मैच का सार
प्रो कबड्डी लीग के ग्यारहवें सीजन की 76वीं लड़ाई में U Mumba ने Bengaluru Bulls को 34-32 से हराकर सभी दर्शकों को रोमांचित कर दिया। खेल का शेड्यूल 21:00 बजे था और दो टीमों ने पूरे समय भर दबाव बनाए रखा। प्रत्येक रेडी, प्रत्येक टैकल के पीछे दुबारा सोचते हुए, खिलाड़ी अपने-अपने रोल में बेहतरीन प्रदर्शन दिखा रहे थे। इस तरह की कसी हुई जीत दोनों टीमों की इस सीजन की प्रतिस्पर्धात्मकता को साफ़ तौर पर दर्शाती है।
अगर आप इस मैच की कहानी को एक वाक्य में कहें तो: “उत्कृष्ट राइडिंग और धीरज भरी डिफेंस ने जीत को जन्म दिया।” यह वाक्य बिल्कुल सही बैठता है क्योंकि दोनों पक्षों ने इकड़-एकड़ कर अपने-अपने हीरो को उभारा।

मुख्य आँकड़े और खिलाड़ी प्रदर्शन
मैच के सबसे चमकते सितारे रहे Ajit Chouhan, Manjeet और Arulnanthababu। नीचे उनके और अन्य प्रमुख खिलाड़ियों के आँकड़े दिए गए हैं:
- Ajit Chouhan (U Mumba) – 7 पॉइंट्स (5 टच + 2 बोनस)
- Manjeet (U Mumba) – 6 पॉइंट्स (5 टच + 1 बोनस) और 1 सुपर टैकल
- Sunil Kumar (U Mumba, कप्तान) – 2 टैकल पॉइंट्स
- Rinku (U Mumba) – 4 टैकल पॉइंट्स
- Sombir (U Mumba) – 2 टैकल पॉइंट्स
- Parvesh Bhainswal (U Mumba) – 1 टैकल पॉइंट्स
- Arulnanthababu (Bengaluru Bulls) – 5 टैकल पॉइंट्स, पूरी फ़ोरम में बेज़्ज़ी मोड
- Pardeep Narwal (Bengaluru Bulls) – प्रमुख राइज़र, लेकिन कुल मिलाकर कम स्कोर
- Sunny, Parteek, Sushil, Nitin Rawal (Bengaluru Bulls) – विभिन्न चरणों में भाग लेकर टीम को संतुलित करने की कोशिश की
Ajit की राइडिंग को देखते हुए, हर टच पॉइंट के साथ वह बॉल्स को सीधे गोल में ले जाता है, जिससे विरोधी टीम को बार‑बार पीछे हटना पड़ता है। Manjeet की सुपर टैकल ने एक अतिरिक्त पॉइंट टीम के लिए दिल से जोड़ दिया, जिसका असर अंतिम दो अंकों में साफ़ दिखा। वहीं, Bengaluru Bulls की रक्षा में Arulnanthababu ने लगातार टैकल करके प्रतिद्वंद्वी को पीछे धकेला, पर उसे ही उन दो पॉइंट्स की कमी ने मात दी।
यदि आप प्रश्न पूछें कि इस दो‑अंकों के अंतर में कौन-सी छोटी‑छोटी चीज़ें भूमिका निभा रही थीं, तो जवाब में बताना पड़ेगा: टच पॉइंट्स की सही टाइमिंग, बोनस पॉइंट्स की चतुर रणनीति, और सुपर टैकल जैसे अचानक उत्पन्न होने वाले मौकों का ज़्यादा से ज़्यादा उपयोग।
फैंस के लिए इस जीत का मतलब सिर्फ अंक नहीं, बल्कि उम्मीद की नई लहर भी है। U Mumba की अगली मैचों में प्ले‑ऑफ़ के दरवाज़े तक पहुंचने की संभावना अब अधिक वास्तविक लग रही है। वहीं, Bengaluru Bulls को दो‑अंकों की बार‑बार हार से सीख लेकर अपनी राइंग स्ट्रेटेजी को फिर से कोमल करने की ज़रूरत है।
