बुमराह की बेमिसाल बॉलिंग
हैडिंगले के तीसरे दिन भारत ने इंग्लैंड के पहले इनिंगस को 465 पर सीमित कर दिया, और यह सब Bumrah की पाँच विकेट की चमक के कारण संभव हुआ। स्मूद ग्राउंड पर असमान बॉल और बदलते मौसम की वजह से बम्पर बॉल को संभालना मुश्किल हो गया, पर बुमराह ने तेज़ गति और सटीक लाइन से बल्लेबाजों को डगमगा दिया। 5/83 के पूरे आंकड़े उनके करियर की अब तक की सबसे प्रभावशाली लीडिंग में से एक बन गया।
बुमराह के साथ साथी गेंदबाज प्रसीध कृष्णा ने तीन विकेट लिये, जबकि मोहम्मद सिराज ने दो विकेट चुराए। इस तीन‑गेंदबाज कॉम्बिनेशन ने इंग्लैंड को 465 पर रोक दिया, जिससे भारत को केवल छह रनों की छोटी पहली इनिंग अगली बढ़त मिल सकी।
- बुमराह – 5 विकेट, 83 रन
- प्रसीध कृष्णा – 3 विकेट
- मोहम्मद सिराज – 2 विकेट
इंग्लैंड की ओर से ओली पोप ने 106 का शतक मारकर अपनी टीम को बचाने की कोशिश की, लेकिन हॅरी ब्रोको का 99 पर बाहर होना उनके आगे के लक्ष्य को रोका। कप्तान बेन स्टोक्स के 20 रन भी सिराज के हाथों गिर गये, जिससे इंग्लैंड के मध्य क्रम की स्थायित्व टूट गई।
केएल राहुल की स्थिरता ने भारत को मजबूती दी
जैसे ही भारत ने अपना दूसरा इनिंग शुरू किया, यशस्वी जैसवाल का 4 पर गिरना शुरुआती झटके जैसा रहा। फिर भी केएल राहुल ने धीरज और तकनीक से 47* बना कर टीम को स्थिर किया। उनके साथ साई सुधर्सन ने 66 का महत्वपूरण साझेदारी बनाई, जिससे भारत 90/2 पर स्टम्प्स पर पहुँचा और कुल बढ़त 96 रनों की हो गई।
राहुल की विकेट-सेफ़ पॉलिसी ने इंग्लैंड की तेज़ गेंदबाज़ी को भेदना मुश्किल बना दिया। वह खिलते बॉल के सामने अपने पैर के सही स्टेंस पर टिके रहे, जिससे उनका डिफेंस मजबूत बना रहा। उनका 50 के करीब पहुँचना, खासकर बारिश की आस वाले मौसम में, टीम के मनोबल को काफी ऊँचा रखता है।
इंग्लैंड की ओर से जॉश टोंग का अनियमित स्पेल भारत के बल्लेबाज़ों को आसान रनों की बौछार करने में मददगार साबित हुआ, पर यह बौछार बारिश के कारण जल्दी ही रुक गई। स्ट्रीम पर गिरते हुए पानी की बूँदें दिखाने के साथ ही आधे घंटे पहले सत्र खत्म हो गया, जिससे दोनों टीमें अगले दिन के लिए तैयारी कर रही हैं।
इसी बीच, इंग्लैंड के लिए यह बड़ा सवाल है कितनी जल्दी वे बुमराह की गति को तोड़ पाएँगे। दूसरी ओर भारत को अब अपनी लैंगिक स्थिरता को बनाये रखना है, खासकर अबेड़ ज़ुल्फ़ी और गोकुल के साथ मिलकर रनों की गति बनानी है। अगर राहुल और सुधर्सन इस गति को जारी रखेंगे तो भारत का लक्ष्य 300 से अधिक रनों का बड़ा कुल बनाना और इंग्लैंड पर दबाव बनाये रखना है।
हेडिंगले की पिच इस सीज़न में दोनों बॉलर्स और बैटर्स को बराबर मौका देती आ रही है। तेज़ बॉलर्स को शुरुआती ओवर में मदद मिलती है, पर जैसे-जैसे पिच बिखरती है, स्पिनर और बॉल कंट्रोल की मांग बढ़ती है। इस संतुलित माहौल ने इस टेस्ट को रोमांचक बना दिया है और दोनों देशों के समर्थकों के लिए तनावपूर्ण क्षणों की भरमार लाई है।
टिप्पणि
बुमराह की पाँच विकेट की चमक ने भारत को हेडिंगले पर बड़ी बढ़त दिलाई, वाकई में शानदार प्रदर्शन!
पहला ओवर देखो, बम्पर बॉल के साथ भी बुमराह ने फायर से फायर मिलाया, ऐसा लगता है जैसे वह जादूगर हो!
