की चुनाव जीत से इस उछाल को काफी बढ़ावा मिला है, जिन्होंने क्रिप्टोकरेंसी को अपने अभियान का एक अहम हिस्सा बताया और अमेरिका में इस उद्योग को बचाने और बढ़ावा देने का वादा किया। नतीजतन, बिटकॉइन इस सप्ताह लगभग 17% बढ़ चुका है।
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फेडरल रिजर्व की रेट कटौती और डोनाल्ड ट्रम्प की एक कानूनी जीत के चलते ग्लोबल बाजारों में मिलाजुला असर देखा गया। फेडरल रिजर्व ने 25 बेस पॉइंट्स की रेट कट का ऐलान किया, जो कि पहले से अनुमानित था। हालांकि, दो सदस्यों ने इसके खिलाफ वोट दिया। इस कदम का उद्देश्य अमेरिकी आर्थिक विस्तार को बनाए रखना है, जो अब 11वें वर्ष में है।
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इंडसइंड बैंक के शेयरों में शुक्रवार को करीब 20% की गिरावट देखी गई, जब निजी क्षेत्र के इस बैंक ने जुलाई-सितंबर तिमाही के कमजोर नतीजे पेश किए। बैंक का शुद्ध मुनाफा साल दर साल लगभग 40% घटकर 1,325 करोड़ रुपये रह गया, जो विश्लेषकों का अनुमानित 2,214 करोड़ रुपये से काफी कम था। तिमाही के दौरान बैंक की प्रावधानों में 87% की वृद्धि भी हुई।
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एंजेल वन के शेयरों में अक्टूबर 15 को 8% की वृद्धि हुई जब निवेशकों ने दूसरे तिमाही के मजबूत परिणामों की सराहना की। कंपनी का शुद्ध मुनाफा 39.1% बढ़कर 423.4 करोड़ रुपये तक पहुँच गया और राजस्व 44.5% की वृद्धि के साथ 1,514.7 करोड़ रुपये हो गया। व्यापारिक गतिविधियों में मजबूत विकास के बीच, एंजेल वन का डीमैट खातों में हिस्सा भी बढ़ कर 15.7% हो गया।
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स्पाइसजेट के शेयर मूल्य में हाल ही में तेजी दर्ज की गई है, जो कई कारणों से जुड़ी है। कंपनी का कर्ज कम करने के प्रयास, नई पूंजी जुटाने की रणनीति और राजस्व बढ़ाने के लिए विभिन्न पहल कर रही है। इसमें नव वाहनों के जोड़ने और कार्गो व्यवसाय को सुधारने जैसे कदम शामिल हैं। इसके अलावा, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ने भी स्पाइसजेट की लाभप्रदता को बढ़ाया है।
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महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयर नए हल्के कमर्शियल वाहन 'वीरो' की लॉन्चिंग के बाद 2% बढ़े। इस वाहन को शहरी परिवहन में व्यापारिक दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से डिज़ाइन किया गया है। 'वीरो' का पेलोड क्षमता 1,600 किलोग्राम और डीजल वैरिएंट की फ़्यूल एफिशिएंसी 18.4 किमी/ली है। इसके अलावा, यह डीजल, सीएनजी और भविष्य में इलेक्ट्रिक वर्जन में उपलब्ध होगा।
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29 जुलाई 2024 को पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के शेयरों में उल्लेखनीय उछाल देखा गया। बैंक ने पहली तिमाही (Q1) के परिणाम घोषित किए, जिसमें 207% की वृद्धि के साथ समेकित शुद्ध लाभ ₹3,716 करोड़ दर्ज हुआ। यह उछाल कम गैर-निष्पादनकारी आस्तियों (NPAs) और मजबूत परिचालन प्रदर्शन के कारण हुई। इसके परिणामस्वरूप, PNB के शेयर बीएसई और एनएसई पर उच्च स्तर पर कारोबार कर रहे थे।
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23 जुलाई, 2024 को सेंसेक्स और निफ्टी में 1% से अधिक की गिरावट आई जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024 बजट में पूंजीगत लाभ टैक्स और फ्यूचर्स और ऑप्शन्स (F&O) ट्रेडिंग पर प्रतिभूति लेनदेन टैक्स (STT) बढ़ाया। इस फैसले से बाजार में व्यापक बिकवाली हुई और कई सेक्टरों में गिरावट दर्ज की गई।
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