मैच का प्रसारण Star Sports Network और Disney+ Hotstar पर लाइव हुआ, जिससे घर‑बेतर घर कबड्डी के शौकीन इस नज़दीकी मुकाबले को बखूबी देख सके। सामाजिक मीडिया पर भी इस खेल को लेकर चर्चा तेज़ी से बढ़ी, विभिन्न पोस्टों में दर्शकों ने दोनों टीमों की खेल भावना की सराहना की।
टिप्पणि
अजित की शानदार राइडिंग ने यू मुम्बा को जीत दिलाई। टीम की रणनीति अच्छी रही।
भाई साहब, इस मैच की टैक्टिक की गहराई तो काफ़ी क्लासिक थी। क्योकि हर राइड क्विक थ्रोट के साथ थी, इसलिए स्कोर बहुत कसा हुआ था। सुपर टैकल्स की बारीकी से देखा जाए तो ये बिंदु स्पष्ट होते हैं कि डिफ़ेंसर्स ने पूरी कोशिश की। पर एक बात है, इन पॉइंट्स की गिनती में छोटा‑छोटा टेम्पो भी बड़ा फर्क डालता है। जब अजित ने टच पॉइंट्स का बंक बनाया, तो बॉल की मूवमेंट काबिल‑इ‑तारीफ़ थी। एक ही बार में दो बूस्ट पॉइंट्स का उपयोग कमाल का था। टीम की फ़ॉर्मेशन में थोड़ा साइड‑लेफ़्ट फोकस था, जिससे बेंज़ी मोड में आऊटलेट खुलता रहा। बेंगलोर बुल्स की रिएक्शन भी ठीक‑ठाक थी, पर वे समय पर नहीं पहुँचे। इस कारण ही दो पॉइंट्स का अंतर बना। मैनेजमेंट की स्ट्रेटेजी को देख कर मैं कहूँगा कि प्लानिंग में थोड़ी फुर्ती भी जरूरी है। जब टच पॉइंट्स को टाइमिंग के साथ किया गया, तो जीत का माहौल बन गया। बोनस पॉइंट्स की प्लानिंग भी कमाल की थी, क्यूँकि वो अचानक मौके पर आए। इस सब का परिणाम ये है कि टीम का कॉन्फिडेंस हाई लेवल पर पहुँच गया। इन सब बातों को देखते हुए, मैं कहूँगा कि दोनों टीमों ने खेल की असली भावना दिखायी। अंत में यही कहा जा सकता है कि कबड्डी में न सिर्फ शक्ति, बल्कि दिमाग़ की भी कसौटी होती है।
आपकी दीर्घ टिप्पणी पढ़ते‑पढ़ते मन थक गया।
देश की प्रतिष्ठा को हम सभी को संरक्षित रखना चाहिए क्योंकि कबड्डी हमारे राष्ट्रीय खेलों में से एक है और इस प्रकार की जीत से राष्ट्र का गौरव बढ़ता है हमें हमेशा इस खेल के प्रति सम्मानजनक रवैया अपनाना चाहिए.
देखिए, जब तक हम सही संरचना नहीं समझते तब तक कोई भी टीम जीत नहीं सकती। इस मैच में यू मुम्बा ने दिखाया कि कैसे रणनीति को सटीकता से लागू किया जाता है। बेंजालोर बुल्स को अपनी टैक्टिक्स माँजनी होंगी नहीं तो फिर नहीं। इस बात को लेकर मैं कहूँगा कि प्रत्येक खिलाड़ी को अपनी भूमिका समझनी चाहिए और टीम को एकजुट बनाए रखना चाहिए। नहीं तो फिर स्पष्ट है कि दिल वाले ही जीतेंगे।