भारी बारिश से उत्तर प्रदेश में 18 मौतें, चितरकोट में सबसे अधिक हताहत
भारी बारिश ने उत्तर प्रदेश में 18 मौतें उत्पन्न की, चितरकोट में सबसे अधिक हताहत। बाढ़ ने वाराणसी और प्रयागराज को भी प्रभावित किया, स्कूल बंद और जनजीवन बाधित।
और पढ़ेंजब बात आती है बाढ़, जलस्तर के अचानक बढ़ने से भूमि पर पानी का अतिक्रमण. Also known as प्रलय, यह प्राकृतिक आपदा जीवन, कृषि और बुनियादी ढाँचे पर बड़ा असर डालती है, तो हमें उसके कारणों और दुष्परिणामों को समझना जरूरी है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग, हवामान पूर्वानुमान और अलर्ट जारी करने वाला प्रमुख सरकारी एजेंसी. Also known as IMD, वह लगातार बाढ़ चेतावनी जारी करता है ताकि लोग समय पर तैयार हो सकें। साथ ही केंद्रीय आयकर और टैक्स बोर्ड, भारत में कर नीति को लागू और नियंत्रित करने वाला मुख्य संस्थान. Also known as CBDT, बाढ़ जैसे आपदा के बाद टैक्स ऑडिट डेडलाइन बदलता है, जैसे हालिया घोषणा में दिखा। अंत में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, देश में आपदा प्रतिक्रिया की मुख्य संस्था. Also known as NDMA, वह राहत, बचाव और पुनर्वास के लिए समन्वय करता है। ये चार प्रमुख इकाई बाढ़ से जुड़े विभिन्न पहलुओं को जोड़ती हैं – मौसम सीखना, सरकारी प्रतिक्रिया, वित्तीय समायोजन और राहत कार्य।
बाढ़ अक्सर भारी बारिश या नदी के किनारे जल स्तर में अचानक उठान से आती है, इसलिए यह भू‑भौतिकी और जलवायु परिवर्तन से गहराई से जुड़ी है। जब IMD चेतावनी देता है, तो स्थानीय प्रशासन को जल्दी से बचाव योजना तैयार करनी पड़ती है, जैसे पनडुब्बी‑फिशिंग जाल, बैनर और निकासी मार्ग। CBDT की नई टैक्स डेडलाइन नीति दर्शाती है कि बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा आर्थिक नियोजन में भी बदलाव लाती है; किसान और व्यापारियों को राहत के दौरान कर राहत मिलती है। NDMA का कार्यक्षेत्र केवल तत्काल बचाव नहीं, बल्कि बाद में पुनर्निर्माण, जल निकासी व्यवस्था और बाढ़‑प्रतिरोधी निर्माण को बढ़ावा देना भी है। इस तरह बाढ़, मौसम, कर नीति और आपदा प्रबंधन एक-दूसरे के पूरक बनते हैं, जिससे पूरे राष्ट्र की लचीलापन बढ़ती है।
इस टैग पेज पर आपको हालिया बाढ़ घटनाक्रम, सरकारी आदेश, वित्तीय परिवर्तन और राहत कार्यक्रमों की एकत्रित सूची मिलेगी। चाहे वह उत्तराखंड में रिकॉर्ड बारिश हो, दिल्ली‑NCR में मॉनसून अलर्ट हो, या CBDT की टैक्स डेडलाइन वृद्धि हो, यहाँ सभी प्रमुख अपडेट एक जगह मिलेंगे। आप पढ़ेंगे कैसे IMD ने पूर्वानुमान किया, NDMA ने किस जिले में राहत शिविर लगाए, और बैंकों ने बाढ़ से प्रभावित किसानों को कौन‑सी वित्तीय सहायता दी। इन लेखों को देखकर आप बाढ़ के कारणों, प्रभावों और नवीनतम नीतियों को समझ सकेंगे, ताकि आप अपने घर, व्यवसाय या खेती को बेहतर तरीके से सुरक्षित रख सकें। अब नीचे स्क्रॉल करके विस्तृत समाचार और गहन विश्लेषण देखें।
भारी बारिश ने उत्तर प्रदेश में 18 मौतें उत्पन्न की, चितरकोट में सबसे अधिक हताहत। बाढ़ ने वाराणसी और प्रयागराज को भी प्रभावित किया, स्कूल बंद और जनजीवन बाधित।
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