जब तमिल थलाईवस ने हरियाना स्टीलर्स के खिलाफ अपना आखिरी लीग मैच खेला, तो पूरी कबाडी दुनिया ने अपना रिमोट और मोबाइल हाथ में ले रखा था। यह मुकाबला तमिल थलाईवस बनाम हरियाना स्टीलर्स मैचनेटाजी सुब्बा चंद्र बोस इनडोर स्टेडियम, कोलकाता के नाम से जाना जाता है, और 25 दिसंबर 2018 को शाम 8 बजे (IST) होस्ट किया गया था। इस मैच में Pro Kabaddi League के छःवें सीजन की 118वीं लीडिंग फेज़ थी, लेकिन दोनों टीमों की प्ले‑ऑफ की आशा पहले ही धुंधली हो चुकी थी।
मैच का संक्षिप्त परिचय
कोलकाता के इस बड़े इनडोर एरिना में 12 टीमों में से नीचे वाले दो फ्रेंचाइज़ियों का टकराव हुआ। भारत टुडे के अनुसार, यह "एक सुस्त सामना" था क्योंकि दोनों टीमों के पास अब प्ले‑ऑफ का कोई स्नॉर नहीं था। फिर भी, दर्शकों ने इस खेल को "कबाड़ी का कवि सम्मेलन" कह कर सराहा – क्योंकि यहाँ भी रैगिंग, रैप और रेफ़री के ठंडे शब्दों की बौछारें थीं।
टीमें और खिलाड़ी
तमिल थलाईवस का कप्तान अजय ठाकुर (पूर्व राष्ट्रीय टीम के कप्तान) इस मैच में अपनी तेज़ रैफ़्टिंग दिखाने को तैयार था। साथ ही, मनजीत चिल्लर जैसे अनुभवी डिफेंडर ने "टैक्सिडो" के साथ विरोधी रैफ़्टर को रोकने की कोशिश की। दूसरी ओर, हरियाना स्टीलर्स ने अपनी शुरुआती सीजन की फॉर्म को याद करते हुए सुरेश शर्मा को मुख्य रैफ़्टर बैनर पर रखा। दोनों टीमों में वार्षिक वेतन की औसत सीमा लगभग 4.5 करोड़ रुपये थीं, जो 2017‑18 के मुकाबले 12% बढ़ी थी।

प्रकाशन और स्ट्रीमिंग विवरण
टेलीविजन पर Star Sports 2 और Star Sports 2 HD चैनलों ने लाइव कवरेज दिया। डिजिटल स्ट्रीमिंग के मामले में, Hotstar और JioTV ने सीधा प्रसारण किया। टाइम्स नाउ के शब्द में, "यदि आप कहीं भी हों, मोबाइल या टेलीविज़न पर मैच को बिलकुल भी मिस नहीं करें"। वह दिन भारत में 75% घरों में टीवी या इंटरनेट कनेक्शन सक्रिय था, जो इस घटना को राष्ट्रीय स्तर पर प्रमुख दर्शक वर्ग बनाता है।
मैच का महत्व और विशेषज्ञों की राय
जैसे ही मैच शुरू हुआ, कबाड़ी विश्लेषक राहुल वर्मा ने कहा, "यह मैच तकनीकी रूप से महत्वपूर्ण नहीं, पर भावनात्मक रूप से टीमों के भविष्य की दिशा तय करता है।" उन्होंने आगे बताया कि अगर तमिल थलाईवस इस खेल में बड़े पैमाने पर रैफ़्टिंग करता है तो अगली सत्र में उनका कोचिंग स्टाफ को दोबारा देखना पड़ेगा। हरियाना स्टीलर्स के कोच ने कहा, "हमें इस ‘समाप्ति’ को सीख के रूप में लेना चाहिए, क्योंकि युवा खिलाड़ी अभी भी विकास की अवस्था में हैं।" इस तरह दोनों पक्षों ने भविष्य की रणनीति पर जोर दिया।

भविष्य का दृष्टिकोण और पिछले सीजन की तुलना
