दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में, मई 7, 2024 को, दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर एक महत्वपूर्ण सुनवाई आयोजित की। केजरीवाल, जिन्हें 2024 के मार्च 21 को दिल्ली सरकार द्वारा लागू की गई, अब मोड़ लेने वाली शराब उत्पाद नीति 2021-22 से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
दिल्ली सरकार की इस पॉलिसी को लेकर विवादों की शुरुआत हुई थी, जिसमें शराब वितरण के नए फ्रेमवर्क की पेशकश की गई थी। यह नीति इस उद्देश्य से लाई गई थी कि शराब की बिक्री से राजस्व में वृद्धि हो, और इसके प्रबंधन को अधिक पारदर्शी और संगठित बनाया जा सके। हालांकि, इस नीति को लागू करने की प्रक्रिया में कई कथित अनियमितताएँ और भ्रष्ट गतिविधियाँ सामने आईं, जिसके कारण केजरीवाल और उनकी सरकार की आलोचना हुई।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) की प्रतिक्रिया पर केजरीवाल की जमानत आवेदन पर विचार करने हेतु एक नोटिस जारी किया था, जिसे 15 अप्रैल 2024 को सेव किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने, विचाराधीन मामले की पेचीदगियों को देखते हुए, अंतरिम जमानत पर विचार करने की अपनी इच्छा जताई, खासकर आसन्न चुनावों के मद्देनजर।
इस प्रक्रिया के दौरान, उच्च न्यायालय ने अपने 9 अप्रैल 2024 के निर्णय में केजरीवाल की गिरफ्तारी का समर्थन किया था। न्यायालय का कहना है कि केजरीवाल ने जांच में बार-बार सहयोग न करके और तलब किए जाने पर उपस्थित न होकर गंभीरता से लेने की कोशिश की। सुप्रीम कोर्ट अब जमानत आवेदन पर एक आदेश जारी करने की उम्मीद में है, जो कि इस राजनैतिक घटनाक्रम में एक निर्णायक मोड़ प्रदान कर सकता है।
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