बॉलीवुड के एक्शन सीन की तरह गति, सटीकता और लाइन, सब कुछ एक साथ मिला।
परन्तु, कुछ लोग अभी भी कहेंगे कि यह सिर्फ सौभाग्य था, यह बात नहीं मानूंगा।
जब बुमराह ने 5/83 की मैजिक डेली वाईनड थ्रो की, तो इंग्लैंड का बैटिंग लाइन अप एकदम बिखर गया।
वह गेंदें इतनी तेज़ थीं कि प्रतिवादी बैट्समैन ने अपनी शॉट को भी नहीं देख पाया।
ऐसे क्षण में, बापड़ बॉल्स के साथ भी बम्पर बॉल्स को संभालना असान नहीं, पर बुमराह ने ऐसा किया।
फॉल्ट्स की बात करें तो बम्पर रखरखाव पर सवाल उठते हैं, लेकिन बुमराह ने इसे लेकर कोई बहाना नहीं दिया।
इंग्लैंड के हेड कोच ने कहा था, “हम बूमराह की गति को तोड़ेंगे”, पर अब वह भी चुप हैं।
वास्तव में, बुमराह ने हार्ड मार्टिन की तरह अपने शॉट्स को जलेबी बना दिया।
प्रसिदह कृष्णा और सरज की मदद से इंग्लैंड का स्कोर 465 तक सीमित रहा।
खासकर सरज ने दो विकेट चुराए, जो बुमराह के बाद बड़ी मेहनत थी।
जैसे ही भारत ने बड़ा लक्ष्य हासिल किया, पूरे स्टेडियम में खुशी की लहर दौड़ गई।
यह भी सच है कि मौसम का असर भी रहा, लेकिन बुमराह ने धूप-बरसात दोनों में अपना जादू चलाया।
आख़िर में, बुमराह की बॉलिंग एक मज़ेदार कहानी बनेगी, जिसे भविष्य में याद करेंगे।
बुमराह की पंचिंग बॉलिंग एक कलात्मक अभिव्यक्ति है, जिसमें तेज़ी और शिल्प दोनों का संगम है।
जैसे पेंटिंग में जीवंत रंग, वैसे ही उनके बलों में जीवनधारा बहती है; यह अद्भुत है।
हालाँकि, इनके साथ केल्लो की स्थिरता भी काबिल-ए-तारीफ़ है, जो टीम को संतुलन देती है।
यह लेख पढ़कर ऐसा महसूस होता है कि खेल में रचना और नाट्य दोनों को मिला दिया गया है।
बिल्कुल, विश्लेषण में थोड़ा और गहराई चाहिए थी, पर फिर भी लेख में रंगीन शब्दों की भरमार है।
बुमराह का प्रदर्शन सच में अविस्मरणीय है।
बिलकुल, बुमराह की गेंदें जैसे तेज़ धारा में तैरती हो, और टीम को नया आत्मविश्वास देती हैं।
कोच की द्रष्टि से देखा जाये तो ऐसी बॉलिंग थ्री-स्टार बेवेरिएशन के लिए बुनियादी योजना जरूरी है।
विकास की दिशा में यह कदम टीम के भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए हम सभी को समर्थन देना चाहिए।
चलो, इस ऊर्जा को आगे भी देखते रहें।
भाईसाब, बुमराह ने तो सबसे बड़ै धुंआ धुंआ कर दिया!
वो बॉल्स ऐसी थी जैसे चाकू से काट रही हों, सरज के दो विकेट भी लकीरें बना गरते थे!
ऐसै में इंग्लैंड वाले किचकिचाए हैं, पर हम तो हँसते-हँसते केलो के साथ चाय पी लेयेंगे!
और हाँ, मौसम की बातें छोड़ो, बुमराह की पावर देख के तो पवन भी सीरियस हो गया।
फीक्, इस बॉलिंग को फिर से देखना है, वर्ना कशनी तो नहीं सिग्नल दे रही!
वास्तव में, बुमराह की चमक के पीछे कुछ गुप्त रणनीति छुपी हुई है, जिसे आम दर्शक नहीं देख पाते।
संभवतः टीम मैनेजमेंट ने डाटा एनालिटिक्स का इस्तेमाल करके बम्पर पिच का मौसमी पैटर्न पहले से ही जान लिया था।
इसलिए कहा जाता है कि टॉप बॉलर्स का चयन केवल क्षणिक फॉर्म पर नहीं, बल्कि विस्तृत साइबर-इंटेलिजेंस पर आधारित होता है।
इंग्लैंड के कोच ने शायद इस बात को समझ नहीं पाया, इसलिए वे निरंतर क्षणिक विफलता में फँसे रहे।
परन्तु, यह भी कहा जा सकता है कि यह सब एक बड़ा कॉम्प्लेक्स मैकेनिज्म है, जिसमें कई स्तरों पर जानकारी का आदान‑प्रदान होता है।
अंत में, बुमराह की बॉलिंग सिर्फ फ़िज़िक्स नहीं, बल्कि एक गुप्त एजेंडा भी हो सकता है।