2017‑18 सीजन की तुलना में, 2018‑19 में टीमों की औसत जीत‑हार अनुपात में 5% सुधार देखा गया। विशेषकर, दक्षिणी राज्य की तमिल थलाईवस ने पिछले दो सीजन में सबसे अधिक रैफ़्टिंग पॉइंट्स (3,212) हासिल किए थे, लेकिन इस अंतिम मैच में केवल 152 पॉइंट्स ही जुटाए। हरियाना स्टीलर्स की रैफ़्टिंग औसत 2,945 थी, पर इस खेल में उन्होंने 138 ही पॉइंट्स दर्ज किए। आँकड़े यह दिखाते हैं कि "मेडिसिन बॉल वाला खेल" (अर्थात टॉप फॉर्म में खेलना) कई बार केवल लीग के अंतिम दौर में ही स्पष्ट रूप से सामने आता है।
आगे देखते हुए, प्रो कबाड़ी लिग के संस्थापक Mashal Sports ने घोषणा की है कि 2020 में नई फ्रेंचाइज़ी जोड़ने की योजना है, जिससे कुल टीमों की संख्या 14 तक बढ़ेगी। इस बदलाव से संभावित रूप से प्ले‑ऑफ़ क्वालिफाइंग टीमों की संख्या भी दो बढ़ सकती है, जिससे भविष्य में ऐसे "निष्क्रिय" मैचों की संभावना घटेगी।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
यह मैच दर्शकों के लिए क्यों मायने रखता है?
भले ही दोनों टीमें प्ले‑ऑफ से बाहर थीं, लेकिन इस मैच ने युवा खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन का मंच दिया, जिससे भविष्य में भारत की कबाड़ी प्रतिभा के विकास पर असर पड़ सकता है।
स्ट्रीमिंग के लिए कौन‑से प्लेटफ़ॉर्म उपलब्ध थे?
कंपनी ने Hotstar और JioTV दोनों पर लाइव स्ट्रीमिंग प्रदान की, जबकि टेलीविज़न पर Star Sports 2 और Star Sports 2 HD चैनल पर यह मैच प्रसारित हुआ।
इस मैच में सबसे अधिक अंक किस टीम ने बनाए?
तमिल थलाईवस ने 152 अंक बनाए, जबकि हरियाना स्टीलर्स ने 138 अंक हासिल किए। दोनों के अंतर को देखते हुए थलाईवस ने मामूली बढ़त बनाई।
भविष्य में कबाड़ी लीग में कौन‑से बदलाव की संभावना है?
Mashal Sports ने फ्रैंचाइज़ी बढ़ाने की योजना जारी की है, जिससे टीमों की संख्या 12 से 14 तक बढ़ेगी और प्ले‑ऑफ़ क्वालिफाइंग स्लॉट भी दो जोड़ने की संभावना है।
कोलकाता में इस इवेंट का आर्थिक प्रभाव क्या रहा?
स्थानीय होटल और खाने‑पीने की जगहों ने अनुमानित ₹2.3 करोड़ अतिरिक्त राजस्व जमा किया, जबकि स्टेडियम की टिकट बिक्री से लगभग ₹1.8 करोड़ की आय हुई।
टिप्पणि
भले ही ये मैच प्ले‑ऑफ की जगह नहीं बना, पर हमें कबाड़ी की रफ्तार का मज़ा लेना चाहिए। हरियाना स्टीलर्स ने थोड़ा संघर्ष किया, मगर तमिल थलाईवस ने अपनी धाक जमाई। आँकड़े थोड़े नीरस दिखते हैं, फिर भी दर्शकों का रोमांच कम नहीं हुआ। कहूँ तो यह "कविता सम्मेलन" भी एक तरह का बड़ा इवेंट था।
मैच देख कर दिल धड़कने लगा!
देश की कबाड़ी लीग को आगे बढ़ाने के लिए हमें ऐसी ही पक्की टीमों की जरूरत है💪। तमिल थलाईवस की असफलता को हमें शर्मिंदा नहीं करना चाहिए, बल्कि सुधार की धारा में जोड़ना चाहिए। हरियाना स्टीलर्स ने भी कम नहीं किया, लेकिन अब समय है नई रणनीति बनाने का।
आज का मैच भले ही निर्णायक नहीं था, पर हमारी भावनाओं को छू गया। ऐसी ही छोटी-छोटी जीतें टीम को आगे बढ़ाती हैं।